Friday, January 8, 2016

बाबासाहेब आंबेडकर जिंदगी भर ब्राम्हणवाद के खिलाफ रहे

डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जिंदगी भर ब्राम्हणवाद के खिलाफ रहे और पेरियार रामासामी भी जिंदगी भर ब्राम्हणवाद के खिलाफ रहे।
विदेशी ब्राम्हण पेरियार जी की ओबीसी को जगाने से डरने लगे।पंडित नेहरू ने सी राजगोलाचारी के माध्यम से पेरियार जी को जेल में डाल दिया।इससे पुरे साउथ इंडिया में आग लग गयी।ब्राम्हणो की पिटाई शुरू हो गयी।उत्तर भारत में भी ओबीसी sc st पेरियार जी के समर्थन में उतरे।नेहरू को डर सताने लगा की यह नॉन ब्राम्हण आंदोलन की लहर उत्तर भारत न पहुचे।इस लिए जो दिखावे के लिए कांग्रेस विरोधी थे मगर वास्तव में जो गांधी के चेले थे ऐसे लोहिया को पेरियार से मुलाकात करने के लिए भेजा।पेरियार जान चुके की यह हरकत नेहरू की है।क्यों की नेहरू की ही बोली लोहिया बोल रहा था की यह ब्राम्हण विरोधी लहर उत्तर भारत न पहुचे तो अच्छा है।तब पेरियार जी ने लोहिया को कहा की देख लोहिया मुझे नेहरू ने जेल में डाला है।मगर मैं चुप बैठनेवाला नहीं हु।मैंने मेरे अनुयायियों को साफ़ क

डॉ बाबासाहेबह दिया है की अगर यह ब्राम्हण और नेहरू मेरी जान लेगा या मेरा मर्डर करेगा तो केवल साऊथ इंडिया के ही नहीं पुरे भारत के एक भी ब्राम्हण को नहीं छोड़ना!!!! 
 साथियो यह बात एक सबक की तौर पर है।विदेशी ब्राम्हणो ने हमारे महापुरुषो की हत्याए की।अब वे पानसरे ,कालबुर्गी जी को भी हत्या कर चुके है।विदेशी ब्राम्हणो ने  हिंसा का सहारा लेकर ही भारत पर कब्ज़ा किया है।इसलिए इस बारे में सोचना होगा।
विदेशी ब्राम्हण evm घोटाला करके लोकतंत्र पर नाजायज  तरीके से कब्ज़ा किये हुए है।इस बारे में भी सोचना होगा।
 इस लिए साउथ इंडिया में 25 से 29 दिसम्बर को बहुत बड़ा मंथन होगा।
1 जनवरी 2018 के पहले की हमारी रणनीति तय होगी।
चलो राष्ट्रव्यापी जनांदोलन में शामिल हो जाओ।
जय भीम जय मूलनिवासी!!!

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