Tuesday, January 5, 2016

बाबासाहब अंबेडकर जी ने संसद में पेश किए हुए विधेयक


डॉ बाबासाहब अंबेडकर 9 भाषाएँ जानते थे।
1) मराठी (मातृभाषा)
2) हिन्दी
3) संस्कृत
4) गुजराती
5) अंग्रेज़ी
6) पारसी
7) जर्मन
8) फ्रेंच
9) पाली

 उन्होंने पाली व्याकरण और शब्दकोष (डिक्शनरी) भी लिखी थी, जो महाराष्ट्र सरकार ने "Dr.Babasaheb Ambedkar Writing and
Speeches Vol.16 "में प्रकाशित की हैं।

🔹 बाबासाहब अंबेडकर जी ने संसद में पेश किए हुए विधेयक

1) महार वेतन बिल
2) हिन्दू कोड बिल
3) जनप्रतिनिधि बिल
4) खोती बिल
5) मंत्रीओं का वेतन बिल
6) मजदूरों के लिए वेतन (सैलरी) बिल
7) रोजगार विनिमय सेवा
8) पेंशन बिल
9) भविष्य निर्वाह निधी (पी.एफ्.)

🔹 बाबासाहब के सत्याग्रह (आंदोलन)

1) महाड आंदोलन 20/3/1927
2) मोहाली (धुले) आंदोलन 12/2/1939
3) अंबादेवी मंदिर आंदोलन 26/7/1927
4) पुणे कौन्सिल आंदोलन 4/6/1946
5) पर्वती आंदोलन 22/9/1929
6) नागपूर आंदोलन 3/9/1946
7) कालाराम मंदिर आंदोलन 2/3/1930
8) लखनौ आंदोलन 2/3/1947
9) मुखेड का आंदोलन 23/9/1931

🔹बाबासाहब अंबेडकर द्वारा स्थापित सामाजिक संघटन

1) बहिष्कृत हितकारिणी सभा - 20 जुलै 1924
2) समता सैनिक दल - 3 मार्च 1927

🔹राजनीतिक संघटन
1) स्वतंत्र मजदूर पार्टी - 16 अगस्त 1936
2) शेड्युल्ड कास्ट फेडरेशन- 19 जुलै 1942
3) रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया- 3 अक्तूबर 1957

🔹धार्मिक संघटन
1) भारतीय बौद्ध महासभा - 
4 मई 1955

🔹शैक्षणिक संघटन
1) डिप्रेस क्लास एज्युकेशन सोसायटी- 14 जून 1928
2) पीपल्स एज्युकेशन सोसायटी- 8 जुलै 1945
3) सिद्धार्थ काॅलेज, मुंबई- 20 जून 1946
4) मिलींद काॅलेज, औरंगाबाद- 1 जून 1950

🔹अखबार, पत्रिकाएँ
1) मूकनायक- 31 जनवरी 1920
2) बहिष्कृत भारत- 3 अप्रैल 1927
3) समता- 29 जून 1928
4) जनता- 24 नवंबर 1930
5) प्रबुद्ध भारत- 4 फरवरी 1956

🔹बाबासाहब अंबेडकर जी ने अपने जिवन में विभिन्न विषयों पर 527 से ज्यादा भाषण दिए।

🔹बाबासाहब अंबेडकर को प्राप्त सम्मान

1) भारतरत्न
2) The Greatest Man in the World (Columbia University)
3) The Universe Maker (Oxford University)
4) The Greatest Indian (CNN IBN & History Tv

🔹बाबासाहब अंबेडकर जी इनकी
निजी किताबें (उनके पास थी)
1) अंग्रेजी साहित्य- 1300 किताबें
2) राजनिती- 3,000 किताबें
3) युद्धशास्त्र- 300 किताबें
4) अर्थशास्त्र- 1100 किताबें
5) इतिहास- 2,600 किताबें
6) धर्म- 2000 किताबें
7) कानून- 5,000 किताबें
8) संस्कृत- 200 किताबें
9) मराठी- 800 किताबें
10) हिन्दी- 500 किताबें
11) तत्वज्ञान (फिलाॅसाफी)- 600 किताबें
12) रिपोर्ट- 1,000
13) संदर्भ साहित्य (रेफरेंस बुक्स)- 400 किताबें
14) पत्र और भाषण- 600
15) जिवनीयाँ (बायोग्राफी)- 1200
16) एनसाक्लोपिडिया ऑफ ब्रिटेनिका- 1 से 29 खंड
17) एनसाक्लोपिडिया ऑफ सोशल सायंस- 1 से 15 खंड
18) कैथाॅलिक एनसाक्लोपिडिया- 1 से 12 खंड
19) एनसाक्लोपिडिया ऑफ एज्युकेशन
20) हिस्टोरियन्स् हिस्ट्री ऑफ दि वर्ल्ड- 1 से 25 खंड
21) दिल्ली में रखी गई किताबें-
बुद्ध धम्म, 
पालि साहित्य, 
मराठी साहित्य- 2000 किताबें
22) बाकी विषयों की 2305 किताबें

