ब्राह्मण 3.5% अल्पसंख्यांक है, फिर भी भारत में ब्राह्मण समाज शक्तिशाली समझा जाता है- वे शासक वर्ग है, उनपर कोई अत्याचार नहीं होता है, क्योंकि, ब्राह्मण लोग प्राचीन काल से संगठित है- पहले वे "ब्राह्मण सभा" के माध्यम से संगठित थे; अभी वे RSS के माध्यम से संगठित है। संगठन ही शक्ति होती है। संगठन की मदद से कुत्ता भी शेर बनता है, लेकिन, संगठन के बिना शेर भी कुत्ता बन सकता है!
प्राचीन काल में ब्राह्मण लोगों की ब्राम्हण सभा हर गांव, हर नगर में कार्यरत रहती थी; अभी उनका RSS संगठन हर गली, हर गांव, हर शहर में कार्यरत हैं। इस सामाजिक संगठन की मदद से ब्राम्हण लोग देश की व्यवस्था अपने कब्जे में रखते हैं। राजा कोई भी हो, लेकिन, उसके राज्य पर, अर्थात, व्यवस्था पर ब्राह्मणों का कब्जा रहता है! इसलिए, भारत में कई राजा हुए, मुगल बादशाह हुए, लेकिन, व्यवस्था ब्राह्मणों की ही रही। वर्तमान में भी कहने को लोकशाही है, लेकिन व्यवस्था पूर्णतः RSS के कब्जे में हैं।
हमारा मुलनिवासी समाज बहुसंख्यांक है, इसलिए बहुजन कहलाता है, लेकिन हमारा कोई भी देशव्यापी सामाजिक संगठन नहीं है। हमारे हजारों छोटेमोटे राजकीय या धार्मिक संगठन है, लेकिन देशव्यापी सामाजिक संगठन एक भी नहीं है। इसलिए, हम समस्याओं से घिरे हैं; क्योंकि हम गुलाम है और समस्या गुलामों की ही होती है। ब्राह्मण स्वतंत्र है, इसलिए देश में उनकी कोई समस्या नहीं है।
अर्थात, संगठन के अभाव की वजह से हम समस्याग्रस्त और गुलाम है। क्योंकि, संगठन के अभाव में समाज भीड में तब्दील हो जाता है। हमारे लोग करोडों की संख्या में है- भारत में SC 15 करोड है, ST 8 करोड है, मुस्लिम 18 करोड है, OBC लगभग 60 करोड है; लेकिन यह सारे लोग सामाजिक लेवल पर विभाजित है, इसलिए भीड में तब्दील हुए हैं।
भीड का एक ही वसूल होता है कि, उसका सिर्फ इस्तेमाल होता है और उसे जैसा चाहे वैसा हाँका जाता है। इसलिए, भीड केवल गुलाम बन सकती है, शासक नहीं!!
अर्थात, हम भीड में तब्दील हुए हैं, इसलिए गुलाम है। हमें शासक बनाने के लिए डाॅ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि, पहले शिक्षित बनो, संगठित बनो और फिर शासक बनो। हमारे लोग देशव्यापी संगठन बनाते नहीं, लेकिन, शासक बनने के सपने मात्र हरदिन देखते हैं! हमारे बहुजन समाज को विदेशी ब्राह्मणों की गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए बामसेफ ने "भारत मुक्ति मोर्चा" इस देशव्यापी सामाजिक संगठन (National social organisation) का निर्माण किया है। सभी मुलनिवासी बहुजनो से अनुरोध है कि, इस संगठन में खुलकर काम करें।
जय मुलनिवासी।
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