Tuesday, January 12, 2016

गांधी के जीवन के रहस्य

अनेकों पुस्तकों में महात्मा गांधी से कई स्त्रियों के संबधों का दावा किया गया है। लेकिन इसमें सबसे चर्चास्पद मामला रहा है, महात्मा गांधी और सरला देवी के संबंधों को लेकर। महात्मा गांधी और सरलादेवी शादी करना चाहते थे। उल्लेखनीय है सरलादेवी रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन की बेटी थीं।
इतिहास की अनेकों पुस्तकों में महात्मा गांधी से कई स्त्रियों के संबधों का दावा किया गया है। लेकिन इसमें सबसे चर्चास्पद मामला रहा है, महात्मा गांधी और सरला देवी के संबंधों को लेकर। उल्लेखनीय है कि सरलादेवी रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन की बेटी थीं।गांधीजी के 71 वर्षीय पोते राजमोहन गांधी ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है कि अपनी विवेकबुद्धि के लिए प्रख्यात महात्मा गांधी विवाहित और चार संतानों के पिता होने के बावजूद भी सरलादेवी के प्रेम में पड़ गए थे। इतना ही नहीं, वे सरला से शादी करने के लिए भी तैयार हो गए थे। सरलादेवी गांधीजी की पत्नी कस्तूरबा की तुलना में काफी प्रतिभाशाली और बुद्धिमान थीं और वे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय थीं।
परिवार और राष्ट्रहित के लिए उन पर भी गांधीजी से संबंधों पर पूर्ण विराम लगाने का दबाव डाला गया। राजमोहन के अनुसार गांधीजी का यह प्रेम प्रकरण सीक्रेट नहीं था, बल्कि यह बात दोनों परिवारों में सबको मालूम थी। हालांकि यह बात अलग है कि सरलादेवी ने अपनी आत्मकथा में इस बात का जिक्र नहीं किया है।सरलादेवी का दीपक चौधरी नामक एक बेटा था। सरलादेवी के मोहपाश में बंधे गांधीजी ने तो दीपक के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू से बेटी इंदिरा गांधी का हाथ भी मांगा था। लेकिन पंडित नेहरू ने इसके लिए स्पष्ट मना कर दिया था। सरलादेवी के पति चौधराी राम भाजी दत्त स्वतंत्रता संग्राम में मुख्य रूप से सक्रिय थे। जब वे जेल में थे, तब उन्होंने ही सरलादेवी को महात्मा गांधी के घर पर रहने के लिए कहा था। बताया जाता है कि इसी बीच महात्मा गांधी और सरलादेवी एक-दूसरे के नजदीक आए थे। इन्होंने तो 'आध्यात्मिक लग्न' कर लेने का आयोजन भी कर लिया था, जिसका गांधीजी के बेटे देवदास गांधी ने भारी विरोध किया था।सरलादेवी के अलावा गांधीजी के कुछ अन्य स्त्रियों से संबंधों का भी दावा किया जाता है। इसमें ब्रिटिश एडमिरल की बेटी मेडेलीन स्लेड, सुशीला नायर और दो मानसपुत्रियों मनु तथा आभा गांधी का भी नाम शामिल है।गांधीजी का विवाह सन् 1883 में कस्तूरबा से हुआ, इस समय उनकी उम्र 13 वर्ष थी। जबकि कस्तूरबा गांधीजी से एक वर्ष बड़ी उम्र की थीं। कस्तूरबा निरक्षर थीं, लेकिन वे हमेशा से ही गृहकार्य में कुशल रहीं। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा 'मेरे सत्य के प्रयोग' में लिखा है कि जब उनके पिता मरणासन्न की स्थिति में थे, तब वे कस्तूरबा से शारीरिक संबंध स्थापित कर रहे थे, इसी बीच दूसरे कमरे में उनके पिता की मृत्यु हुई थी। इस घटना के बाद से सेक्स के प्रति महात्मा गांधी की रुचि कम हो गई और वे मानने लगे कि जब दंपति को संतान उत्पन्न करना हो, तभी शारीरिक संबंध स्थापित करने चाहिए।इतना ही नहीं, महात्मा गांधी अपने ब्रह्मचर्य की परीक्षा लेने के लिए सुशीला नायर और टीनएज मनु तथा आभा के साथ सह-स्नान और नग्न होकर सोने के प्रयोग भी किया करते थे। महात्मा गांधी के ये प्रयोग भारी विवाद का मुद्दा भी बना था। इसे लेकर आश्रमवासियों और उनके परिवारजनों ने उनसे नाराजगी भी प्रकट की थी। http://www.bhaskar.com/…/GUJ-AHM-mahatma-gandhiji-wanted-re
राष्ट्रपिता या ऐय्याश?
