Thursday, June 29, 2017

क्या भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आज़ाद रावण जी का एनकाउंटर करना चाहती थी पुलिस?

भीम आर्मी की दिल्ली रैली में स्वयं चंद्रशेखर आज़ाद 'रावण' जी ने कहा था
कि वह स्वयं पुलिस को गिरफ्तारी देंगे। ऐसा उन्होंने संसद मार्ग पर कहा जहाँ
दिल्ली पुलिस का सबसे अहम और खुफिया यंत्रों से लैस पुलिस थानों में से एक
स्थित है। फिर उनको वहीं गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? हो सकता हो कि वे
पुलिस के पास गए हों और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। फिर चंद्रशेखर
पंजाब जाते हैं और हर जगह की तस्वीरें और वीडियो सार्वजानिक करते हैं, पर क्या
पुलिस का खुफिया तंत्र इतना कमजोर है कि उसे इसकी भनक भी नहीं होती और
वह चंद्रशेखर जी को न केवल भगौड़ा ही बल्कि इनामी मुजरिम भी बना देते हैं ?
और फिर यह सब नाटक के बाद ही पुलिस उनको गिरफ्तार करती है।
आखिर पुलिस संसद मार्ग पर क्या सो रही थी ? जब चंद्रशेखर जी इतने बड़े मुजरिम
हो गए कि उन पर इनाम रखना पड़ा तो संसद मार्ग से ही उनको गिरफ्तार क्यों नहीं
किया गया ? इसका सीधा उत्तर यही दिया जा सकता है कि पुलिस और सरकार उनका
एनकाउंटर करना चाहती थी। इसके लिए सारी हिन्दू मीडिया के तंत्र से उनको बदनाम
कराया गया पर एक भी राजपूत का नाम नहीं आया जिन्होंने शब्बीरपुर में तलवारे और
गोलियां चलाई। पर बादाम केवल अनुसूचित जाति के व्यक्ति को ही किया गया। और
फिर यह साजिश रची गयी। यह प्राचीन षड़यंत्र है जो कि मूलनिवासी राजाओं के साथ
किया जाता रहा। महाराजा बलि, महिषासुर, और कई मूलनिवासी असुर राजाओं को ऐसे
ही छल और षड़यंत्र से मारा गया। कई प्राचीन स्थानों के नाम का संधि विच्छेद करें तो एक
शब्द असुर आता है। जैसे बिहार में गया - गयासुर (प्राचीन असुर राजा गयासुर के नाम पर),
ओडिशा में बालासुर, केरल में थ्रिसुर, कर्नाटक में मैसूर (असुर राज महिषासुर के नाम पर),
सूरत आदि। अब यह जानिए कि यह असुर क्या है। पहले समझिए कि सुर क्या है।
सुर का अर्थ है सूर्य। पर सुर का एक और अर्थ है अरबी भाषा में - ऊपर। तो सूर्य का
धरती के ऊपर होने का कारण उसे सुर कहा गया। भारत में सूर्य का प्रकाश अच्छा रहा
इसलिए यहाँ के लोगों को सूर्यवंशी कहा गया। पर सुर से असुर कैसे बन गया?
उत्तर यह है कि यह उन्हीं षडयंत्रकारियों ने बनाया जो आज चंद्रशेखर और जस्टिस कर्णन
के साथ षड्यंत्र रच रहे हैं। जब भारत में मूलनिवासी राजाओं को छल और षड़यंत्र से मार
दिया गया या पराजित कर दिया गया तो उनका स्टेटस (प्रतिष्ठा, सामाजिक स्थिति) ऊंचा
न रह कर नीचा कर दिया गया। सुर को असुर बना दिया गया। अब इस सूर्य की धरती के
मालिक वह नहीं रहे जो यहां राज करते थे। उन सुरों का अंत कर दिया गया। अंत + सुर = असुर।
सुर अर्थात ऊंचा और असुर अर्थात नीचा। यहाँ यह भी समझिए की सुर की पहचान किसने दी होगी ?
वे वही होंगे जो ऐसे क्षेत्रों से (यहाँ) आए हों जहाँ सूर्य की रौशनी कम है। (बाल गंगाधर तिलक
ने 1903 में प्रकाशित अपनी पुस्तक - द आर्कटिक होम इन द वेदास (वेदों में उत्तर ध्रुव का घर)
में वेदों के आधार पर बताया है कि ब्राह्मण दस हज़ार वर्ष पूर्व उत्तरीय ध्रुव से योरोप होते हुए
भारत में आए थे)। और जो असुर थे, अर्थात उन जगहों के वासी जहाँ सूर्य का प्रकाश कम था,
वे खुद को सूर्यवंशी कहलाने लगे। हो सकता हो कि राजा रामचंद्र भी उन्हीं विदेशियों के
