अच्छे दिन ,,,,
बांमनो के (bJP के) राम राज्य मे बहुजनो के अच्छे दिन ,,,,,
आखिरीकार मार ही डाला मनुवादियो ने एक अम्बेडकर वादी को ,,,,,,
"दो सप्ताह पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल से निकाले गए पांच दलित PHD छात्र (शोधार्थियों ) में से एक रोहित वेमुला ने रविवार को खुदकुशी कर ली। उसका शव कैंपस के एक हॉस्टल में पंखे से लटका मिला। वह पिछले कई दिनों से अपने निष्कासन के खिलाफ खुले में सो रहा था। "
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने बताया, करीब 26 वर्षीय रोहित वेमुला का शव हॉस्टल के कमरे में फांसी से लटका मिला। पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) द्वारा निलंबित किए गए पांच शोधकर्ताओं में से वह एक था।
अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन से जुड़े इन दलित छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता पर कथित हमले के मामले में हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया था।यहां तक कि विश्वविद्याालय के हॉस्टल, मैस, प्रशासनिक भवन और कॉमन एरिया में भी इनके घुसने पर रोक लगा दी गई थी। दलित छात्रों के इस 'बहिष्कार' के खिलाफ कई छात्र संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय में काफी दिनों से विवाद चल रहा था। रोहित समेत पांचों छात्र अपने निष्कासन के खिलाफ कई दिनों से कैंपस में खुले आसमान के नीचे सो रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को एक तरफ जहां दलित छात्रों के समर्थन में कई छात्र संगठनों का धरना चल रहा था, रोहित चुपके से यूनिवर्सिटी के एनआरएस हॉस्टल गए और खुद को एक कमरे में बंद कर खुदकुशी कर ली। बताया जाता है कि इससे पहले रोहित की विरोधी गुट के छात्रों के साथ तीखी बहस हुई थी। पुलिस के मुताबिक, रोहित के पास से पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
रोहित की खुदकुशी के लिए अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, कैंपस में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई। रोहित की मौत से आक्रोशित कई छात्र संगठनों ने उसके शव को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री बंगारू दत्तात्रेय के खिलाफ एससी-एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग की। अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन का आरोप है कि बंगारू दत्तात्रेय ने ही इन दलित शोधार्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखा था।
छात्र संगठनों ने किया बंद का आह्वान
दलित छात्र की खुदकुशी के खिलाफ एसएफआई, डीएसयू, एआईएसएफ समेत कई छात्र संगठनों ने राज्य व्यापी बंद का आह्वान किया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता का नाम आने से दलित छात्र की ख़ुदकुशी का मुद्दा और ज्यादा गरमा सकता है।
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हम सब गुनाहगार हैं.
रोहित वेमुला की हत्या बेशक आधुनिक युग के द्रोणाचार्यों यानी प्रोफेसरों ने की है, लेकिन उसके खून के छींटे हम सबके बदन पर हैं.
हम तो जानते थे कि RSS ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के पांच छात्रों का सामाजिक बहिष्कार सुनिश्चित कराया है. हॉस्टल से निकाले गए ये बच्चे खुले में रातें बिता रहे थे. उन पर तमाम तरह की पाबंदियां लगी थी. उनका करियर तबाह हो रहा था. परिवार से कितने तरह के दबाव आ रहे होंगे.
हम और आप, जी हां आप भी, और हम भी, यह सब बातें जान रहे थे. पर हम रोहित को कहां बचा पाए?
हम तो इंसानियत और न्याय के पक्ष में थे.... फिर हम क्यों हार गए रोहित?
एकलव्य यह देश शर्मिंदा है
द्रोणाचार्य अब तक जिंदा है!
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हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के होनहार दलित छात्र Rohith Vemula की आत्महत्या ने हम सबको हिलाकर रख दिया है। देश भर के विश्वविद्यालयों में आज भी मनु के औलाद भरे पड़े हैं। अब समय आ गया है कि इनसे निपटने का नया तरीका ढूँढा जाए। इनको इन्हीं की भाषा में समझाने का समय अब आ गया है, वर्ना निर्दोष दलित-आदिवासी छात्र ऐसे ही बेमौत मरते रहेंगे और मनु के औलाद फलते-फूलते रहेंगे। रोहिथ की कुर्बानी को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। बाबासाहेब, आज हम शर्मिंदा हैं ! देश में अभी मनुवाद-जातिवाद ज़िंदा है। अब आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी। आपसी मतभेद भुलाकर सारे वंचित एक हों- इसकी जरूरत आज सबसे ज्यादा है, तभी रोहिथ को हम सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएँगे।
जयभीम जयभारत ॥
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