साईं बाबा
ब्राम्हनोने केवल इतना ही बताया के 'साई बाबा' भगवान नहीं है,
लेकिन वो असल में कौन है, ये तो वोह लोग बतानेवाले नहीं है | इसलिए
हमने ही 'साई' की सारी 'कुंडली' निकाल ली....
१} सांई का असली नाम
'गोविंद माधव भट्ट'
जन्म ०६/१२/१८२४.
२} दूसरे बाजीराव पेशवा के द्वारा गोविंद माधव भट्ट को तारीख
०७/०६/१८२७ को गोद लिया गया |
और नया नाम रखा 'नाना साहब पेशवे'.
३} सन् १८५७ रजवाड़ों की लड़ाई से पहले
तारीख २८/०२/१८५६ को नाना पेशवा का यानी 'शिरडी के सांई बाबा'
का वॉरंट जारी हुआ |
अंग्रेजो द्वारा २ लाख रु. का ईनाम घोषित हुआ |
४} वॉरंट (फरमान) में लिखा-
"नाना पेशवा रंग गोरा, बड़ी-बड़ी आंखे, कद ६ फिट २ इंच, नाक लंबी,
साथ में कान कटा नौकर | पता बताने वाले को २ लाख रू. का नगद
ईनाम |"
[नोट :- सोनी टी.वी. चैनल पर सांई का सीरियल आता है जिसमें सांई
का सेवक भक्त कान कटा दिखाया गया है ]
५} अंग्रेजों के डर से नाना पेशवा फकीर
का वेश लेकर शिरडी पहुंचा |
६} सांई अपना नाम कभी 'नाना भट्ट'
तो कभी 'अप्पाराम' बताता | सांई कहता मुझे 'नाना भट्ट'
नही 'अप्पाराम' ही कहा करो |
७} सांई ने अपने गांव का नाम, पिता का नाम कभी नही बताया |
हमेशा पहचान छुपाई |
८} नाना पेशवा और तात्या टोपे का एक साथ गायब होना,
उन्ही की उम्र के वही कद-काठी के दो बाबा-महाराज का महाराष्ट्र में
अचानक निर्माण होना |
दोनों बाबाओं का कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र होना |
दोनों का चमत्कार दिखाना |
९} 'शेगांव का गजानन महाराज' यानी फरार
'तात्या टोपे' की मृत्यू की सूचना पाकर सांई बाबा औरतों की तरह
फूट-फूटकर रोने लगा और कहा कि मेरा गजानन चला गया |
( क्योंकी गजानन महाराज यानी तात्या टोपे, नाना पेशवा (सांई)
का सेनापती था | )
१०} सांई चावड़ी (चबूतरे) पर गोल तकिये पर टिक कर बैठता था |
जैसे पेशवा बैठा करते थे |
इन बातों से सिद्ध होता है कि सांई भगवान
नही बल्कि भगोड़ा नाना साहब पेशवा था |
११} नाना पेशवा देशभक्त होता तो भगत सिंह, उधम सिंह, सुभाष चंद्र
बोस, बिरसा मुंडा, टंट्या भील (मामा) की तरह बहादुरी से लड़ता |
फकीर के वेष में छुपता नही |
१२} सन् १९९४ में पेशवा के वंशज द्वारा एक लेख लिखा गया था,
कि सांई बाबा यानी यही नाना साहब पेशवा हमारे पूर्वज
है |
१३} प्रबोधनकार ठाकरे जी (बाल ठाकरे के
पिता) लिखते हैं कि सांई दूसरा और कोई
नही बल्कि यही 'नाना पेशवा' है |
१४} सूबेदार भवानी सिंह, अटक नगर रेजीमेंट में पदस्थ थे |
वहां फकीर के वेश में घूम रहे सांई को पहचान लिया कि ये
तो नाना पेशवा है |
विशेष नोट:- नाना पेशवा ने अपना नाम
क्रिश्चन मसीहा-ईसा के ठीक उल्टा 'सांई ' रखा
Wrong information
ReplyDeleteYes.. its absolutely wrong..!!
DeleteRight 👍👍
DeleteLol baba saheb ambedkar ka naam mat kharab karo aise khabre chaapkar!!
ReplyDeleteAbsolutely correct information. Sach kadva lagta hain bas
ReplyDeleteसच तो बता नही रहा सायद यही सच हो एकदम सही इन्फॉर्मेसन
Deleteyaha to sabut ke dour kuch bhi nahi ne khali muse bake he
ReplyDeleteSahi baat hai
ReplyDeleteSwami samarth bhi inme se ek peshwa bhagoda tha
ReplyDeleteTumhari kya aukat hai unke bare mai aisa kehne ki...??? Tu hi bhagoda hai murkh vyakti...!!!
Deletenice
ReplyDeleteWhy are you spreading such a wrong information about our gods and our warrior... Foolish man..!!! If you keep saying such bad words about them then we will meet in court soon..and just wait and watch..!!! I am warning you first amd last time..!!
DeleteEk dam galat information pura fake unka naam - chaand miya
ReplyDeleteबुद्ध भी भगोडा था अपनी बिवी को छोडके भगोडा बनके साधु वेष धारण कीया फिरसे हिंदु बनना चाहता था लेकीन उसी हत्या हो गई और यह हत्या उसके ही अनुयायी ने की यह भी सच है
ReplyDelete25000 sal पहिले हिंदू थे क्या
Deleteसदाशिवराव भाऊ की जय नानासाहेब की जय
ReplyDeleteबुद्ध भी पाखंडी ही था
ReplyDeleteHats off to you to write the truth over here, truth never hide.
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