Saturday, April 18, 2020

डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की पुस्तक एनिहिलेशन ऑफ़ कास्ट और कास्ट्स इन इंडिया




















यह एक सरल भाषा का अनुवाद है जो निखिल सबलानिया द्वारा किया गया है। पुस्तकों के अनुवाद को करके आप तक लाने के लिए दान अवश्य दें।
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Holder: Nikhil Sablania.
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Branch: PADAM SINGH ROAD, 
Karol Bagh, Delhi-110005.
फोन पे नंबर PhonePe या Google Pay - 8851188170, या Paytm - 8527533051 पर भेज सकते हैं।
आपका यह दान अनुवादक के बौद्धिक और अन्य मिशनरी कार्यों को करने में सहायक होगा।
ऐस कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने हेतू और इस पुस्तक को छापने के लिए दान देना है तो आप फोन पर बात कर सकते हैं 8851188170.
पुस्तक के बारे में -
1936 में यह पुस्तक पहली बार प्रकाशित हुई थी। लाहौर के जात-पात-तोड़क मंडल के लिए तैयार किए गए इस भाषण को आर्य समाजियों के दबाव में आ कर मंडल ने हूबहू बोलने से माना कर दिया। हालाँकि डॉ. आंबेडकर जी इस
सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। बाद में डॉ. आंबेडकर जी ने इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया और द्वितीय संस्करण में मिस्टर गाँधी जी को उनके सवालों के जवाब भी दिए, जो इस पुस्तक में सम्मिलित हैं। बाबा साहिब डॉ. आंबेडकर जी का हम पर उपकार है कि जिन्होंने इतनी उत्तम कृति लिख कर भारत के लोगों को यह अनुपम भेंट दी।

पुस्तक के अनुवाद के बारे में - यह अनुवाद इतना सरल है कि किसी भी हिंदी पाठक की समझ में आसानी से आ जाएगा। कई शब्दों के एक से अधिक अर्थ भी जोड़ दिए हैं।  कई शब्दों के प्रचलित उर्दू शब्द भी दिए हैं जिस से कि यह विशेषकर उत्तर भारत के पाठकों को ऐसा ही लगे कि वे आम बोलचाल की भाषा में ही इसे पढ़ रहे हैं। डॉ. आंबेडकर जी ने इतनी अच्छी तरह से बातों को समझाया है कि पढ़ने वाले को एक-एक चीज सही से समझ में आ जाएगी। और अनुवाद में भी इस बात का ध्यान रखा गया है कि डॉ. आंबेडकर जी की लेखनी को भी ज्यों-का-त्यों रखा जाए जिससे कि पाठक वैसे ही पढ़ें जैसे डॉ. आंबेडकर जी चाहते थे। साथ ही, जैसा कि डॉ. आंबेडकर जी चाहते थे कि, इस पुस्तक के साथ 1916 में लिखे उनके लेख 'भारत में जातियां - उनकी क्रियाविधि, उत्पत्ति और विकास' (Castes In India - Their Mechanism, Genesis and Development) को भी इस पुस्तक में शामिल किया जाएगा। इसका अनुवाद भी एकदम सरल होगा और यह डॉ. आंबेडकर जी को हमारी एक भेंट होंगी।

मित्रों, ऐसे कार्य करने के लिए शिक्षा, समय, ऊर्जा, लगन और धन की आवश्यकता पड़ती है। शिक्षा है, लगन है, मेहनत करते हैं, पर धन का अभाव ही रहता है। इस कमी को दूर करने के लिए आप दान दे सकते हैं। ऐसे आप डॉ. आंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देंगे, उनके कार्य को आगे बढ़ांएगे, समाज को एक नई दिशा देंगे और हमरी भी मदद करेंगे कि हम भी आपके साथ जुड़ कर डॉ. आंबेडकर जी के विचारों को आगे बढ़ा सकें। 
अनुवादक का परिचय
निखिल सबलानिया का जन्म दिल्ली में हुआ। उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक, सिनेमा में डिप्लोमा व एल. एल. बी. किया है। 2009 से वह डॉ. आंबेडकर जी के मिशन से जुड़ गए और बौद्ध धम्म पर अनेक लेख लिखे। उन्होंने बौद्ध शास्त्रों का भी अध्ययन किया और बौद्ध धम्म के विषयों पर कई वीडियो भी बनाएं। वह फिल्म निर्देशक और लेखक भी हैं और फिल्मों के लिए भी लिखते हैं। विगत वर्षों में उन्होंने पुस्तकों, वीडियों और लेखों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर जी के विचार और साहित्य को जनमानस तक पहुंचाया। वह कम आयु में ही बाबा साहिब जी के सपने को साकार करने के लिए लग पड़े और डॉ. आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ाने में लग गए।
लेखक के रूप में --रचनाएं :
(1) बाबा साहिब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की अमर कथा (डॉ. आंबेडकर जी की संक्षिप्त जीवनी) ; www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(2) डॉ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म (डॉ. आंबेडकर जी का धम्म दीक्षा समारोह में दिया 1956 का भाषण, बौद्ध संस्कार व पूजा पद्धतियां और बौद्ध धम्म के महत्त्व पर अनेक लेखों  के साथ रंगीन चित्रों में पुस्तक); www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(3) दलित की गली - लघु उपन्यास (अप्रकाशित) पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
(4 ) बुद्ध का पथ - आधुनिक काल में बौद्ध दर्शन (अप्रकाशित) पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

