Saturday, January 30, 2016

मनुवादियों के अत्याचार से परेशान होकर 80,000धानक मुसलमान बन गये थे

अम्बेडकर जयंति को महत्व दें क्यों ब्राह्मणों का महिमामंडन कर रहे हैं। महायोद्धा झिलकारीबाई कोरी धानक समाज की है मगर गुणगान ब्राह्मणी लक्ष्मीबाई-कुलकर्णी पत्नी गंगाधर-पंत का कर रहे हैं
महाराज शिवाजी शुद्र-समाज के हैं और गुणगान पेशवा ब्राह्मण बाजीराव-मस्तानी का कर रहे हैं
सामाजिक व आर्थिक लाभ अम्बेडकर साहब ने दिलवाए मगर मनुवादी जवाहर को चाचा व गांधी को बापू बना रहें हैं
हाकी खिलाडी ध्यानचन्द , प्रथम ओलम्पिक विजेता पहलवान   केशव-जाधव  व उडनपरी उषा भी शुद्र-समाज के हैं मगर अनेकों भारतरत्न  ब्राह्मणों को व ब्राह्मण  तेंदुलकर को दिया गया  है।
सन १८५७ की क्रांति मतादीन भंगी ने की मगर गुणगान नशेडी  ब्राह्मण मंगलपांडे का हो रहा है।
छूआछूत, भेदभाव, हत्या, अपहरण व बलात्कार मनुवादी कर रहे हैं और बदनाम मुसलमानों को किया जा रहा है
ध्यान रहे मनुवादियों के अत्याचार से परेशान होकर 80,000धानक मुसलमान बन गये थे मगर हमारा समाज मनुवादी व्यवस्था के गुण गाकर उनके बनाए मनघडंत देवी देवताओं के भजन कीर्तन कर रहा है।
कभी मनुवादियों ने हमारे समाज के लिये, मन्दिरों के दरवाजे बन्द थे और आज शासन-प्रशासन व कोर्ट-कचहरी के उच्च दरवाजे भी बन्द कर दिये हैं। और मन्दिरों में घंटे बजाने की छूट दी गयी है मगर मन्दिर के मठाधीश बनने पर आज भी प्रतिबन्ध है
जो मनुवादी ब्राह्मण कभी-भी हमारे समाज के नहीं हैं और ना ही हैं, आज भी उनके चरणों में पडकर शीश झूका रहे हैं

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