इण्डिया टूडे में यह लेख पढने के बाद मैंने महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता अस्वीकार कर दिया, और आपने ?
या तो इण्डिया टूडे को झून्ठा साबित करो या करमचन्द्र गाँधी को राष्ट्रपिता की पदवी से हटाओ .....
यह है वो लेख ....
१५ साल की उम्र में गाँधी जी वेश्या की चोखट से हिम्मत न जुटा पाने के कारण वापस लौट आये.
१६ साल की उम्र में पत्नी से सम्भोग की इच्छा से मुक्त नहीं हो पाए जब उनके पिता मृत्यु शैया पर थे .
२१ साल की उम्र में फिर उनका मन पराई स्त्री को देखकर विकारग्रस्त होता है .
२८ साल की उम्र में हब्सी स्त्री के पास जाते है लेकिन शर्मसार होकर वापिस आ जाते है.
३१ साल की उम्र में १ बच्चे के पिता बन जाते है .
४० साल की उम्र में अपने दोस्त हेनरी पोलक की पत्नी के साथ आत्मीयता महसूस करते है,
४१ साल की उम्र में मोड नाम की लड़की से प्रभवित होते है .
४८ की उम्र में २२ साल की एस्थर फेरिंग के मोहजाल में फंस जाते है.
५१ की उम्र में ४८ साल की सरला देवी चोधरानी के प्रेम में पड़ते है .
५६ की उम्र में ३३ साल की मेडलिनस्लेड के प्रेम में फंसते है
६० की उम्र में १८ साल की महाराष्ट्रियन प्रेमा के माया जाल में फंस जाते है .
६४ की उम्र में २४ साल की अमेरिका की नीला नागिनी के संपर्क में आते है .
६५ की उम्र में ३५ साल की जर्मन महिला मार्गरेट स्पीगल को कपडे पहनना सिखाते है .
६९ की उम्र में १८ साल की डॉक्टर शुशीला नैयर से नग्न होकर मालिश करते है.
७२ की उम्र में बाल विधवा लीलावती आसर,पटियाला के बड़े जमींदार की बेटी अम्तुस्स्लाम ,कपूरथला खानदान की राजकुमारी अमृतकौर तथा मशहूर समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती जैसी महिलाओ के साथ सोते है
७६ की उम्र में १६ साल की आभा.वीणा और कंचन नाम की युवतिओं को नग्न होने को कहते है .
जिस पर ये लडकिया कहती है की उन्हें ब्रह्मचर्य के बजाय सम्भोग की जरूरत है .
७७ की उम्र मे महात्मा गाँधी अपनी पोती मनु की साथ नो आखाली की सर्द रातें शरीर को गर्म रखने के लिए नग्न सोकर गुजारते है .
और ७९ के गाँधी जी महात्मा जीवन के अंतिम क्षणों तक आभा और मनु के साथ एक साथ बिस्तर पर सोते है………………….
आपको इनके बारे मे क्या कहना है?