उन्होंने डॉ. आंबेडकर जी की तीन पुस्तकों का अनुवाद भी किया है : 

(1) शूद्र कौन थे ? और वे भारतीय वर्ण व्यवस्था का चौथा वर्ण कैसे बने ?(अप्रकाशित)
(2) अछूत और ईसाई धर्म (Amazon पर उपलब्ध है।) www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।

(3) जाति का संहार (एनिहिलेशन ऑफ कास्ट् और कास्ट्स इन इंडिया ) (अप्रकाशित)

2023 में यह पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है। 
इस लिंक से पुस्तक को अवश्य ऑर्डर करें
और डॉ आंबेडकर जी के विचारों को प्रचारित
करने में आपका और सहयोग करें 
https://www.nspmart.com/product/jksbmsnsph/

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नोट: यह अप्रकाशित प्रति है जिसमें स्पेलिंग मिस्टेक हो सकती है। बाद में उन्हें सुधार कर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी।

*जय भीम नमो बुद्धाय*

Friday, April 17, 2020

पुस्तक - बुद्ध का पथ - फ्री में पढ़ें






पुस्तक के बारे में
पुस्तक - बुद्ध का पथ : आधुनिक कल में बौद्ध धम्म दर्शन - बौद्ध धम्म को आज के समय अनुसार परिभाषित करती है और बताती है कि किस प्रकार की भ्रांतियां भगवान बुद्ध और के बारे में फैली है और साथ ही उनका उत्तर भी देती है।
नोट: यह अप्रकाशित प्रति है जिसमें स्पेलिंग मिस्टेक हो सकती है। बाद में उन्हें सुधार कर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। यदि आपको लेखक को ऐस कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने हेतू और इस पुस्तक को छापने के लिए दान देना है तो आप फोन पर बात कर सकते हैं 8851188170, अथवा इस बैंक एकाउंट या फोन पे नंबर (PhonePe or Google Pay - 8851188170, Paytm - 8527533051) पर भेज सकते हैं।
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Karol Bagh, Delhi-110005
लॉकडाउन की स्थिति में आपका यह दान लेखक के बौद्धिक और अन्य मिशनरी कार्यों को करने में सहायक होगा।
लेखक का परिचय
निखिल सबलानिया का जन्म दिल्ली में हुआ। उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक, सिनेमा में डिप्लोमा व एल. एल. बी. किया है। 2009 से वह डॉ. आंबेडकर जी के मिशन से जुड़ गए और बौद्ध धम्म पर अनेक लेख लिखे। उन्होंने बौद्ध शास्त्रों का भी अध्ययन किया और बौद्ध धम्म के विषयों पर कई वीडियो भी बनाएं। वह फिल्म निर्देशक और लेखक भी हैं और फिल्मों के लिए भी लिखते हैं। विगत वर्षों में उन्होंने पुस्तकों, वीडियों और लेखों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर जी के विचार और साहित्य को जनमानस तक पहुंचाया। वह कम आयु में ही बाबा साहिब जी के सपने को साकार करने के लिए लग पड़े और डॉ. आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ाने में लग गए।
लेखक की अन्य रचनाएं :
(1) बाबा साहिब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की अमर कथा (डॉ. आंबेडकर जी की संक्षिप्त जीवनी) ; www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(2) डॉ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म (डॉ. आंबेडकर जी का धम्म दीक्षा समारोह में दिया 1956 का भाषण, बौद्ध संस्कार व पूजा पद्धतियां और बौद्ध धम्म के महत्त्व पर अनेक लेखों  के साथ रंगीन चित्रों में पुस्तक); www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(3) दलित की गली - लघु उपन्यास (अप्रकाशित) पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

उन्होंने डॉ. आंबेडकर जी की तीन पुस्तकों का अनुवाद भी किया है : 

(1) शूद्र कौन थे ? और वे भारतीय वर्ण व्यवस्था का चौथा वर्ण कैसे बने ?(अप्रकाशित)
(2) अछूत और ईसाई धर्म (Amazon पर उपलब्ध है।) www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।

(3) जाति का संहार (एनिहिलेशन ऑफ कास्ट् और कास्ट्स इन इंडिया ) (अप्रकाशित)
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नोट : Pdf डाऊनलोड करने के बाद मोबाईल व्यू में पढ़े 

*जय भीम नमो बुद्धाय*

Thursday, April 16, 2020

जानिए कोरोना वायरस की जानकारी कैसे लें?

