मध्य प्रदेशः दलित अत्याचार के खिलाफ 10 हजार
आंदोलनकारियों की फौज तैयार
Written by : नेशनल दस्तक ब्यूरो
Date : 2016-01-10
मध्य प्रदेश में दलित अत्याचार के खिलाफ दलित समाज के
लोगों ने बिगुल फूंक दिया है। प्रदेश में जातीय हिंसा का
मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हजारों लोग एक साथ आ गए हैं। ये
लोग 'मेघ सेना' के बैनर तले अत्याचारियों को करारा जवाब
देंगे। ये सभी कार्यकर्ता 'अपना डंडा, अपनी टोपी और अपना
झंडा' नारे के साथ जातीय क्रूरता और धर्म के प्रति भेदभाव के
खिलाफ विरोध करेंगे। प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की
गंभीरता को इससे समझा जा सकता है कि साल 2014 में
अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध के 4,151 मामलों को
दर्ज किया गया है। संस्था द्वारा गत 3 जनवरी को प्रदेश में
संगठन का गठन किया गया। नौ साल पहले दलित हित के लिए
काम करने के उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासभा का
गठन जयपुर में हुआ था।
मध्यप्रदेश में संस्था का निमाड़ क्षेत्र सहित नीमच, राजगढ़,
रतलाम और शाजापुर जिलों में किया जा चुका है। संस्था का
यह भी दावा है कि आने वाले एक साल में प्रदेश के हर जिले में मेघ
सेना यूनिट का गठन कर लिया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष
गोपाल देंवल अपने काम करने के तरीके के बारे में बताते हैं कि
"अगर प्रदेश में कहीं भी दलित समाज के किसी व्यक्ति के साथ
अत्याचार होता है, तो हम कुछ घंटों में स्थानीय पुलिस और
प्रशासन को खबर कर देते हैं। साथ ही हमारे स्थानीय
कार्यकर्ता तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार की
कानूनन और सामाजिक तौर पर मदद करते हैं। मामला गंभीर होने
पर प्रतिनिधि स्थिति के सामान्य होने तक पीड़ित परिवार
के साथ ही रहते हैं और उनकी हर संभव मदद करते हैं।
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