ये हैं महात्मा गांधी के जीवन के 07 ऐसे रहस्य, जिन पर मचा था बवाल
1. गांधी अपनी पत्नी से अक्सर मारपीट करते थे। उन्होंने दशकों तक उनके साथ शारीरिक संबंध भी नहीं रखे।
2.. जब गांधी के पिता अपने जीवन की अंतिम सांसें ले रहे थे, तब भी गांधी सेक्स में लीन थे। वह व्यभिचारी थे और उन्होंने 2 ब्रिटिश महिलाओं से आध्यात्मिक शादी की थी। ये दोनों महिलाएं उनके आश्रम में ही रहती थीं।
3. गांधी अपनी 12 वर्षीय भतीजी और एक अन्य महिला के साथ 'न्यूड' सोते थे। इस पर गांधी जी का तर्क था कि वे अपनी मर्दानगी को नियंत्रित करने के लिए ऐसा करते थे। 
4. गांधी के बेटे ने उन्हें छोड़ दिया था और इस्लाम धर्म अपना लिया था। गांधी ने ज़ुलु नरसंहार की निंदा की और इस पर ब्रिटिश सरकार का बचाव किया था। 
5.किताब में सवाल उठाए गए कि गांधी ने कौन से युद्ध का समर्थन किया था, जिसके लिए उन्हें एक पदक भी मिला था? किताब में दावा किया गया है कि गांधी ब्रिटिश सेना में सार्जेंट मेजर थे और युद्ध के दौरान शानदार काम करने पर उन्हें मेडल से नवाजा गया था।
6. गांधी अपने दोस्त हिटलर को पत्र लिखते थे और उनका समर्थन भी करते थे। 
7. गांधी की यहूदियों के लिए एक खतरनाक सलाह दी थी कि 'वे सामूहिक आत्महत्या का संकल्प लें। मुझे आपकी बहादुरी या देश भक्ति के बारे में कोई संदेह नहीं है और न ही मैं आपके विरोधियों के द्वारा प्रचारित दैत्य पर विश्वास करता हूं।' यह बात गांधी ने हिटलर से कही थी !
1. Gandhi used to sleep with girls of aged between 18 to 25. Very few people know about this but its true (for detail you can read books by Dr. L .R. BALI named "RANGEELA GANDHI" & "KYA GANDHI MAHATMA THE"). The girls who slept with Gandhi accepted this. Gandhi used to say that he is doing all this for his "brahmchari" Experiments. What he wanted to prove from his experiment, nobody knows. Gandhi himself accepted this that at the time of going to London for higher studies he decided to keep himself away from meat, liquor and sex, but he accepted that he could not control himself in the matter of sex.
2. Gandhi went to South Africa just for earning money and name because here in India he could not do well. In SA, he went mainly to save Abdullah & Co. whose business was of smuggling and Gandhi charged heavily for this.
3. In 1932, Gandhi collected Rs. 1.32 crore in the name of "Tilak Swaraj" fund, which was collected for the use of untouchables. However, he did not spend even a single penny on untouchables.
4. Throughout his whole life, Gandhi kept on insisting that he supports non-violence. However, at the time of Second World War, he sent Indian army to fight for England.
5. During the daytime, Gandhi spent the time in the huts but the night in the rest house of Birlas.
6. Gandhi advised people to live a simple life but his simplicity was such that when he was in jail, there were three women to serve him there.
7. Gandhi did not open a single door of any Hindu temple in Gujarat, his home province in India, for the untouchables.
8. Gandhi used to say that Subhash Chandra Bose was like his own son but Gandhi went on hunger strike until Bose left his post in congress. Gandhi also promised British government to handover Bose to them as Bose was wanted at that time.
9. Gandhi kept people in dark about saving Bhagat Singh. the truth is that he never tried to contact the viceroy about Bhagat Singh's issue. This is said by the friend of viceroy named Manmath Nath in his writings. Gandhi feared about the popularity of Bhagat Singh.
10. Gandhi said that if the Pakistan is created, it will happen only after his death. However, it was Gandhi who signed first on the proposal of creation of Pakistan.
These are only a few facts. There are many more truths about Gandhi. In Baba Saheb Ambedkar's own words, "Gandhi Age is the Dark Age of India". He also said in an interview to BBC "A person who cheats and keeps other people in dark; to that person if you call a Mahatma, then Gandhi is a Mahatma."