कोरोना वायरस का नाम क्या है ?
सार्स-2 या सार्स-कोव-2 उस वायरस का नाम है जिससे महामारी फैली है और इस महामारी का नाम है कोविड-19.

सार्स-2 वायरस कोरोना वायरस की एक प्रजाति है पर इसका जैविक (जैनेटिक कोड) साधारण कोरोना वायरस से भिन्न है। अभी तक इस वायरस का कोड वैज्ञानिकों को समझ नहीं आया है। 

क्या इस बीमारी की दवाई है ?

नहीं, इसकी कोई दवाई नहीं है। इसमें आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ही वायरस को रोकती है।

वैक्सीन क्या है ?
वैक्सीन एक ऐसा द्रव्य है जिसे शरीर की वायरस को रोकने की शक्ति बढ़ जाती है। इसे यदि पहले से दे दें तो वायरस की शरीर में पैठ करने की संभावना काफी कम हो जाती है। पर अभी तक इस नए वायरस की वैक्सीन नहीं बनी है।  भारत में आम बोलचाल की भाषा में वैक्सीन को टिका भी बोल देते हैं।

झोला-छाप डॉक्टरों और ठगों से सावधान 

यदि आपको कोई कहे कि उसके पास इसकी वैक्सीन है तो पहले सरकार के दिशा निर्देश देख लें। फ़िलहाल इसकी  अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। यदि आएगी तो सरकारी संस्था से सम्पर्क करें।

वैक्सीन कब तक आएगी?

इस वायरस की वैक्सीन पर फ़िलहाल शोध ही चल रहा है। कुछ वैज्ञानिक कह रहे हैं कि वे जल्द ही इसे बना लेंगे पर ज्यादातर वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इसमें समय लगेगा। कुछ वर्षों पहले आए एबोला वायरस की वैक्सीन 5 सालों में आई थी। इस वायरस की वैक्सीन आने में डेढ़ वर्ष तक लग सकते हैं। भारत सरकार इसका पूरा ध्यान रख रही है कि इसकी वैक्सीन जल्दी बने। वैक्सीन पर एक अन्य लेख हम जल्द ही प्रकाशित करेंगे।

भारत में मरीजों की संख्या इस वेबसाइट से देखें www.covid19india.org


लाल रंग में (Confirmed) अब तक के संक्रमित हुए केस हैं।
नील रंग में (Active) फ़िलहाल के संक्रमित हुए केस हैं।
हरे रंग में (Recovered) अब तक के उपचार हुए केस हैं।
स्लेटिये रंग में (Deceased) अब तक के संक्रमण से मृत लोगों की संख्या हैं। 

वेबसाइट पर ग्राफ चार्ट दिया हैं जिस पर आप रोज की (Daily) संख्या देख सकते हैं। 


विश्व के आंकड़े इस वेबसाइट पर देख सकते है www.worldometers.info/coronavirus/


लाल रंग के गोले में अब तक के विश्व में संक्रमित हुए कुल केस हैं। 
काले रंग के गोले में अब तक के संक्रमण से विश्व में मृत लोगों की संख्या हैं। 
हरे रंग के गोले में अब तक के विश्व में उपचार हुए केस हैं। 

नीचे दिया आंकड़ा बहुत महत्वपूर्ण है जो बताता है कि 

पिले गोले में क्लोस्ड केसेस (Closesd Cases) हैं कि कितने केस बंद हुए और उनमें से कितने ठीक हुए (Recovered / Discharged) और कितने प्रतिशत मर गए (Deaths)। 

नीचे  दिएचार्ट में विभिन्न देशों के मामलों का विवरण है जैसे:

टोटल केसिस (Total Cases) : कुल कितने संक्रमण हुए। 
न्यू केसिस (New Cases) : चार्ट देखे जाने समय कितने नए केस आए। 
टोटल डेथस (Total Deaths) : अब तक कितने लोग संक्रमण से मरे। 
न्यू डेथ्स (New Deaths) : चार्ट देखते वक्त कितनी नई मौतें हुई। 
टोटल रिकवर्ड (Total Recovered): कुल कितने लोग ठीक हो गए। 
एक्टिव केसिस (Active Cases) : फ़िलहाल कितने केस हैं। 
सिरियस क्रिटिकल (Criticle Cases) : कितने केस गंभीर हैं। 
टोटल केसिस / 1 M (Total Case/1M) : प्रति दस लाख लोगों में से कितने संक्रमित हुए। 
डेथस /1 M (Deaths/1M) : प्रति दस लाख लोगों में कितने मरे।
टोटल डेथस (Total Deths) : कुल कितने मृत हुए। 
टोटल टैस्टस (Total Tests) : कुल कितने टैस्ट हुए। 
टैस्टस / 1 M पॉप. (Tests/1M Pop) : प्रति दस लाख लोगों में कितने लोगों के टेस्ट हुए। 




