Friday, January 8, 2016

नाम राम प्रवेश दास: जाति चमार

इसे गौर से पढ़िए प्लीज...
इस युवक का नाम राम प्रवेश दास है। जाति चमार। घर गया (बिहार) के बैजनाथपुर गांव में है। ये बंदा मगध यूनिवर्सिटी में कॉमर्स सब्जेक्ट से जेनरल कोटे के बराबर अंक लाकर प्रि-पीएचडी पास किया। उसके बाद इंटरव्यू फेस किया। इंटरव्यू में पास करने के बाद पीएचडी कोर्स वर्क में एडमिशन करवाया, जिसमे सामान्य वर्ग के छात्रों के बराबर (12,500 रूपये) फीस जमा किया। 6 महीने के कोर्स वर्क कंप्लीट करने के बाद इसका एग्जाम दिया। जिसमें अनिवार्य न्यूनतम (50%) अंक से ज्यादा अंक प्राप्त किया। इसके बाद आयी सिनोप्सिस जमा करने की बारी। यूनिवर्सिटी के कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार इसके लिए गाइड का होना जरूरी है। पर इसके दलित होने के कारण यूनिवर्सिटी का कोई प्रोफ़ेसर इसका गाइड बनने को तैयार नहीं है। ये हालत तब है, जब बिहार के सभी यूनिवर्सिटी के हेड (कुलाधिपति) महामहिम राज्यपाल कोविन्द साहब और बिहार के शिक्षामंत्री अशोक चौधरी जी दलित हैं। राम प्रवेश दास बहुत गरीब परिवार से है। प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता है। ये यूजीसी के नियमावली 2009 के अनुसार पीएचडी कर रहा है। इसलिए पीएचडी होने के बाद लेक्चरर बनने के लिए नेट पास करने की बाध्यता नहीं रहेगी। क्योंकि बिहार के दलित न के बराबर कॉमर्स पढ़ते हैं। और भी पढ़ते हैं, तो बीकॉम से आगे नहीं पढ़ते। इसलिए लेक्चरर की वैकेंसी आने पर, रिक्त पद जितने भी SC उम्मीदवार नहीं मिलते। ऐसे में अगर राम प्रवेश दास पीएचडी कर लेता है तो इसके लेक्चरर बनने का रास्ता साफ़ हो जायेगा। मैं चाहता हूं कि आप सब इन्हें सहयोग करें। ज्यादा कुछ नहीं बस इस पोस्ट को शेयर करें। ताकि मगध यूनिवर्सिटी की पोल खुले और बात राज्यपाल महोदय एवं शिक्षामंत्री जी तक पहुंचे। धन्यवाद।

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