रामायण पाठ होने चाहिए या संविधान पाठ ❓❓
रामायण पाठ करने वाले लोग अपने देश का सविधान तक नहीं जानते
ये कमी किस वजह से है इसमें कौन लोग दोसी है जिस देश में लोग रहते है उस देश का सविधान के बारे में ज्ञान न होना उसके बारे में जानकरी न होना ।
अब प्रशन उठता है की ऐसा क्यो
जब काल्पनिक रामायण , गीता , का ज्ञान भारत के हर धर्म के छोटे छोटे बच्चों तक को रामायण के हर पात्र की जानकारी है ।
लेकिन हमारे भारत के सविधान की क्यो नहीं है इसमें कौन लोग दोसी है क्या इसमें हमारी भारत सरकार दोसी नहीं है ❓
आखिर रामायण पाट 10 दिन 8 दिन हर गांव शहर में कराये जाती है ।
जिससे मानव को फायदा नहीं होता ।
रामायण पाट से मनुवादियो को जरूर फायदा पहुंचता है उन्हें सत्ता तक बनाये रखने का आसान तरीका यही है आज भी गाँवो में कोई विकास मत कराओ कोई कुछ भी काम मत आओ पर आप भगवत गीता पाट कराओ , रामायण पाठ कराओ ।
सब बिना बुलाये चले आएंगे यह है इस देश का दुर्भाग्य जिन्होंको यह भारतीय सविधान के प्रचार प्रसार करना चाहिए ।
वह रामायण , और भगवत गीता पाठ करा रहे है ।
फिर कैसे उमीद कर सकते है की 99% लोगों को सविधान के बारे में ज्ञान नहीं है ।।
ये तो बहुत सही रहा ये 1% लोगों
की वजह से भारतीय सविधान चल भी रहा है ।
वर्ना मन्वादि ब्राह्मण कब का मनुस्मर्ति भारत में कब की लागु कर देते ।
अत मेरी मूलनिवासी बहुजन समाज के बुद्धि जीवि साथियों से नम्र हाथ जोड़ कर प्रार्थना है की जो लोग गाँव में रहते है ।
वह लोग अपने अपने स्तर अम्बेडकर जी के बनाये सविधान का प्रचार अपने सुख सुविधा अनुसार निरन्तर करे ।
अगर सक्षम है तो उसे उसी तरह से पढ़े जेसे रामायण पाठ कराया जाता है ।
उसी तरह से माईक से पढ़े ताकि ज्यादा से जयदा भारत के नागरिक भारतीय सविधान में दिए गए कानूनों के बारे में जान सके ।
सुभाष सागर
जय भीम नमो बुद्धस्स
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