Monday, January 4, 2016

हिन्दू धर्म की विशेषताए

♦♦महान हिन्दू धर्म की विशेषताए

♦वर्ण व्यवस्था,  ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र
♦क्रमिक असमान व्यवस्था, 
♦स्त्री - पुरुष में लिंग आधारित भेद व्यवस्था
♦जन्म आधारित भेद व्यवस्था, 
♦जिसमे कोई मुख से पेदा होता है, तो कोई भुजा से, कोई झांग से और कोई पैर के तलवे से।
♦अनेतिक व् बहुत बड़े अंधविश्वास,  धोखे और षड्यंत्र कारी नियमो पर आधारित व्यवस्था।
♦जो जातिवाद जेसी गम्भीर ला इलाज बिमारी से ग्रसित व्यवस्था।
♦जो फुट डालो, राज करो की निति पर आधारित व्यवस्था।

देश की गत 1000 साल की गुलामी का अहम कारण यह हिन्दू धर्म की असमान व्यवस्था रही है जिसके खिलाफ 

🌠🌠सर्व प्रथम भगवान् बुद्ध, सम्राट अशोक, भगवान महावीर, गुरुनानक देव, कबीरदास,  रविदास, ज्योतिबा फुले, डॉ अम्बेडकर जेसे महान विभूतियो ने इस हिन्दू धर्म की गैर बराबरी की व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया।

🔷इन महापुरुषों के संघर्ष के परिणाम स्वरूप आजतक यह देश अपना अस्तित्व बनाये हुए है वरना हिन्दू धर्म के शास्त्रो में इसके बिखराव के सारे इंतजाम उपलब्ध है।

♦♦इस देश में हिन्दू धर्म के सताये पीड़ित बने; मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई व्  बुद्धिस्ट,

🔷🔷🔷डॉ अम्बेडकर के अनुसार-  हिन्दू धर्म एक ऐसी बिल्डिंग की तरह है जिसके न तो दरवाजे है,  न ही खिड़कियां, जिसमे एक बार कोई फंस जाए, तो निकले का कोई रास्ता नही।,

🔵इसमे खड़ा जातिवादी नामक राक्षस , जिस रास्ते से जाए, सामने खड़ा नजर आता है। इसको मारे बिना, देश की तरक्की सम्भव नही। 


🌠🌠यह देश आज 68 साल बाद भी सविधान निर्माताओ की दूरदर्शिता के कारण, ऐसी ला इलाज एड्स जेसी गम्भीर बिमारी पीड़ित होने के बावजूद,  21 वीं सदी में देश विकास के पथ पर अग्रसर है।

जिसके सभी भारतीय हमेशा ऋणी रहेगे।🔵🔵🔵

जय भारत।

🔷कुशालचंद्र एडवोकेट mobile 94142 44616
🔷M.A., M.COM., LL.M., D.C.L.L., I.D.C.A., C.A. Inter.

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