शहीदे आजम भगतसिंह को फांसी दिए जाने पर अहिंसा के
महान पुजारी गांधी ने कहा था, ''हमें ब्रिटेन के विनाश के बदले
अपनी आजादी नहीं चाहिए ।'' और आगे
कहा, ''भगतसिंह की पूजा से देश को बहुत हानि हुई और
हो रही है । वहीं इसका परिणाम
गुंडागर्दी का पतन है । फांसी शीघ्र दे
दी जाए ताकि 30 मार्च से करांची में होने वाले कांग्रेस
अधिवेशन में कोई बाधा न आवे ।"अर्थात् गांधी की परिभाषा में
किसी को फांसी देना हिंसा नहीं थी ।
2 ] इसी प्रकार एक ओर महान् क्रान्तिकारी जतिनदास
को जो आगरा में अंग्रेजों ने शहीद किया तो गांधी आगरा में
ही थे और जब गांधी को उनके पार्थिक शरीर
पर माला चढ़ाने को कहा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया अर्थात् उस नौजवान द्वारा खुद
को देश के लिए कुर्बान करने पर भी गांधी के दिल में
किसी प्रकार की दया और
सहानुभूति नहीं उपजी, ऐसे थे हमारे
अहिंसावादी गांधी ।
3] जब सन् 1937 में कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नेताजी सुभाष और
गांधी द्वारा मनोनीत सीताभिरमैया के मध्य
मुकाबला हुआ तो गांधी ने कहा यदि रमैया चुनाव हार गया तो वे
राजनीति छोड़ देंगे लेकिन उन्होंने अपने मरने तक
राजनीति नहीं छोड़ी जबकि रमैया चुनाव हार गए
थे।
४] इसी प्रकार गांधी ने कहा था, "पाकिस्तान
उनकी लाश पर बनेगा" लेकिन पाकिस्तान उनके समर्थन से
ही बना । ऐसे थे हमारे सत्यवादी गांधी ।
५] इससे भी बढ़कर गांधी और कांग्रेस ने दूसरे विश्वयुद्ध
में अंग्रेजों का समर्थन किया तो फिर क्या लड़ाई में हिंसा थी या लड्डू बंट रहे
थे ? पाठक स्वयं बतलाएं ?
६]गांधी ने अपने जीवन में तीन आन्दोलन
(सत्याग्रहद्) चलाए और तीनों को ही बीच
में वापिस ले लिया गया फिर भी लोग कहते हैं
कि आजादी गांधी ने दिलवाई ।
७]इससे भी बढ़कर जब देश के महान सपूत उधमसिंह ने इंग्लैण्ड में
माईकल डायर को मारा तो गांधी ने उन्हें पागल कहा इसलिए
नीरद चौ० ने गांधी को दुनियां का सबसे बड़ा सफल
पाखण्डी लिखा है ।
8]इस आजादी के बारे में इतिहासकार सी. आर. मजूमदार
लिखते हैं – "भारत
की आजादी का सेहरा गांधी के सिर
बांधना सच्चाई से मजाक होगा । यह कहना उसने सत्याग्रह व चरखे से
आजादी दिलाई बहुत बड़ी मूर्खता होगी ।
इसलिए गांधी को आजादी का 'हीरो' कहना उन
सभी क्रान्तिकारियोंका अपमान है जिन्होंने देश
की आजादी के लिए अपना खून बहाया ।"
यदि चरखों की आजादी की रक्षा सम्भव
होती है तो बार्डर पर टैंकों की जगह चरखे
क्यों नहीं रखवा दिए जाते ...........??
अगर आप सहमत है तो इस दोगले कि सचाई "शेयर " कर के उजागर करे।
जय हिन्द
शहीदे आज़म भगत सिंह को फांसी कि सजा सुनाई
जा चुकी थी ,इसके कारन हुतात्मा चंद्रशेखर आज़ाद
काफी परेसान और चिंतित हो गय। भगत सिंह
कि फांसी को रोकने के लिए आज़ाद ने ब्रिटिश
सरकार पर दवाब बनाने का फैसला लिया इसके लिए
आज़ाद ने गांधी से मिलने का वक्त माँगा लेकिन
गांधी ने
कहा कि वो किसी भी उग्रवादी से
नहीं मिल सकते। गांधी जनता था कि अगर भगत
सिंह और आज़ाद जेसे क्रन्तिकारी और
ज्यादा जीवित रह गय तो वो युवाओ के हीरो बन
जायेंगे। ऐसी स्थति में गांधी को पूछने वाला कोई
ना रहता। हमने आपको कई बार बताया है कि किस
तरह गांधी ने भगत सिंह को मरवाने के लिए एक दिन
पहले फांसी दिलवाई। खैर हम फिर से आज़ाद
कि व्याख्या पर आते है।
गांधी से वक्त ना मिल पाने का बाद आज़ाद ने नेहरू
से मिलने का फैसला लिया ,27 फरवरी 1931 के दिन
आज़ाद ने नेहरू से मुलाकात की। ठीक
इसी दिन
आज़ाद ने नेहरू के सामने भगत सिंह
कि फांसी को रोकने कि विनती कि। बैठक में
आज़ाद ने पूरी तैयारी के साथ भगत सिंह को बचाने
का सफल प्लान रख दिया। जिसे देखकर नेहरू हक्का -
बक्का रह गया क्यूंकि इस प्लान के तहत भगत सिंह
को आसानी से बचाया जा सकता था।
1.
