Friday, January 15, 2016

नोबल प्राइज विजेता ने उठाए सवाल, कहा- बेकार है ज्योतिष और होम्योपैथी

नोबल प्राइज विजेता ने उठाए सवाल, कहा- बेकार है ज्योतिष और होम्योपैथीआईबीएन-7 05:24 PM IST Jan 07, 2016

नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार से नवाजे गए भारतीय वैज्ञानिक वेंकटरमण रामकृष्णन ने साफ तौर कहा है कि भारत की होम्योपैथी और ज्योतिष बेकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रहों का किसी की जिंदगी से कोई संबंध अब तक विज्ञान में साबित नहीं हुआ है। इसके अलावा उन्होंने होम्योपैथी को लेकर भी बेहद कठोर टिप्पणी की है। रामकृष्णन के इस बयान पर होम्योपैथी और ज्योतिष से जुड़े लोगों ने एतराज जताया है।

भारतीय मूल के नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक वेंकटरमन रामकृष्णन ने कहा कि होम्योपैथी बेकार है। ज्योतिष भी बेकार है। 2000 साल पहले भारत के पास हवाई जहाज नहीं था। पंजाब युनिवर्सिटी में मशहूर हरगोविंद खुराना व्याख्यान देते हुए रामृष्षणन ने होम्योपैथी और ज्योतिष को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का हमारे भविष्य से कोई लेना देना है। इस बात की कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है कि जन्म का वक्त बाद में हमारी जिंदगी पर कोई असर डालता है।

रामकृष्णन ने होम्योपैथी पर भी सवाल खड़े किए उन्के मुताबिक ये विधा जर्मनी में शुरू हुई। उनका दावा है कि इसका कोई असर नहीं होता है। वो तो यहां तक कह गए कि नल के पानी में होम्योपैथिक दवाओं से ज्यादा आर्सेनिक होता है। उन्होंने भारतीय साइंस पर भी सवाल उठाया। वेंकटरमन ने कहा होम्योपैथी विधि इलाज के लिए कारगर नहीं है बावजूद इसके साइंस इसका खंडन क्यों नहीं करती है।

वेंकी के नाम से मशहूर वेंकरटरमण ने कहा कि इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं है कि भारत में दो हजार साल पहले भारत के पास एविएशन तकनीक थी। उन्होंने पिछले साल साइंस कांग्रेस में हुई इस तरह की बातों को भी हल्के में उड़ा दिया। उन्होंने कहा कि साइंस डाटा के आधार पर चलता है अगर किसी ने कोई खोज की तो उसको इस तरह से पेश करना होता है कि दूसरा उसको वेरिफाई कर सके। वेंकी के इस बयान का ज्योतिषियों और होम्योपैथी डॉक्टरों ने गलत करार दिया है।

ज्योतिषी चाहे वेंकी के बयान का लाख विरोध करें लेकिन नोबेल पुरस्कार से सम्नानित वैज्ञानिक की बात को नकारने के लिए पर्याप्त तथ्य होने चाहिए। आपको बता दें कि वेंकटरमन रामकृष्णन साढे तीन सौ साल के इतिहास में भारतीय मूल के पहले वैज्ञानिक हैं जिनको ब्रिटेन की नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस का अध्यक्ष बनाया गया है। ज्योतिशी और होम्योपैथी पर सवाल खड़े कर वेंकी ने भारत में लंबे समय से चली दो परंपराओं पर हमला बोला है I

No comments:

Post a Comment