चार खबरों को एक-दूसरे से जोड़ कर देखिए और भविष्य की भयावह तस्वीर का अंदाजा लगाइए-
1- केंद्र सरकार ने रिसर्च स्लकॉरों की महज 8000 के आसपास की फेलोशिप को खत्म कर दिया है..! सैकड़ों स्टूडेंट्स लंबे समय से मौसम और प्रशासन की लाठी की मार सहते हुए यूजीसी के सामने इस फेलोशिप को बहाल करने की मांग के साथ धरने पर बैठे हैं, सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है..!
2- हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्टूडेंट रोहित ने 'आत्महत्या' कर ली, उसमें एक पहलू यह भी है कि उनका स्कॉलरशिप पिछले पांच महीने से रोक दिया गया था।
3- तमिलनाडु में एक प्राइवेट संस्थान में फीस नहीं चुका सकने की वजह से तीन लड़कियों ने खुदकुशी कर ली!
4- मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार नब्बे प्रतिशत (लगभग एक लाख आठ हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने जा रही है, राजस्थान के भाजपा राज में करीब 18000 से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद किया जा चुका है, कुछ दूसरे राज्यों में भी यह अभियान तेजी से चल रहा है..!
इसकी चपेट में तो सभी तबकों के कमजोर स्टूडेंट्स और समाज आएंगे, लेकिन असली संदेश यह है जो मनु-स्मृति और आरएसएस का मुखिया भागवत भी स्त्री के लिए कहता है कि लड़कियों, पढ़ना-लिखना बंद करो, रसोईघर संभालो..! दलित-वंचित जातियों के बच्चों, पढ़-लिख लोगे तो इस पंडावाद की गुलामी कौन करेगा..!
दुनिया भर में सबसे निकृष्ट, बर्बर और असभ्य मनु-स्मृतीय समाज बनाने और शासन-व्यवस्था लागू करने के लिए मनु-स्मृति सामने होना नहीं, सत्ता और तंत्र पर पंडावाद का कब्जा होना जरूरी है..! इस मनु-स्मृतीय राज-समाज के भयावह नतीजों और छवियों का इंतजार कीजिए..
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