रांजी शाहनी अपनी पुस्तक
"मिस्टर गांधी" में इस प्रकार लिखते हैं-
"गांधी जी मालिश करवाते समय बिलकुल
नंगे
हो जाते थे और अक्सर नवयुवक
लडकियां ही उनकी मालिश
किया करती थीं. (पृष्ठ 578 ) में
हैद्रोपैथी का इलाज कराते समय
गांधी जी स्नान करने के
दौरान,जबकि वह
पूर्णतया: नग्न होते, पुरुष और स्त्रियाँ,
दोनों कि सहायता लिया करते,गांधी जी कि
यह
इच्छा होती थी कि वह
शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर बिलकुल नग्न
हो जाएँ."
2. जैफ्ती ऐशे अपनी पुस्तक
"गांधी" में लिखते हैं- गाँधी ने
"ब्रहमचर्य" कि प्रतिज्ञा कि हुई
थी….उनकी पत्नी कस्तूरबा
प्राय:
यह संदेह करती थी कि यह
प्रतिज्ञा आम औरतों कि बजाय केवल उसी के लिए
है.
3. प्रोफ़ेसर एन.सी. बोस
जो नवाखली के
दंगों में 5 महीने तक
गाँधी जी के सचिव रहे,
अपनी पुस्तक 'माई डेज विद गांधी' में
लिखते हैं, "मुझे गाँधी के प्रयोग के बारे में जानकर
बहुत आश्चर्य हुआ……प्राय: वह स्त्रियों को अपने साथ
सोने
और उनकी ओढनी में उनके साथ लेटने
के
लिए कहते थे. इसके पश्चात् वह जानने का प्रयत्न करते थे
कि उनके व उनके साथ सोने
वाली स्त्री अथवा लड़की में
कामुकता(भोग) कि भावना तो पैदा नहीं हुई. (पृष्ठ
174 ) गांधी जी के नग्न
शरीर
की मालिश करने वालों में डॉ. सुशीला नायर
और मनुबेन भी थीं (पृष्ठ 115
-179 )
मनु गांधी के साथ नग्न
सोती थी ( पृष्ठ 159 )"
4. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने
गांधी जी के
प्रयोग के बारे में कहा था कि "ये धर्म नहीं वास्तव
में
अधर्म है."
5. ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कोर्पोरेशन
(बी.बी.सी.) लंडन
को व्यक्त
किये अपने मत में डॉ. अम्बेडकर ने कहा था-"नैतिक तौर पर
भी गांधी 'महात्मा'
नहीं थे."
गाँधी जी ने अपने 'ब्रह्मचर्य प्रयोगों'
में
अनेक लड़कियों व स्त्रियों को इस्तेमाल किया उनमें
मनुबेन,सुशीला नायर, रैहाना, 'मीराबेन
(कुमारी स्लाड़े)', अन्ना आदि के नाम विशेष रूप में लिए
जाते हैं. ब्रह्मचर्य प्रयोगों में शामिल एक
स्त्री रैहाना का एक वक्तव्य
बड़ा ही रोचक है वेद
मेहता को अपनी एक भेंट में रैहाना ने बताया-
" पिछले अवतारी जन्मों में (ज्यादा) मैथुन करने के
कारण
मैं ऐसे हो गई थी जैसे मुक्त में
कामुकता ही ना हो.
गांधी जी को इस
कि जानकारी थी हालांकि मेरे योगिक-प्रयोग
प्राचीन परम्परा के थे
तो भी गांधी जी मेरे बारे में
चिंतित
रहते थे कि मैं पुरुषों के साथ ब्रहमचर्य-प्रयोग
करती हूँ. एक बार अपने एक रोगी के
साथ
नग्न सोने पर उन्होंने मुझे
फटकारा भी था रोगी की
पत्नी मर
चुकी थी और वह ज्वरांश
कि तेजी में
अपनी ही बेटी के
पीछे कामुकता में भागता था मैं निरंतर एक
सप्ताह उसके साथ नग्न सोई परिणाम आश्चर्य जनक निकले.