वंशजों में से एक हो जो यहाँ के राजाओं को छल या षड्यंत्र से पराजित करके या मार के,
बाद में सूर्यवंशी कहलाए। तो इस प्रकार हिन्दू ग्रथों के समस्त सूर्यवंशी राजा असल में
असुर थे, अर्थात भारत के बहार के ठन्डे प्रदेशों के थे, और बाद में सुर राजाओं को छल
या षडयंत्र से पराजित या मार कर स्वयं को सूर्यवंशी कहलाने लगे। यदि राम सही में
सूर्यवंशी होते तो उनके नाम के साथ चंद्र (चाँद) नहीं लगा होता। क्योंकि चंद्र की कम
रौशनी होने के कारण उसे नीचा माना जाता रहा होगा। चाँद की कम रौशनी में जान को
ख़तरा रहता था। इसलिए चाँद के साथ डर जुड़ गया और चाँद अपनी भयावहता के लिए
चंड बन गया। इसलिए मौत देने वाले को चंडाल कहा गया, क्योंकि वह चाँद (चंड (चन्द्रमा)
ही था जिसकी उपस्थिति में जानवर और शत्रु आक्रमण करते थे)। पर प्रश्न यह है कि आखिर
चद्रवंशी कौन होंगे ? क्या वे सुर थे ? यदि वे असुर थे तो उन्हें चंद्रवंशी क्यों कहा गया ?
इसका सीधा उत्तर यह है कि वे भी वही थे जो बहार से आए थे। विशेषकर उन क्षेत्रों से
जहाँ सूर्य कम निकलता था। इसलिए उन्हें चंद्रवंशी कहा गया। पर उन्हीं में से जो भारत
के सुर राजाओं को पराजित करने या धोखा देने में कामयाब हो गए, उन्होंने यहाँ के
राजाओं की पहचान ले कर खुद को सूर्यवंशी बता दिया। पर असुरों को चंद्रवंशी
नहीं बताया जा सकता था। क्योंकि वे चंद्रवंशी नहीं थे। अर्थात वे बहार से, ठन्डे
प्रदेशों से आए नहीं थे। चंद्रवंशियों को भी असुर नहीं कहलाया जा सकता था क्योंकि
वे तो असल में नए सूर्यवंशियों के समूह के ही थे। शायद यही कारण है कि हिन्दू ग्रन्थ
सूर्यवंशी और चंद्रवंशियों की मित्रता और असुरों (असली सुरो, सूर्यवंशियों) के संघर्ष
से भरे हुए हैं। जैसे सूर्यवंशी राजा विश्वामित्र और वशिष्ठ। राम के नाम के साथ चंद्र
इसलिए ही लगा क्योंकि वे असल में चंद्रवंशी, असुर रहे होंगे। मैं इस लेख में यह
इसलिए लिख रहा हूँ, ताकि इतिहास को समझा जाए क्योंकि सैकड़ों और हज़ारों
र्षों पुराना इतिहास आज फिर से दोहराया जा रहा है। एक तरफ न्यायालयों में
भ्रष्टाचार के खिलाफ तो सब बोलते हैं पर आवाज़ उठाने वाले अनुसूचित जाति के
जस्टिस कर्णन को ही बंदी बना दिया जाता है। वैसे तो अनुसूचित जाति के लोगों के
साथ अत्याचार होते रहते हैं पर आवाज़ उठानेवाले चंद्रशेखर को ही भगौड़ा बना कर
शायद एनकाउंटर करने की तैयारी की जा रही थी। ओह! बेशर्म लोगों ! ज़रा तो डरो
अपने इतिहास से ! क्यों इस भारत भूमि के मूलनिवासियों के खिलाफ ऐसे षड़यंत्र रचते हो ?
सुधर जाओ, संभल जाओ ! जनक्रांति की सुनामी में बह गए विश्व के सबसे ताकतवर गुंडे।
भगवन बुद्ध के मार्ग को अपनाओ। वही तुम्हारा कल्याण करेंगे। मैत्री और करुणा रखो।
मत करो यह सब। शायद तुम्हारे शरीर में हृदय है पर उस हृदय में प्रेम नहीं।
- लेखक - निखिल सबलानिया
(कृपया लेखक की अनुमति के बिना इस लेख को किसी भी पत्रिका, अखबार, टीवी,
पुस्तक आदि में प्रकाशित न करें) संपर्क : केवल ईमेल से sablanian@gmail.com
(विशेषाधिकार - निखिल सबलानिया प्रकाशन, दिल्ली)
(नोट - इस लेख में लेखक ने पहली बार सुर और असुर के सिद्धांत को एक अलग
तरीके से समझाया है और यदि यह सही है तो यह एक ऐतिहासिक लेख है।
आप भी लेखक के द्वारा उदघोषित किए विचार पर शोध करें और अपनी शोध
के आधार पर नए तथ्य लोगों तक पहुंचाएं)। 29/6/2017 लेखक की अन्य पुस्तकें







