Thursday, March 7, 2019

डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की पुस्तक एनिहिलेशन ऑफ कास्ट का सरल हिंदी में अनुवाद Hindi Translation of Dr. B. R. Ambedkar's Annihilation of Caste and Castes in India






















































डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के बहुचर्चित भाषण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट'
(Annihilation of Caste) का मेरे द्वारा किया गया सरल हिंदी भाषा में अनुवाद 'जाति का संहार' इस वर्ष हमारे प्रकाशन 'निखिल सबलानिया पब्लिकेशन्स' से प्रकाशित कर रहे हैं। आप यदि यह वितरण करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें। इसे आप हमारी वेबसाइट पर भी खरीद पाएंगे। पुस्तक के बारे में - 1936 में यह पुस्तक पहली बार प्रकाशित हुई थी। लाहौर के जात-पात-तोड़क मंडल के लिए तैयार किए गए इस भाषण को आर्य समाजियों के दबाव में आ कर मंडल ने हूबहू बोलने से माना कर दिया। हालाँकि डॉ. आंबेडकर जी इस सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। बाद में डॉ. आंबेडकर जी ने इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया और द्वितीय संस्करण में मिस्टर गाँधी जी को उनके सवालों के जवाब भी दिए, जो इस पुस्तक में सम्मिलित हैं। बाबा साहिब डॉ. आंबेडकर जी का हम पर उपकार है कि जिन्होंने इतनी उत्तम कृति लिख कर भारत के लोगों को यह अनुपम भेंट दी। यह अनुवाद इतना सरल है कि किसी भी हिंदी पाठक की समझ में आसानी से आ जाएगा। कई शब्दों के एक से अधिक अर्थ भी जोड़ दिए हैं। कई शब्दों के प्रचलित उर्दू शब्द भी दिए हैं जिस से कि यह विशेषकर उत्तर भारत के पाठकों को ऐसा ही लगे कि वे आम बोलचाल की भाषा में ही इसे पढ़ रहे हैं। डॉ. आंबेडकर जी ने इतनी अच्छी तरह से बातों को समझाया है कि पढ़ने वाले को एक-एक चीज सही से समझ में आ जाएगी। और अनुवाद में भी इस बात का ध्यान रखा गया है कि डॉ. आंबेडकर जी की लेखनी को भी ज्यों-का-त्यों रखा जाए जिस से कि पाठक वैसे ही पढ़ें जैसे डॉ. आंबेडकर जी चाहते थे। साथ ही, जैसा कि डॉ. आंबेडकर जी चाहते थे कि, इस पुस्तक के साथ 1916 में लिखे उनके लेख 'भारत में जातियां - उनकी क्रियाविधि, उत्पत्ति और विकास' (Castes In India - Their Mechanism, Genesis and Development) को भी इस पुस्तक में शामिल किया जाएगा। इसका अनुवाद भी एकदम सरल होगा और यह डॉ. आंबेडकर जी को हमारी एक भेंट होंगी। मित्रों, ऐसे कार्य करने के लिए शिक्षा, समय, ऊर्जा, लगन और धन की आवश्यकता पड़ती है। शिक्षा है, लगन है, मेहनत करते हैं, पर धन का अभाव ही रहता है। इस कमी को दूर करने के लिए आप चाहें तो दान दे सकते हैं अथवा इस पुस्तक की कम-से-कम सौ प्रतियां खरीद कर उनका वितरण कर सकते हैं। ऐसे आप डॉ. आंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देंगे, उनके कार्य को आगे बढ़ांएगे, समाज को एक नई दिशा देंगे और हमरी भी मदद करेंगे कि हम भी आपके साथ जुड़ कर डॉ. आंबेडकर जी के विचारों को आगे बढ़ा सकें। आप हमसे डॉ. आंबेडकर जी की फोटो वाली टीशर्ट पर अपने संगठन या गांव का नाम छपवा कर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बाबा साहिब जी से सम्बंधित प्रचार सामग्री जैसे की पैन, झंडे, लॉकेट आदि भी उपलब्ध हैं। तो डॉ. आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ाने में साथ जुड़ें और अपना सहयोग दें। आपका धन सही जगह लगेगा, इस बात से निश्चिन्त रहे। पुस्तक 25 मार्च 2019 तक प्रकाशित हो जाएगी। जय भीम - धन्यवाद - आपका सेवक निखिल सबलानिया प्रकाशन से - निखिल सबलानिया, नई दिल्ली संपर्क : M. 8851188170, WA. 8447913116. वेबसइट www.nspmart.com












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Wednesday, March 6, 2019

डॉ. अम्बेडकर जी के जन्मदिन 14 अप्रैल का दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को सन्देश






