उपर दिए वैश्विक चार्ट में किसी भी देश पर टच या क्लिक करके वहां के आंकड़े देख सकते हैं। जैसे कि हमने भारत के खोल कर नीचे दिखाया है। 



इस प्रकार उपर दी गई दो वेबसाइट्स से आप समय-समय पर आंकड़े देख सकते हैं। आंकड़े 24 से 48 घंटों में डाले जाते हैं। 

अब बड़ा प्रश्न है कि क्या एक बार ठीक होने के बाद मरीज में वायरस दुबारा आ सकता है ?

हाँ। कुछ मामलों में टैस्ट नैगेटिव आने के बाद फिर से पॉज़िटिव आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर नज़रें रखे हुए है। 

टैस्टिंग किट की समस्या 

एक अन्य समस्या भी बन सकती है और वह है टैस्टिंग किट की। चीन द्वारा या मुनाफाखोर कंपनियां जल्दबाजी में मौके का फायदा उठाने के लिए ऐसी किट भेज रही हैं जिनसे वायरस नहीं निकलता। ऐसे में मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है और वह अन्य लोगों को संक्रमित करते हैं। अमरीका ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। न्यू यॉर्क ने अपने ही शहर में और देश में सव-निर्मित किटों की व्यवस्था की है। भारत सरकार भी ऐसी तैयारी करने की बात कर चुकी है। 

कुलमिला कर समस्या गंभीर है इसलिए लॉकडाउन का सही पालन करें और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। जान है तो जहान है के मंत्र का पालन करें और खुद और औरों के लिए खतरा न बनें।  


लेखक : निखिल सबलानिया

@COPYRRIGHT PROTECTED: Nikhil Sablania 2020

Wednesday, April 15, 2020

उपन्यास - "दलित की गली" फ्री में ऑनलाइन पढ़ें

उपन्यास के बारे में
यह उपन्यास भारत की राजधानी दिल्ली में दलितों की एक कालोनी में उनके जीवन के संघर्ष को बताता है। यह सत्य घटनाओं और चरित्रों पर आधारित है।
लेखक का परिचय
निखिल सबलानिया का जन्म दिल्ली में हुआ। उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक, सिनेमा में डिप्लोमा व एल. एल. बी. किया है। 2009 से वह डॉ. आंबेडकर जी के मिशन से जुड़ गए और बौद्ध धम्म पर अनेक लेख लिखे। उन्होंने बौद्ध शास्त्रों का भी अध्ययन किया और बौद्ध धम्म के विषयों पर कई वीडियो भी बनाएं। वह फिल्म निर्देशक और लेखक भी हैं और फिल्मों के लिए भी लिखते हैं। विगत वर्षों में उन्होंने पुस्तकों, वीडियों और लेखों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर जी के विचार और साहित्य को जनमानस तक पहुंचाया। वह कम आयु में ही बाबा साहिब जी के सपने को साकार करने के लिए लग पड़े और डॉ. आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ाने में लग गए।
लेखक की अन्य रचनाएं : 

(1) बाबा साहिब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की अमर कथा (डॉ. आंबेडकर जी की संक्षिप्त जीवनी) ; www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(2) डॉ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म (डॉ. आंबेडकर जी का धम्म दीक्षा समारोह में दिया 1956 का भाषण, बौद्ध संस्कार व पूजा पद्धतियां और बौद्ध धम्म के महत्त्व पर अनेक लेखों  के साथ रंगीन चित्रों में पुस्तक); www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
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(3) जाति का संहार (एनिहिलेशन ऑफ कास्ट् और कास्ट्स इन इंडिया ) (अप्रकाशित)
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नोट: यह अप्रकाशित प्रति है जिसमें स्पेलिंग मिस्टेक हो सकती है। बाद में उन्हें सुधार कर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी। यदि आपको लेखक को ऐस कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने हेतू और उपन्यास को छापने के लिए दान देना है तो आप फोन पर बात कर सकते हैं 8851188170, अथवा इस बैंक एकाउंट या फोन पे नंबर (PhonePe or Google Pay - 8851188170, Paytm - 8527533051) पर भेज सकते हैं। State Bank of India (SBI)
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