Tuesday, January 5, 2016

बौद्ध जगत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी

बौद्ध जगत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी miss मत कीजिए कृपया जरूर पढ़े
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आज दुनिया के अलग अलग देशों में बौद्ध जनसंख्या के सटीक आंकडे उपलब्ध है।
यह जानकारी उपयुक्त सभी संबधित अलग अलग देशों में किये गये studies और investigation पर आधारित हैं।
जिसमें लोगों ने कबूल किया, कि उनका बौद्ध धम्म पर पूरा विश्वास है, और वह उसकी practice करते हैं।वो अपने आप को बुध्दीष्ट घोषित करते हैं।
इन अध्ययनों के नतीजे वर्ष 2010-2013 के मध्य में प्रकाशित हुए थे।
("China Beliefs"
Justchina.org.,2011;)
("China Culture Exploring Assistant",
China business
Interpreter.com,2011)
(CIA The World Fact book: Populations as
of July 2013)
(The Dhamma Encyclopedia-
Buddhism in the World).
यह estimates संबंधित अलग-अलग देशों में बौद्ध जनसंख्या की सच्ची स्थिति को दर्शाते है।
[ 1 billion = 100 करोड़ ]
July 2010 में बौद्ध जनसंख्या का estimated 1.6 billion (1,595,485,458) लगभग
(160 करोड़) के करीब था।
जो कि दुनिया की जनसंख्या का 22% हिस्सा है।
इसे स्वतंत्र estimate के तौर पर सुचित किया गया है।
स्वतंत्र estimate अनुसार चीन की वर्तमान जनसंख्या में over one billion (1,070,893,447) [ 107 करोड़ से भी ज्यादा ] बौद्ध धम्म की जनसंख्या है।
यह दुनिया की बौध्द आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा है।
यह बात उपर दिये गये संदर्भो से प्रमाणित होती है।
इसके अलावा
(China's Buddhist population in U.S State Department Report on China) ,
(Global Center for the Study of Contemporary China) ,
(China Daily)
और
(a report by Christian missionaries in China).
इन स्त्रोतों से पता चलता है, कि इनके द्वारा किये गए निरीक्षण में चीन के 80% से 90% लोगों ने अपनी पहचान Buddhism के साथ जोडी हैं।
तथा उसकी परंपरा पर पुरा विश्वास प्रकट किया है।
और हाल ही में हुए कुछ अध्ययन दर्शाते है, कि चीन के 98% लोग खुद को Buddhist मानते है।
पर साथ ही साथ चीन की अनेक अध्यात्मिक परंपरा पर भी विश्वास जताया।
(www.thedhamma.com/buddhist_in_the_world.htm, The Dhamma Encyclopedia, Definition of a Buddhist by David N.Snyder).
Buddhist Population Of Selected Countries[ 1 million=10 लाख ]
चीन over 1 billion
80% (1,070,893,447 Buddhist)
जापान 122 million (96%)
वियतनाम 70 million (75%)
थायलँड 64 million (95%)
म्यांमार 49.7 million (90%)
भारत 36.6 million (03%)
साउथ कोरिया 24.5 (50%)
तायवान 21.7 million (93%)
श्रीलंका 15.2 million (70%)
कंबोडिया 14.7 million (97%)
हाँगकाँग 6.4 million (90%)
मलेशिया 6.2 million (21%)
अमेरिका 6 million (02%)
लाओस 5 million (67%)
इंडोनेशिया 4.3 million (01.7%)
नार्थ कोरिया 3.4 million (14%)
नेपाल 3.3 million (11.5%)
मंगोलिया 3 million (93%)
सिंगापुर 2.8 million (51%)
फिलीपीन्स 2 million (01.5%)
रशिया 2 million (01.4%)
कॅनडा 1.2 million (03.5%)
बांग्लादेश 1.1million (00.7%)
फ्रांस 1million (01.5%)
ब्राजील 1million (0.5%)
जर्मनी 905,657 (01%)
इंग्लैंड 760,747 (01%)
भुटान 609,249 (84%)
ब्रुनेई 58,498 (17%)
(Near Malaysia)
मकाउ 466,402 (75%)* सिक्किम 171,000 (28%)**
लद्दाख 125,000 (45%)***
ऑस्ट्रेलिया 528,977 (2.5%) (2011)