वह
पूर्ण तौर पर तंदुरुस्त (स्वस्थ) हो गया. (Mahatma Gandhi
and His Apostles , प.211 ) (ऐसा करने से
तो मुर्दा भी भाग खड़ा होगा वो तो विक्षिप्त था)
ये तो चंद उदाहरण है इस पर अत्यंत कट्टर समर्थक ब्राईट
मैन
को भी मानना पड़ा कि " यह सच है कि जो धर्म
कि दुहाई देते है, उन्होंने शायद
ही कभी उसके उच्चतम
सिद्धांतों का पलन
किया है और धर्म याजकों, राजनितिगियों तथा उद्धोगपतियों ने अक्सर
धर्म को अधार्मिक उद्द्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया है. आज
जो लोग निराश्वर वादिता पर विलाप करते देखे जाते है
उसका सारा व्यवहार ऐसा है कि यदि वे एक दिन
भी यह समझ कर चलें कि वे ईश्वर
की इच्छा को महत्व देते हैं,
तो उनका सारा जीवनक्रम ही तहस-
नहस हो जाएगा." (धर्म का एक दर्शन,पृष्ठ २५९)
बिस्तर पर सोते है………………….

नालायक सरकार ने इंदिरा गाँधी को भी एक बहुत
ही जिम्मेदार ,
ताकतवर और राष्ट्रभक्त महिला बताया हैं , चलिए
इसकी कुछ
कडवी हकीकत से मैं भी आज आपको रूबरू करवाता हूँ !!!
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू राजवंश में
अनैतिकता को नयी ऊँचाई पर
पहुचाया. बौद्धिक इंदिरा को ऑक्सफोर्ड
विश्वविद्यालय में
भर्ती कराया गया था लेकिन वहाँ से
जल्दी ही पढाई में खराब प्रदर्शन
के कारण बाहर निकाल दी गयी. उसके बाद
उनको शांतिनिकेतन
विश्वविद्यालय में भर्ती कराया गया था, लेकिन गुरु
देव रवीन्द्रनाथ
टैगोर ने उन्हें उसके दुराचरण के लिए बाहर कर दिया.
शान्तिनिकेतन से
बहार निकाल जाने के बाद इंदिरा अकेली हो गयी.
राजनीतिज्ञ के रूप में
पिता राजनीति के साथ व्यस्त था और मां तपेदिक के
स्विट्जरलैंड में
मर रही थी. उनके इस अकेलेपन का फायदा फ़िरोज़
खान नाम के
व्यापारी ने उठाया. फ़िरोज़ खान मोतीलाल नेहरु
के घर पे
मेहेंगी विदेशी शराब की आपूर्ति किया करता था.
फ़िरोज़ खान और
इंदिरा के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए.
महाराष्ट्र के तत्कालीन
राज्यपाल डा. श्री प्रकाश नेहरू ने चेतावनी दी,
कि फिरोज खान के
साथ अवैध संबंध बना रहा था. फिरोज खान इंग्लैंड में
तो था और
इंदिरा के प्रति उसकी बहुत सहानुभूति थी. जल्द
ही वह अपने धर्म
का त्याग कर,एक मुस्लिम महिला बनीं और लंदन के एक
मस्जिद में
फिरोज खान से उसकी शादी हो गयी.
इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू ने
नया नाम मैमुना बेगम रख लिया. उनकी मां कमला नेहरू
इस शादी से
काफी नाराज़ थी जिसके कारण उनकी तबियत और
ज्यादा बिगड़ गयी.
नेहरू भी इस धर्म रूपांतरण से खुश नहीं थे क्युकी इससे
इंदिरा के
प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना खतरे में आ गयी. तो,
नेहरू ने
युवा फिरोज खान से कहा कि अपना उपनाम खान से
गांधी कर लो.
परन्तु इसका इस्लाम से हिंदू धर्म में परिवर्तन के साथ
कोई लेना -
देना नहीं था. यह सिर्फ एक शपथ पत्र द्वारा नाम
परिवर्तन का एक
मामला था. और फिरोज खान फिरोज गांधी बन
गया है, हालांकि यह
बिस्मिल्लाह शर्मा की तरह एक असंगत नाम है.
