Monday, January 11, 2016

जब कोई अस्पृश्य सवरण हिन्दू के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने पुलिस अधिकारी के पास जाता है तो...

[10/01 20:09] डॉ संदीप भारती: प्रत्येक अस्पृश्य इस बात का गवाह है जब कोई अस्पृश्य सवरण हिन्दू के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने पुलिस अधिकारी के पास जाता है तो उसे संरक्षण के स्थान पर ढेर सारी गालिया सुनने को मिलती है ।या तो उसे बिना REPORT लिखे भगा दिया जाता है या REPORT ऐसी झूठी लिखी जाती है कि उसमें हिन्दुओ के बच निकलने का कोई ना कोई रास्ता अवश्य छोड़ दिया जाता है ।यदि वह किसी मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा ने ले जाता है तो उस पर क्या कार्यवाही होगी, यह पहले ही मालूम हो जाती है ।किसी अस्पृश्य को कोई हिन्दू गवाही देने के लिए नहीं मिलेगा क्योंकि गाँव में पहले ही षड्यंत्र रच लिया जाता है कि कोई भी अस्पूश्य की हिमायत में नहीं उतरेगा चाहे सच कुछ भी क्यो ना हो ।यदि वह किसी अस्पृश्य को गवाही देने के लिए ले आएगा तो मजिस्ट्रेट गवाही को स्वीकार ही नहीं करेगा क्योकि वह आसानी से कह देगा कि वह तो उसी का हितैषी है इसलिए उसे स्वतंत्र गवाह नहीं कहा जा सकता ।यदि स्वतंत्र गवाह है भी मजिस्ट्रेट के सामने यह आसान सा तरीका यह कह देना है कि उसे अस्पृश्य के पक्ष में सच्चा गवाह प्रतीत नहीं होता ।वह निडर होकर ऐसा फैसला सुना देगा क्योंकि उसको पता है कि उसके ऊपर कोई अदालत उसके इस फैसले को नहीं बदलेगी क्योकि यह एक स्थापित नियम है कि अपील सुनने वाली अदालत मजिस्ट्रेट के फैसले में दखल ना दे जो गवाहियो पर आधारित है और जिसकी उसने जांच नहीं की है ।
[10/01 20:13] डॉ संदीप भारती: [06/01 20:28] डॉ संदीप भारती: CAUSES OF ATROCITIES OF SCHEDULE CASTES 
1. TO AVAIL THEMSELVES TO LEGAL RESOURCES 
2. TO ASSERT THEIR RIGHTS TO RESOURCES.. LAND WATER, LIVELIHOOD, HOUSING 
3. TO ASSERT THEIR RIGHTS TO CHOICE OF OCCUPATION 
4. TO ASSERT THEIR RIGHTS TO PARTICIPATION ON CULTURAL LIFE OF THE COMMUNITY.. ENTERING INTO TEMPLES, ORGANIZING RELIGIOUS CEREMONIES 
5. TO ASSERT THEIR RIGHT TO VOTE 
6. TO ASSERT THEIR RIGHT TO SELF DIGINITY 
SC ARE VICTIMIZED TO SATISFY SUPERSTITIOUS BELIEFS OF DOMINANT CASTES
[06/01 20:29] डॉ संदीप भारती: बोद्ध अछूतो की समस्याओ पर चिंतन नहीं करना चाहते
[06/01 20:29] डॉ संदीप भारती: इसलिए मैं बोद्धो को स्वीकार नही कर पा रहा हूँ
[06/01 20:30] डॉ संदीप भारती: जो भी अछूतो के लिए चिंतन करेगा मैं उसी के साथ हू
[10/01 20:16] डॉ संदीप भारती: अब हमें द्विज (मनुवादी ) के विरोध में अपनी शक्ति को बर्बाद नहीं करना चाहिए
[10/01 20:16] डॉ संदीप भारती: बल्कि खुद की शक्ति का विकास करना चाहिए
[10/01 20:16] डॉ संदीप भारती: जब शक्ति संतुलन होगा तभी हम सम्मान का जीवन जी पाएँगे
[10/01 20:27] डॉ संदीप भारती: हमारी ऊर्जा द्विजो के असफल विरोध में खर्च हो रही है हम कुछ दिन लडते हैं लेकिन resources के अभाव में थक हार कर बैठ जाते हैं
[10/01 20:27] डॉ संदीप भारती: सच्चाई ये कि हमने कभी लडाई के लिए तैयारी ही नहीं की
[10/01 20:28] डॉ संदीप भारती: आधी अधूरी लड़ाई से हमेशा हार ही मिलती है
[10/01 20:36] डॉ संदीप भारती: हमारे जो DOCTORS जहाँ भी काम करते हैं वो अस्पताल निजी हो या सरकारी सभी के मालिक द्विज हैं । अपने मालिको के विरोध में हम अगर हम कुछ भी करते हैं तो हमें नुकसान तो होगा ही
[10/01 20:39] डॉ संदीप भारती: दलितो की समस्या क्या हैं? इस समस्या को तरह तरह के नाम दिए जा सकते हैं, पर कुल मिलाकर यह मानव के अपमान और उसके अस्तित्व के नकार की समस्या है । यह अपमान, घुटन और दासता के रास्ते मनुष्य की मृत्यु है ।जब कोई मनुष्य अस्पृश्य कहा जाता है, तब वास्तव में उसे मानव नहीं माना जाता ।अस्पृश्यता की दृष्टि मानव विरोधी दृष्टि है । मानव की इस  गरिमा की रक्षा का व्यवहारिक पहलू देखा जाए कि दलितो के पास  क्या नहीं है । उत्तर में कहा जा सकता है कि कुछ चीजें हैं, जो उसके पास नहीं है ।उसके पास लिखित ज्ञान और धर्मशास्त्र नहीं हैं ।उसके पास शस्त्र और सत्ता नहीं है ।उनके पास धन और धन की साख नहीं है ।उससे लड़ने वालो ने उसे निहत्था कर दिया है ।उसके विरोधियो ने उसकी ये सारी चीजें आपस में समझौता कर बाँट ली है ।वह शास्त्रविहीन, शस्त्रविहीन और धनविहीन हो गया है ।ऐसे वर्ग के गुलाम बनने में कोई कमी नही रह जाती ।वास्तव में दलित वर्ग हिन्दू धर्म का गुलाम वर्ग है ।
[10/01 20:44] डॉ संदीप भारती: सभी हिन्दू (GENERAL +OBC) स्वाभिमानी अछूतो के विरुद्ध एकजुट हैं । लेकिन सभी स्वाभिमानी अछूत एकजुट नहीं है वो अपने स्तर पर अलग अलग लड़ाईया लड़ रहे हैं इसलिए हार रहे हैं । 100 गीदड मिलकर एक शेर का शिकार कर ही लेते हैं

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