स्पेन (300,000)
नेदरलँड (201,660)
इटली (122,965)
मॅक्सीको (108,700)
कोस्टारिका (96,733)
पेरू (89,500)
उज्बेकिस्तान (85,985)
स्विझरलँड (79,960)
टर्की (71,159)
पनामा (68,000)
वेनेजुएला (56,000)
अर्जेंटिना (42,600)
ओमान (32,049)
चिली (17,200)
सौदीअरब 414,016 (1.5%)
कुवैत 100,222 (4%)
न्यूझीलँड 58,404 (1.50%)
कतर 45,361 (5%)
यु.ए.ई (5%)
बहरीन (2%)
लेबनान (2.1%)
बर्नोयस (16.8%)
नाॅर्थ मारियन (15.6%)
नौरू (11.9%)
गूआम (3.8%)
फ्रेंच गूयाना (3.6%)
माॅरेशियस (2.1%)
क्रिसमस आईसलँड 1,554 (75%)
(Territory of Australia)
चीन में 240,000 से ज्यादा भिक्खू और भिक्खूनीया है।
28,000 से बौद्ध मठ (monasteries) है, 16,000 से ज्यादा बौद्ध विहार है।बौद्ध वास्तूकला की अमिट छाप चीन पर दिखाई देती है। चीन ने अधिकारिक तौर पर कहा है, कि बौद्ध धम्म चीन अभिन्न अंग है।
हाल ही में 16 से 18 ऑक्टोंबर 2014 को चीन में हुई, 27th वी World Fellowship Of Buddhist (WFB) विश्व बौध्द भातृसंघ की आंतरराष्ट्रीय षरिषद हुई।
जीसका मुख्यालय थायलँड मैं है, इसके 35 देशों में 140 रिजनल सेंटरस् हैं।
इस (WFB) की षरिषद में 40 देशों के 600 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
जिसमें सारे प्रतिनिधीयों ने एकमत से प्रस्ताव पारित किया कि, सारे बौद्ध देश आपस में मजबूत सहबंध, एकता और भाईचारा बनाएंगे।
तथा सब विश्व शांति,मानवी कल्याण और समाज सेवा के लिए बौद्ध धम्म का प्रचार-प्रसार करेगें।
चीन ने विश्व में सबसे मजबूत बौद्ध राष्ट्र के नाते जिम्मेदारी ली है, कि वह विश्व में बौद्ध धम्म फैलाने में अगुवाई करेंगा।
तथा आंतरराष्ट्रीय तौर पर उसको समर्थन देंगा।बौद्ध धम्म और उसकी मान्यताएं,मूल्यों तथा परंपरा को सुरक्षित करेंगा।
इस परिषद में सब देशों ने मिलकर काम करने की,तथा बौद्ध धम्म की धरोहर को संरक्षित करने और उसकी विचारधारा को फैलाने के लिए प्रतिबद्ध होने का वचन दिया।
इस परिषद में Buddhist Association Of China (BAC) के अध्यक्ष मास्टर चाउनईन ने कहा, यह परिषद milestone साबित होंगी। (WFB) और (BAC) मिलकर काम करेंगे।
तथा चीन आर्थिक रूप से बुध्दीष्ट राष्ट्रों की मदत करेंगा।
वहां बुनियादी ढांचे का विकास करेंगा, जैसे वह श्रीलंका में कर रहा है।
Dr.Daya Hewapathirane - Advisor to the President of Srilanka.
-Asia Tribune-
कुछ लोग कहने लगे हैं,कि अब हम भारत को विश्व गुरु बनाएंगे।
कौन कहता है, भारत विश्व गुरु नही है।वह हजारों सालों से विश्व गुरु रहा है, और आज भी है।
बौद्ध धम्म भारत की सच्ची विरासत, सभ्यता और संस्कृति है।
जीसे पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है।
भारत की संस्कृति अब दुनिया की संस्कृति बन गई है।
पर अफसोस की ब्राह्मणवादीयों ने छल कपट, हिंसा और साम, दाम ,दंड,भेद की निती से भारत में जन्मे भारत के सच्चे धर्म को भारत से ही लगभग समाप्त कर दिया था।
डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर कहते," सत्य भी कभी कभी हार जाता है,यह उसका ही उदाहरण है।
पर सत्य ज्यादा देर तक छुपाया नही जा सकता, 
भारत में बौद्ध धम्म की ऐसी लह़र आयेंगी की उसमे सब बह जाएंगे।जो उसके विपरीत जाएगा वो भी उसमें बह जाएंगा"।
भारत एक बार फिर बौद्धमय होंगा, जैसे सम्राट अशोक के समय 90% लोग बौद्ध थे।
अब तो यही कहेंना पडेंगा 
"जग में बुध्द का नाम है, यहीं भारत की शान है" 
इस msg को इतना फैला दो की भारत में इसकी सुनामी आ जाए

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