दोनों ने ही भारत
की जनता को मूर्ख बनाने के लिए नाम बदला था. जब
वे भारत लौटे,
एक नकली वैदिक विवाह जनता के उपभोग के लिए
स्थापित
किया गया था. इस प्रकार, इंदिरा और उसके वंश
को काल्पनिक नाम
गांधी मिला. नेहरू और गांधी दोनों फैंसी नाम हैं.
जैसे एक गिरगिट
अपना रंग बदलती है, वैसे ही इन लोगो ने
अपनी असली पहचान छुपाने के
लिए नाम बदले. . के.एन. राव की पुस्तक "नेहरू
राजवंश" (10:8186092005 ISBN) में यह स्पष्ट रूप से
लिखा गया है संजय गांधी फ़िरोज़ गांधी का पुत्र
नहीं था,
जिसकी पुष्टि के लिए उस पुस्तक में अनेक
तथ्यों को सामने
रखा गया है. उसमे यह साफ़ तौर पे लिखा हुआ है
की संजय गाँधी एक
और मुस्लिम मोहम्मद यूनुस नामक सज्जन का बेटा था.
दिलचस्प बात
यह है की एक सिख लड़की मेनका का विवाह भी संजय
गाँधी के साथ
मोहम्मद यूनुस के घर में ही हुआ था. मोहम्मद यूनुस ही वह
व्यक्ति था जो संजय गाँधी की विमान दुर्घटना के
बाद सबसे
ज्यादा रोया था. 'यूनुस की पुस्तक "व्यक्ति जुनून और
राजनीति" (persons passions and politics )
(ISBN-10:
0706910176) में साफ़ लिखा हुआ है की संजय गाँधी के
जन्म के बाद
उनका खतना पूरे मुस्लिम रीति रिवाज़ के साथ
किया गया था. कैथरीन
फ्रैंक की पुस्तक "the life of Indira Nehru Gandhi
(ISBN:
9780007259304) में इंदिरा गांधी के अन्य प्रेम संबंधों के
कुछ पर
प्रकाश डाला है. यह लिखा है
कि इंदिरा का पहला प्यार शान्तिनिकेतन
में जर्मन शिक्षक के साथ था. बाद में वह एमओ मथाई,
(पिता के
सचिव) धीरेंद्र ब्रह्मचारी (उनके योग शिक्षक) के साथ
और दिनेश सिंह
(विदेश मंत्री) के साथ भी अपने प्रेम संबंधो के लिए
प्रसिद्द हुई. पूर्व
विदेश मंत्री नटवर सिंह ने इंदिरा गांधी के मुगलों के
लिए संबंध के बारे में
एक दिलचस्प रहस्योद्घाटन किया अपनी पुस्तक
"profiles and
letters " (ISBN: 8129102358) में किया. यह
कहा गया है
कि 1968 में इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री के
रूप में
अफगानिस्तान की सरकारी यात्रा पर गयी थी .
नटवरसिंह एक
आईएफएस अधिकारी के रूप में इस दौरे पे गए थे. दिन भर
के
कार्यक्रमों के होने के बाद इंदिरा गांधी को शाम में
सैर के लिए बाहर
जाना था . कार में एक लंबी दूरी जाने के बाद,
इंदिरा गांधी बाबर
की कब्रगाह के दर्शन करना चाहती थी, हालांकि यह
इस
यात्रा कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया.
अफगान
सुरक्षा अधिकारियों ने उनकी इस इच्छा पर
आपत्ति जताई पर
इंदिरा अपनी जिद पर अड़ी रही . अंत में वह उस
कब्रगाह पर गयी . यह
एक सुनसान जगह थी. वह बाबर की कब्र पर सर झुका कर
आँखें बंद
करके कड़ी रही और नटवर सिंह उसके पीछे खड़े थे . जब
इंदिरा ने
उसकी प्रार्थना समाप्तकर ली तब वह मुड़कर नटवर से
बोली "आज
मैंने अपने इतिहास को ताज़ा कर लिया (Today we
have had our
brush with history ". यहाँ आपको यह बता दे
की बाबर मुग़ल
साम्राज्य का संस्थापक था, और नेहरु खानदान
इसी मुग़ल साम्राज्य
से उत्पन्न हुआ. इतने सालो से भारतीय
जनता इसी धोखे में है की नेहरु
एक कश्मीरी पंडित था....जो की सरासर गलत तथ्य
है..... इस तरह इन
नीचो ने भारत में अपनी जड़े जमाई जो आज एक बहुत बड़े
वृक्ष में
तब्दील हो गया हैं ,
जिसकी महत्वाकांक्षी शाखाओ ने
माँ भारती को आज बहुत जख्मी कर दिया हैं ,,यह
मेरा एक प्रयास हैं
आज ,,कि आज इस सोशल मीडिया के माध्यम से
ही सही मगर हकीकत
से रूबरू करवा सकू !!! ,,,बाकी देश के
प्रति यदि आपकी भी कुछ
जिम्मेदारी बनती हो , तो अब आप लोग '' निःशब्द ''
ना बनियेगा ,, इसे
फैला दीजिए हर घर में !!!