🔹बाबासाहब जब अमेरिका से भारत लौट आए तब एक बोट दुर्घटना में उनकी सैंकडो किताबें समंदर मे डूबी।

🔹बाबासाहब अंबेडकर जी
1) महान समाजशास्त्री
2) महान अर्थशास्त्री
3) संविधान शिल्पी
4) आधुनिक भारत के मसिहा
5) इतिहास के ज्ञाता और रचियाता
6) मानवंशशास्त्र के ज्ञाता
7) तत्वज्ञानी (फिलाॅसाॅफर)
8) दलितों के और महिला अधिकारों के मसिहा
9) कानून के ज्ञाता (कानून के विशेषज्ञ)
10) मानवाधिकार के संरक्षक
11) महान लेखक
12) पत्रकार
13) संशोधक
14) पाली साहित्य के महान अभ्यासक (अध्ययनकर्ता)
15) बौध्द साहित्य के अध्ययनकर्ता
16) भारत के पहले कानून मंत्री
17) मजदूरों के मसिहा
18) महान राजनितीज्ञ
19) विज्ञानवादी सोच के समर्थक
20) संस्कृत और हिन्दू साहित्य के गहन अध्ययनकर्ता थे।

🔹बाबासाहब अंबेडकर की कुछ विशेषताएँ

1) पाणी के लिए आंदोलन करनेवाले विश्व के पहल महापुरुष

2) लंदन विश्वविद्यालय के पुरे लाईब्ररी के किताबों की छानबीन कर उसकी
जानकारी रखनेवाले एकमात्र महामानव

3) लंदन विश्वविद्यालय के 200 छात्रों में नंबर 1 का छात्र होने का सम्मान प्राप्त होनेवाले पहले भारतीय

4) विश्व के छह विद्वानों में से एक

5) विश्व में सबसे अधिक पुतले बाबासाहब अंबेडकर जी के हैं।

6) लंदन विश्वविद्यालय मे डी.एस्.सी.
यह उपाधी पानेवाले पहले और आखिरी भारतीय

7) लंदन विश्वविद्यालय का 8 साल का पाठ्यक्रम 3 सालों मे पूरा
करनेवाले महामानव

🔹बाबासाहब अंबेडकर जी के वजह से ही भारत में "रिजर्व बैंक" की स्थापना हुईं।

बाबासाहब अंबेडकर जी ने अपने डाॅक्टर ऑफ सायंस के लिए ' दि प्राॅब्लेम ऑफ रूपी' यह शोध प्रबंध लिखा था। Indian Money & Finance इसके अभ्यास के लिए
ब्रिटिशों ने जो कमिशन चुना था उनको बाबासाहब

The Battle of Bhima
Koregaon.

पिछली बार जब डायरेक्टर संजय
जायसवाल ने फ़िल्म शूद्रा द राइजिंग बनाया था तब
Sab  ने एक होकर उस फ़िल्म को
सिनेमाहालो मल्टीप्लेक्सों में चलने
नहीं दिया जिसकी
वजह से उनको बहुत ज्यादा आर्थिक
नुकशान उठाना पड़ा था। किन्तु उसी
महान अम्बेडकरवादी ने दुबारा
फ़िल्म 500 बनाने का हिम्मत दिखाया है।
जिसमे 1जनवरी 1818 की
सच्ची घटना को दिखाया गया है
जिसमे मात्र 500 जांबाज महार सैनिको ने
देखते ही देखते पेशवाओ
)की 28 हजार
सैनिको के विशाल सेना का संहार कर डाला और
पूरी दुनिया के सामने अपने साहस
और पराक्रम का अदभुत नायाब नमूना पेश किया
और अपने ऊपर सदियो से हुए अत्याचार का
बदला लिया।
इस प्रकार का पराक्रम पूरी दुनिया में
कभी नहीं देखा गया
था।
अगर इस फ़िल्म को भी
मनुवादी दबाने में सफल होते
है जैसे इस कोरे गांव विजय की
घटना को छुपाने में सफल हो गए थे तो लानत
है हमारी एकजुटता पर।
सभी ग्रुप बंद करके अपने अपने
घरो में आराम करो। और अपने निकम्मेपन का
आनंद लो अन्यथा अगर दम है तो इस
फ़िल्म की इतनी
पब्लिसिटी करो की
इसकी सफलता से ं के
होस उडा दे। उन्हें अपनी
एक जुटता का परिचय दो।
ताकी एक डाइरेक्टर उत्साहित
होके हमारे समाज के मुद्दों पर आगे
भी नायाब फिल्में बना सके।
अन्यथा भजन कीर्तन वाले
मनुवादी फिल्मो की क्या
कमी है मार्केट में देखो और
आनंद लो।
इस पोस्ट को इतना शेयर करो इतना शेयर करो
हमारे sc st obc भाई इस मूवी
को देखने जाएँ और जागरुकता लाए
यही हमारी
मनोकामना है
आप भीम वाले हैँ इतना जरुर
करना है आपको
हम लोगोँ को हमारे समाज को जागृत
करना यही हमारा
मीशन है                            
जय  भीम

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