अगर आप भागवत पुराण अध्याय 5 श्लोक नबंर 1/33 पढते हैं उसमें लिखा है कि धरती पर सात समुद्र पाए जाते हैं जो निम्न हैं : खारा जल का समुद्र , ईख का रस , शाराब का समुद्र , घी का समुद्र ,दूध का समुद्र मट्ठा का समुद्र और मीठे जल का समुद्र अब बताऔ हिंदू भाईयो एेसे समुद्र आप ने कहा देखे हैं ???
अगर आप भागवत महापुराण अध्याय 10 श्लोक नबंर /90/42 पढते हैं उसमें लिखा है कि महाराजा उग्रसेन के एक युद्ध मे उसके सैनिकों की संख्या 10000000000000 थी आप बताओ भाईयो आज पूरी दूनिया कीआबादी लगभग 8 अरब है ।
आप बताओ हिंदू भाईयों किया है ये ???
अगर आप देवी भागवत पुराण पढते हैं उसमें लिखा है कि धरतीपर एक एेसा आम का पेड पाया जाता है जिसकी उँचाई 9,900 मील है ।
किया कोई हिंदू भाई बता सकता कहाँ वो पेड ????
अगर आप भागवत महापुराण 8/24/44 पढते हैं उसमें लिखा है कि (एक शिृंगधरो मतस्य हैमो नियुत्त योजन) अथार्त एक सींग वाली मछली जिसकी लम्बाई 6 लाख मील है ।
कोई हिंदू बता सकता है कहाँ ह वो मछली ?????
पोराणिकों के अनुसार हिमालय की चौड़ाई 256,000 मील है जबकि धरती की चौड़ाई एशिया से कन्याकुमरी से उतरी ध्रव तक 8,000
मील ही है पौराणिक कथाओं मे हिमालय पर्वत की लम्बाई 128,000 मील बताई है जबकि हिमालय पर्वत की लम्बाई 1500 मील है ।
अब सवाल ये पैदा होता है कि जवाब दो अगर सच्चे हो ?????
मेरे हिंदू भाईयों अगर आप भागवत महापुराण अधायाय 5 श्लोक नंबर 24/2 (5/24/2) पढते हैं उसमें लिखा है कि सूरज का आकार 30 हजार मील है , जबकि चाँद का आकार 36 हजार मील है ।
मेरे हिंदू भाईयों आप बताओ सूर्य का आकार बडा है या चाँद का आप इसे विज्ञान से साबित करो??????
रामायण मे लिखा है कि रामायण की घटनाएँ 12 लाख 96 हजार वर्ष पूर्व घटी जबकि विज्ञान से पता चलता है कि पृथ्वी पर आए मनुष्य को 15 से 20 हजार साल लगभग हुए हैं ।
हिंदू भाईयो जवाब दो ?????
वेदों मे लिखा है किपृथ्वी साँप के फन पर टिकी है । मेरे हिंदू भाइयों आप इसे विज्ञान से साबित करो ????
अगर आप भागवत स्कंध 5 , अध्याय 22 में लिखा है कि सूर्य के 3 लाख मील उपर चाँद है और सूर्य के सबसे नजदीक पृथ्वी है ।
भाईयो आज का विज्ञान किया कहता है हम सब जानतें हैं । भागवत पुराण में समुद्रों का क्षेत्रफ़ल का योग 254 लाख योजन बताया है (एक योजन में 8 मील होते हैं ) जबकि समस्त पृथ्वी का विस्तार 50 करोड़ योजन है ।
भाईयो आप बताओ ये बातें वेद,पुराणों में किसने लिखीं हैं किया भगवान ने लिखी ?????
अगर आप यजुर्वेद अध्धयाय ३३ श्लोक नबंर ४३ पढते हैं उसमें लिखा है कि पृथ्वी ठहरी हुई है और सूर्य पृथ्वी के चारों और चक्कर लगाकर पृथ्वी के अंधकार को दूर करता हैं ।
यजुर्वेद वेद २/१२/१२ पढते हैं उसमें लिखा है कि धरती एकदम चपटी है ।
आखिर इतना बढ़ा झूटा और बेवकूफ कोई भी इस दुनिया में और कौन हो सकता है?
ये हिन्दू धर्म नही बल्कि लोगों बेवकूफ और मुर्ख बनाने का कुधर्म है।
"यजुर्वेद वेद २/१२/१२ पढते हैं उसमें लिखा है कि धरती एकदम चपटी है।"
ReplyDeleteसमझ मे नहीं आया ....
भाइ, मन्त्र प्रमाण देना जरा ...कौनसा वेद पढ़ते हो आप; ?
वेद मे कौन से श्लोक मे लिखा है ऐसा जरा बताने का कष्ट करंगे ???
ReplyDeleteअपने देश के अतिप्राचीन ज्ञान पर बिना खुद अध्य्यन किये आप आरोप लगा रहे हो उससे आपकी मानसिक विक्लान्गता का पता चलता है
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ReplyDeleteविज्ञान की थ्योरी बदलती रहती है और जो तुम बक रहे हो उनके मंत्रो का शुद्ध अर्थ पता करो
ReplyDeleteJust Neele pranio ke motherchodpne😂,Salok btaya nhi, poori bakcbodi pel gya, Salok toh likho yha k konsa hai Reservation ki pedaish😂
ReplyDeleteटुन्नी बौखला गए हैं 😅
ReplyDeleteभीमटो इसलिए तुमको शास्त्रों से दूर रखा गया क्युकी शास्त्रों के अलंकार को समझने के लिए उतना औकात भी चाहिए।
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