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Friday, January 6, 2017

एक जाति के गुलाम हो चुके हो!!!

आपको भी शर्म आ जाये......

ना शर्म आए तो समझो आप ने

एक जाति के गुलाम हो चुके हो!!!

1 - मोहन भागवत - ब्राह्मण  - आरएसएस प्रमुख

2 - नितिन गडकरी  (ब्राह्मण ) - पर्यटन मंत्री

3 - सुषमा स्वराज  (ब्राह्मण ) - विदेश मंत्री

4 -  अरुण जेटली (ब्राह्मण  ) - वित्त  मंत्री

5 - प्रकाश जावडेकर  (ब्राह्मण ) - शिक्षा  मंत्री

6 -रविशंकर प्रसाद  (ब्रहाण  ) - सुचना  मंत्री

7 -सुरेश  प्रभु  (ब्राह्मण ) - रेलमंत्री

8 -स्मृति ईरानी (ब्राह्मण)  - कपड़ा मंत्री

9- मनोहर पर्रिकर- ब्राह्मण- रक्षा मंत्री

10-कलराज मिश्र ( ब्राह्मण)   - मंत्री भारत सरकार

11 -मनोज तिवारी ( ब्राह्मण)  - प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली

12- सुधांशु त्रिवेदी  ( ब्राह्मण  )- राष्ट्रीय प्रवक्ता

13 -संबित पात्रा   ( ब्राह्मण  )- राष्ट्रीय प्रवक्ता

14 -श्रीकांत शर्मा ( ब्राह्मण)   - राष्ट्रीय प्रवक्ता

15-किशोर उपाध्याय  (ब्राह्मण ) - राष्ट्रीय प्रवक्ता

16 -रघुवर दास (ब्राह्मण ) - झारखंड सीएम

17 -देवेन्द्र फड़नवीस (ब्राह्मण) - महाराष्ट्र सीएम

18 जयंती नटराजन(ब्राह्मण)- राज्य मंत्री

18 किरण रिजूज ( ब्राह्मण) - राज्य मंत्री

19 -नृपेन्द्र मिश्र  (ब्राह्मण  ) - मुख्य सचिव पीएम

18 -मुकुल रोहतगी  (ब्राह्मण ) - अटार्नी जनरल

19 -मेनका गाँधी  (ब्राह्मण) - राज्य मंत्री

20 -डा महेश शर्मा  (ब्राह्मण ) - राज्य मंत्री

21 बाबुल सुप्रियो  - ब्राह्मण-  राज्य मंत्री

और अब
विपिन रावत-  ब्राह्मण-  थलसेना प्रमुख

वाह रे हिन्दु हिन्दू का नाम जपने वाले .......

