Saturday, November 26, 2016

डोनाल्ड का दृष्टीकोण :- हमारी साझी चिंताएँ भेड़ चिंतन

डोनाल्ड का दृष्टीकोण :-

हमारी साझी चिंताएँ

    भेड़ चिंतन  

मुझे लगता है कि हम सभी ,, भेड़ चिंतन ,, का मतलव जानते होंगे ।  यह भीड़ की मानशिकता हे , जो लोगों को सर्वश्रेष्ठ और निकृष्टतम  स्वरूप को उभारती हे  , सर्वश्रेष्ठ से मेरा मतलव हे कि एक गड़रिया प्रकट हो जायेगा और भीड़ को सही रास्ता दिखायेगा   ।लेकिन इस बात की सम्भावना कम होती हे     आम तोर पर भेड़िये पहले आयेंगे और भेड़ो का रेवड़ उनके चलने के लिये तैयार हो जायेगा  , ।   हम चाहते हे कि आप भेड़ो के रेवड का हिस्सा न बने  ।   हम चाहते हे कि आप देखने , सुनने, सोचने , और करने में सक्छम बने  ,  ताकि आप भेड़ चाल से अलग रह सकें      ,। जो लोग खुद सोच सकते है  वे भेड़ो के रेवड का हिस्सा कभी भी नहीं बनते है   ।
                     भेड़ चिंतन लोगों को वित्तीय रूप से आत्म निर्भर नहीं बनने देता     ,।।   इसके चलते वे खुद कुछ नहीं सोच पाते हे   और अन्धो की तरह अपना पैसा वित्तीय  सलाह कारो  के हवाले कर देते है

अगर आप को दूसरो से ऊपर उठना हे  , तो आपको ऐसे काम करने होंगे जो दूसरे नहीं करना चाहते है

में जीतनी ज्यादा मेहनत करता हूँ , उतना ही ज्यादा खुद किस्मत बनता जाता हूँ
मतलव  गड़रिया ही सर्वश्रेष्ठ हे   हम अपना इतिहास भूल गए गुमराह व् भ्रमित होगये शिक्छा कीकमी होने से  अब हम सभी को एकहोना हीहोगा , तभी समाज का हित होगा
आप गड़रिया  , यानी सर्वश्रेष्ठ आप ही हो  , खुद की अहमियत समझो    ।

कुँ, बनवारी सिंह बघेल

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