Monday, January 18, 2016

मंच पर दिखा दलित IAS का दर्द, फूट-फूट कर रोए

मंच पर दिखा दलित IAS का दर्द, फूट-फूट कर रोए

आईएएनएस | Jan 11, 2016, 06.07PM IST

 #शशि कर्णावत #रमेश थेटे #मोहन लाल पाटिल

भोपाल मध्य प्रदेश के वरिष्ठ दलित आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी रमेश थेटे राज्य सरकार की कथित प्रताड़ना से बेहद दुखी हैं। उनका यह दर्द सोमवार को दलित-आदिवासी फोरम में बाहर आ गया और वह फूटफूट कर रोने लगे। 

दलित-आदिवासी फोरम के बैनर तले आईएएस अफसर शशि कर्णावत (वर्तमान में निलंबित) और रमेश थेटे ने राज्य सरकार द्वारा मिल रही कथित प्रताड़ना के विरोध में सोमवार को अंबेडकर पार्क में दिन भर का धरना दिया। 

इस मौके पर थेटे ने बताया कि उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके खिलाफ नौ से अधिक मामले दर्ज किए गए, लोकायुक्त उनके पीछे पड़ा हुए हैं, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने सभी मामलों में उनके पक्ष में फैसला दिया, उसके बाद उन्हें पदोन्नति मिली। वह इस वक्त बाल संरक्षण आयोग के सचिव नियुक्त किए गए हैं। 

थेटे ने बताया कि सरकार की प्रताड़ना के कारण ही उनके बच्चों के चेहरे की खुशी और पत्नी का सौंदर्य खत्म गया है। उन्हें प्रताड़ित सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि वह दलित वर्ग से हैं। 

इधर, कर्णावत ने कहा कि उन्हें जिस मामले में निलंबित किया गया है, ठीक वैसा ही मामला एक अन्य अधिकारी के खिलाफ भी था, लेकिन सरकार ने उन्हें संरक्षण दिया। कर्णावत ने कहा कि फिलहाल वह अधिकारी जिम्मेदार पद पर पदस्थ हैं। 

उनके अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह अधिकारी सवर्ण हैं। थेटे को आशंका है कि वह दलित-आदिवासी फोरम में आए हैं इसलिए उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है। 

थेटे ने कहा कि अगर उन्हें नोटिस भी दिया गया तो वह अन्न-जल त्याग कर मृत्यु को गले लगाएंगे। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर उनके साथ अनहोनी होती है तो उनके शव को मुख्यमंत्री आवास, मंत्रालय और बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा के सामने कुछ समय के लिए रखा जाए। 

यह कहते हुए उनका गला भर आया और वह फूट-फूट कर रोने लगे। मंच पर मौजूद फोरम के संयोजक मोहन लाल पाटिल और अन्य ने उन्हें संभाला, साथ ही कहा कि बीजेपी की सरकारें दलितों-आदिवासियों को प्रताड़ित कर रही हैं, जिसकी उसे कीमत चुकानी पडे़गी।

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