अब देश के ब्रह्म के घर जब बच्चा पैदा होगा तो डाक्टर कहेगा

'बधाई हो कैबिनेट मंत्री  हुआ है'

( देश मे से चुने गए 44 जजो  में 34 ब्राह्मण है!!

Kya mehnt krege aap hm hi bta dete h ............. :

पिछले सालों में उनके वायदे और उपलब्धियाँ

👉कब धारा -370 हटेगी ?
👉कब जवानो की शहादत रुकेगी?
👉कब माल्या घर आयेगा?
👉कब दाऊद जेल जाएगा?
👉कब 15 लाख मिलेगे ?
👉कब दो करोड़ रोजगार मिलेगे ?
👉कब किसान की एमएसपी बढेगी ?
👉कब किसान की आत्महत्या रुकेगी ?
👉कब तक गरीब भूखा सोयेगा ?
👉कब तक दलित डर से रोयेगा?
👉कब गौहत्या बैन होगी?
👉कब कालाधन मालिक रोयेगा?
👉कब भ्रष्टाचार रुकेगा?
👉कब अबला की पीर घटेगी?
👉कब शिवराज, रमन सिंह
पंकजा, वसुंधरा, सुषमा
भ्रष्टाचारी जेल जायेगे? 🙏🏻
बैकलॉग की भर्ती पर रोक व अन्य पिछले दो सालों में विज्ञापन तो बहुत निकले और नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये

भी लूटे गए पर आज तक कोई
भी भर्ती पूरी नही हो पायी ……


केन्द्र सरकार पूरे होते वादे ….

इस सरकार की कामयाबी को छिपाओ नहीं सभी लोगो को शेयर

करे !!!

पद्म भूषण और पद्म विभूषण भारत रत्न सम्मान

केंद्र  सरकार द्वारा दिया जाने वाला पुरस्कार 2016-17

1.रजत शर्मा  (ब्राह्मण )

2.अनुपम खेर  (ब्राह्मण )

3. उदित नारायण  ( ब्राह्मण)

4.सुधीन्दर मेमन  ( ब्राह्मण)

5.श्री रविशंकर प्रसाद  ( ब्रहाण)

6.यामिनी कृष्ण मूर्ति  ( ब्राह्मण)

7.अविनीश दिक्षित  ( ब्राह्मण)

8.विश्वनाथन शांता  ( ब्राह्मण)

9 . अश्विनी तिवारी ( ब्राह्मण)

10-Ajay Devgn ( ब्राह्मण)

11- Bhikhudan GadhvSupakar ( ब्राह्मण)

12- Prathibha Prahlad ( ब्राह्मण)

13- Tulsidas Borkar ( ब्राह्मण)

14- Soma Ghosh ( ब्राह्मण)

15- Nila Madhab Panda( ब्राह्मण)

16- S.S. Rajamouli ( ब्राह्मण)

17- MadhurBhandarkar ( ब्राह्मण)

यक्ष प्रश्न? क्या देश में अब
ब्रहाण ही बचे हैं
जो सम्मान के योग्य हैं!

ब्राह्मण की आबादी भारत मे 3% है

मगर इन्होने 97% को गुलाम बनाकर रखा है!!

इनको ब्राह्मण के अलावा कोई नहीं मिल रहा है।

इस message को जितना हो सके share करे।

और बताये की हम कितने अच्छे voters है ll

और समझाये कैसे हम एक जाति के गुलाम है!!!

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