Thursday, April 16, 2020

जानिए कोरोना वायरस की जानकारी कैसे लें?

कोरोना वायरस का नाम क्या है ?
सार्स-2 या सार्स-कोव-2 उस वायरस का नाम है जिससे महामारी फैली है और इस महामारी का नाम है कोविड-19.

सार्स-2 वायरस कोरोना वायरस की एक प्रजाति है पर इसका जैविक (जैनेटिक कोड) साधारण कोरोना वायरस से भिन्न है। अभी तक इस वायरस का कोड वैज्ञानिकों को समझ नहीं आया है। 

क्या इस बीमारी की दवाई है ?

नहीं, इसकी कोई दवाई नहीं है। इसमें आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ही वायरस को रोकती है।

वैक्सीन क्या है ?
वैक्सीन एक ऐसा द्रव्य है जिसे शरीर की वायरस को रोकने की शक्ति बढ़ जाती है। इसे यदि पहले से दे दें तो वायरस की शरीर में पैठ करने की संभावना काफी कम हो जाती है। पर अभी तक इस नए वायरस की वैक्सीन नहीं बनी है।  भारत में आम बोलचाल की भाषा में वैक्सीन को टिका भी बोल देते हैं।

झोला-छाप डॉक्टरों और ठगों से सावधान 

यदि आपको कोई कहे कि उसके पास इसकी वैक्सीन है तो पहले सरकार के दिशा निर्देश देख लें। फ़िलहाल इसकी  अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। यदि आएगी तो सरकारी संस्था से सम्पर्क करें।

वैक्सीन कब तक आएगी?

इस वायरस की वैक्सीन पर फ़िलहाल शोध ही चल रहा है। कुछ वैज्ञानिक कह रहे हैं कि वे जल्द ही इसे बना लेंगे पर ज्यादातर वैज्ञानिक कह रहे हैं कि इसमें समय लगेगा। कुछ वर्षों पहले आए एबोला वायरस की वैक्सीन 5 सालों में आई थी। इस वायरस की वैक्सीन आने में डेढ़ वर्ष तक लग सकते हैं। भारत सरकार इसका पूरा ध्यान रख रही है कि इसकी वैक्सीन जल्दी बने। वैक्सीन पर एक अन्य लेख हम जल्द ही प्रकाशित करेंगे।

भारत में मरीजों की संख्या इस वेबसाइट से देखें www.covid19india.org


लाल रंग में (Confirmed) अब तक के संक्रमित हुए केस हैं।
नील रंग में (Active) फ़िलहाल के संक्रमित हुए केस हैं।
हरे रंग में (Recovered) अब तक के उपचार हुए केस हैं।
स्लेटिये रंग में (Deceased) अब तक के संक्रमण से मृत लोगों की संख्या हैं। 

वेबसाइट पर ग्राफ चार्ट दिया हैं जिस पर आप रोज की (Daily) संख्या देख सकते हैं। 


विश्व के आंकड़े इस वेबसाइट पर देख सकते है www.worldometers.info/coronavirus/


लाल रंग के गोले में अब तक के विश्व में संक्रमित हुए कुल केस हैं। 
काले रंग के गोले में अब तक के संक्रमण से विश्व में मृत लोगों की संख्या हैं। 
हरे रंग के गोले में अब तक के विश्व में उपचार हुए केस हैं। 

नीचे दिया आंकड़ा बहुत महत्वपूर्ण है जो बताता है कि 

पिले गोले में क्लोस्ड केसेस (Closesd Cases) हैं कि कितने केस बंद हुए और उनमें से कितने ठीक हुए (Recovered / Discharged) और कितने प्रतिशत मर गए (Deaths)। 

नीचे  दिएचार्ट में विभिन्न देशों के मामलों का विवरण है जैसे:

टोटल केसिस (Total Cases) : कुल कितने संक्रमण हुए। 
न्यू केसिस (New Cases) : चार्ट देखे जाने समय कितने नए केस आए। 
टोटल डेथस (Total Deaths) : अब तक कितने लोग संक्रमण से मरे। 
न्यू डेथ्स (New Deaths) : चार्ट देखते वक्त कितनी नई मौतें हुई। 
टोटल रिकवर्ड (Total Recovered): कुल कितने लोग ठीक हो गए। 
एक्टिव केसिस (Active Cases) : फ़िलहाल कितने केस हैं। 
सिरियस क्रिटिकल (Criticle Cases) : कितने केस गंभीर हैं। 
टोटल केसिस / 1 M (Total Case/1M) : प्रति दस लाख लोगों में से कितने संक्रमित हुए। 
डेथस /1 M (Deaths/1M) : प्रति दस लाख लोगों में कितने मरे।
टोटल डेथस (Total Deths) : कुल कितने मृत हुए। 
टोटल टैस्टस (Total Tests) : कुल कितने टैस्ट हुए। 
टैस्टस / 1 M पॉप. (Tests/1M Pop) : प्रति दस लाख लोगों में कितने लोगों के टेस्ट हुए। 




उपर दिए वैश्विक चार्ट में किसी भी देश पर टच या क्लिक करके वहां के आंकड़े देख सकते हैं। जैसे कि हमने भारत के खोल कर नीचे दिखाया है। 



इस प्रकार उपर दी गई दो वेबसाइट्स से आप समय-समय पर आंकड़े देख सकते हैं। आंकड़े 24 से 48 घंटों में डाले जाते हैं। 

अब बड़ा प्रश्न है कि क्या एक बार ठीक होने के बाद मरीज में वायरस दुबारा आ सकता है ?

हाँ। कुछ मामलों में टैस्ट नैगेटिव आने के बाद फिर से पॉज़िटिव आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर नज़रें रखे हुए है। 

टैस्टिंग किट की समस्या 

एक अन्य समस्या भी बन सकती है और वह है टैस्टिंग किट की। चीन द्वारा या मुनाफाखोर कंपनियां जल्दबाजी में मौके का फायदा उठाने के लिए ऐसी किट भेज रही हैं जिनसे वायरस नहीं निकलता। ऐसे में मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है और वह अन्य लोगों को संक्रमित करते हैं। अमरीका ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। न्यू यॉर्क ने अपने ही शहर में और देश में सव-निर्मित किटों की व्यवस्था की है। भारत सरकार भी ऐसी तैयारी करने की बात कर चुकी है। 

कुलमिला कर समस्या गंभीर है इसलिए लॉकडाउन का सही पालन करें और सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। जान है तो जहान है के मंत्र का पालन करें और खुद और औरों के लिए खतरा न बनें।  


लेखक : निखिल सबलानिया

@COPYRRIGHT PROTECTED: Nikhil Sablania 2020

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