Saturday, November 26, 2016

अपने बच्चों को अपने महापुरुषों का सच्चा इतिहास बताओ

आखिर हम अब भी पीछे क्यों हैं..
क्योंकि हम अपने बच्चों को अब तक अपना इतिहास और महापुरुष बताने में समर्थ रहे...
(1) हम अपने बच्चों को यह नहीं बता पाये कि बेटा अगर महात्मा फुले ने शिक्षा की शुरुआत नहीं की होती तो मुझे पढ़ने-लिखने का अधिकार नही मिलता और तेरी मम्मी भी पढ़ी- लिखी नहीं होती और अगर तेरी माँ पढ़ी- लिखी नही होती तो बेटा तेरी परवरिश भी अच्छी नही हो पाती ।
(2)हम अपने बच्चों को यह नही समझा पाये की बेटा अगर छत्रपति शाहू जी महाराज ने 1902 में  आरक्षण की सुरुआत नहीं की होती और बाबा साहब ने 1950 में इसे लागु नहीं किया होता तो मुझे यानि तेरे बाप को कभी नौकरी नही मिली होती।
(3) हम अपने बच्चों को यह नहीं समझा पाये की बेटा अगर मेरी नौकरी नहीं होती तो न तू  सेंकी और चेंकु होता और न में रणविजय और रणधीर होता अगर बाबा न होते तो में किसी ठाकुर के घर का दुखीराम या दयाराम होता और तू हमारे घर का पलटू राम होता ।
( 4) बेटा अगर बाबा न होते तो  आज न तू CBSE ya PUBLIC CONVENT ka student hota aur बल्कि तू भी अपने बड़े पाप के 'राधेश्याम' के साथ मामा के स्कूल में हाथ में कटोरा लेकर खीर खा रहा होता।
(5)हम अपने बच्चों को अपने महापुरुषो का सच्चा इतिहास नहीं बता पाये और इस तरह हमने एक अज्ञानी पीढ़ी तैयार कर दी जो 'जय भीम', 'जय रविदास', 'जय शिवराय' या इन सबकी एक साथ जय करने के लिए "जय मूलनिवासी" बोलने की बजाय अपने दुश्मनो का दिया हुआ खाकी नेकर पहन कर शाखा में जाता है और 6 दिसम्बर बाबा साहब की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने की जगह शौर्य दिवस की बधाई देने लग गया! बाबा साहब ने कहा था "जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती बो अपना इतिहास कभी नहीं बना सकती।"
बाबा साहब के गुरु तथागत बुद्ध,संत कबीर और राष्ट्रपिता जोतिबाराव फुले थे।बाबा साहब ने  स्वयं कहा है कि यदि जोतिबा न होते तो मैं भी न होता।इसीलिए हमारे लिए सभी महापुरुष बहुत मायने रखते हैं।अपने राज्य में 50% आरक्षण की व्यवस्था सबसे पहले लागू करने वाले छत्रपति राजर्षि शाहू महाराज को क्या आप भूल सकते हैं!!!!????नहीं न!!!
 इसलिये मेरा आपसे निवेदन है कि अपने बच्चों को अपने महापुरुषों का सच्चा
इतिहास बताओ और आने बाली पीढ़ी को ज्ञानवान बनाओ!

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