रॉबर्ट और प्रियंका की शादी सन 1997 में हुई
थी .लेकिन अगर कोई रॉबर्टको ध्यान से देखे तो यह
बात सोचेगा कि सोनिया ने रॉबर्ट जैसे कुरूप और
साधारण व्यक्ति से प्रियंका की शादी कैसे
करवा दी?
क्या उसे प्रियंका के लिएकोई उपयुक्त वर नहीं मिला ,
और यह शादी जल्दी में और चुप चाप
क्यों की गयी . ???
वास्तव में सोनिया ने रॉबर्ट से
प्रियंका की शादी अपनी पोल खुलने के डर से
की थी .
क्योंकि जिस समय सोनिया इंगलैंड में एक कैंटीन में
बारगर्ल थी . उसी समय उसी जगह रोबट
की माँ मौरीन (Maureen)
भी यही कामकरती थी .??
मौरीन को सोनिया और माधव राव की रास
लीला की बात पता थी ,
जबवह उसी कैंटीन सोनिया उनको शराब
पिलाया करती थी .
मौरीन यह भी जानती थी कि किन किनलोगों के
साथ सोनिया के अवैध सम्बन्ध थे .
जब सोनिया राजिव से शादी करके दिल्ली आ गयी ,
तो कुछ समय बाद मौरीन भी दिल्ली में बस गयी .
मौरीन जानती थी कि सोनिया सत्ता के लिए कुछ
भी कर सकती है ,
क्योंकि जो भी व्यक्ति उसके खतरा बन
सकता था सोनिया ने उसका पत्ता साफ कर दिया ,
जैसे संजय , माधव राव , पायलेट ,जितेन्द्र प्रसाद ,
योगी , यहाँ तक लोग तो यह भी शक है कि राजीव
की हत्या में सोनिया का भी हाथ है ,
वर्ना वह अपने पति केहत्यारों को माफ़ क्यों कर देती ?
चूँकि मौरीन का पति और रॉबर्ट का पिता राजेंदर
वडरा पुराना जनसंघी था ,
और सोनिया को डर था कि अगर अपने पति के दवाब ने
मौरीन अपना मुंहखोल देगी तो मुझे भारत पर हुकूमत करने
और अपने नालायक कु पुत्र राहुल को प्रधानमंत्री बनाने
में सफलता नहीं मिलेगी .
इसीलिए सोनिया ने मौरीन के लडके रॉबर्ट
की शादी प्रियंका से करवा दी .
............शादी के बाद-की कहानी -..........
राजेंद्र वडरा के दो पुत्र , रिचार्ड और रॉबर्ट और एक
पुत्री मिशेल थे .
और प्रियंका की शादी के बाद सभी एक एक कर मर गए
या मार दिएगए .
जैसे , मिशेल ( Michelle )सन 2001 में कार
दुर्घटना मेंमारी गयी ,
रिचार्ड ( Richard )ने सन 2003 में आत्मह्त्या कर ली .
और प्रियंका के ससुर सन 2009 में एक मोटेल में मरे हुए
पाए
गए थे .
लेकिन इनकी मौत के कारणों की कोई जाँच नहीं कराई
गयी ,
और इसके बाद सोनिया ने रॉबर्ट को राष्ट्रपति और
प्रधान मंत्री केबराबर का दर्जा इनाम के तौर पर दे
दिया .
तब इस अधिकार को परजिस रॉबर्ट को कोई
पडौसी भी नहीं जानता था ,
उसने मात्र आठ महीनों में
करोड़ों की संपत्ति बना ली ,और कई
कंपनियों का मालिक बन गया , साथ ही सैकड़ों एकड़
कीमती जमीने भी हथिया ली

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