आज मैं आपसे जो बात कह रहा हूँ उसे थोड़ा समझिए।आप सभी जानते हैं कि 14 अप्रैल को हमारे लोग बाबा साहिब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का जन्मदिन (जयंती) मानते हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे जागृत युवकों ने बाबा साहिब जी की जयंती अपने-अपने क्षेत्रों, शहरों, गाँवों व महानगरों में मानना शुरू किया है। विदेशों में भी हमारे लोग कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। पर मैं जब किसी सवर्ण हिन्दू (ब्राह्मण, बनिया या क्षत्रिय) या जैनी के यहाँ फैक्ट्रियों और दुकानों में देखता हूँ तो यह पाता हूँ कि जो श्रमिक (कारीगरी या मज़दूरी) करने वाले लोग गाँवों से आ कर उनके यहाँ काम करते हैं, ये लोग अधिकतर दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्गों से होते हैं। इस लोगों में बाबा साहिब जी के मिशन की जागरूकता बहुत कम या न के समान है। ये लोग होली या दिवाली मानाने तो छुट्टी लेकर घर जाते हैं पर बाबा साहिब जी की जयंती पर फैक्ट्रियों या दुकानों में ही काम करते हैं। मेरा आपसे यह यह अनुरोध है कि आप अपने गाँवों या अन्य क्षेत्रों के लोगों पर ज़ोर डालें कि वे 14 अप्रैल पर भी छुट्टी लेकर अपने घर आएं और बाबा साहिब जी का जन्म दिन मनाए। वैसे 14 अप्रैल की सरकारी छुट्टी तो होती है पर निजी कम्पनियां, कारखाने या दुकानें खुली रहते हैं। क्या मुसलमान ईद पर काम करता है? क्या ईसाई क्रिसमस पर काम करता है ? क्या सिख गुरुपूर्व पर या जैन महावीर जयंती पर काम करता है ? तो आप क्यों 14 अप्रैल, बुद्ध पूर्णिमा और बाबा साहिब जी के परिनिर्वाण दिन 6 दिसंबर पर काम करते हो ? यह आपकी संस्कृति है जिसे आपको बचाना और मजबूत करना है। जिस दिन देश के सभी दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज के लोग और मुझे यकीन है कि इसमें मुस्लिम, सिख और ईसाई भी उनका साथ देंगे, 14 अप्रैल पर काम नहीं करेंगे और अपने घर जा कर बाबा साहिब जी का जन्मदिन मनाएंगे, अपने घरों को दीपक से रात्रि में प्रकाशित करेंगे, तो मुझे यकीन है कि भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी हमारी आवाज़ गूंजेगी। हम पर अत्यचार करने वालों और हम से अमीर बनने वालों को हमारी शक्ति का पता तो चलेगा। आपको अपनी शक्ति दिखानी है तो एकजुटता दिखानी होगी। आपको अपना इतिहास बनाना है तो अपनी संस्कृति का विकास करना होगा। आपको अगर राज करना है तो आपको संगठित होना होगा। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आनेवाली 14 अप्रैल को काम न करें और अपने घर जा कर जयंती बड़े-से-बड़े पैमाने पर मनाएं।
हम बाबा साहिब जी की जयंती पर फोटो वाली टीशर्ट जिन पर आपके गाँव या संगठन का नाम भी छपा हो, उनकी पुस्तकें, संक्षिप जीवनी, झंडे, पटके, लॉकेट, व अन्य प्रचार सामग्री आदि बेचते हैं। आप हमसे खरीद सकते है और हमारी वेबसाइट पर भी ऑर्डर कर सकते हैं। इस से ऐसा नहीं समझिएगा कि यह लेख (सन्देश) मात्र बेचने या व्यापार करने के लिए है। यदि हमें सिर्फ व्यापार ही करना होता तो होली-दीवाली पर ही कर लेते और ऐसे सवर्णों को खुली चुनैती न देते। पर हमारा मकसद अपनी कौम को मजबूत बनाना है और कौम को हमें मजबूत बनाना है जिससे कि हम बाबा साहिब जी का कारवां वैसे ही आगे बढ़ा सकें जैसे पिछले दस वर्षों से बढ़ा रहे हैं। हमसे सामान खरीद कर आप पैसा सही जगह और बाबा साहिब जी की मूवमेंट में ही लगाएंगे। हमारे समाज के लोग यदि किसी व्यवसाय को करना चाहते हैं तो (14 अप्रैल के बाद ) हम उन्हें सलाह भी दे सकते हैं और सस्ते सामान का स्रोत भी बता सकते हैं। व्यापार में जब तक नहीं उतरेंगे और आर्थिक रूप से जब तक मजबूत नहीं होंगे तब तक दूसरे पर आश्रित और कमजोर ही बने रहेंगे। तो इन अंतिम शब्दों के साथ मैं अपनी बात पूरी करता हूँ कि आप 14 अप्रैल पर भारत को बता देंगे कि आपकी संख्या और बल क्या है।
धन्यवाद हमारा संपर्क : M. 8851188170, WA - 8447913116. ऑर्डर करने के लिए हमारी वेबसाइट : www.nspmart.com












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