Saturday, November 26, 2016

मोदी भक्तों के शुरुआत के 50 दिन

[11/14, 12:35 PM] Sanjeev Sehara: #500_1000_नोट

मोदी: भक्तों, शुरुआत के 50 दिन कष्ट में गुजरेंगे।

भक्त: और 50 दिनों बाद।

मोदी: भक्तों, 50 दिन के बाद का समय ठीक गुजरेगा।
भक्त: कैसे?

मोदी: भक्तों, 50 दिनों के बाद तुम्हे कष्ट सहने की आदत पड़ जाएगी।
आदत नहीं पड़ी तो भी चिंता की कोई बात नहीं है। तब तक कोई नया शिगूफा छोड़ देंगे। कोई नया झुनझुना थमा देंगे, बैठकर बजाते रहना, लॉलीपॉप दे देंगे, पकड़कर चूसते रहना। शिगूफों, झुनझुनों और लॉलीपॉप की कोई कमी थोड़ी है हमारे पास!

**जय मूलनिवासी**
   😜😜😡😃😳
[11/14, 12:51 PM] Sanjeev Sehara: मोदी के नोट बदलने के तुगलकी फरमान के खिलाफ थे रघुराम राजन

जैसे जैसे वक़्त बीत रहा है और नये आर्थिक फ़ैसले आ रहे वैसे वैसे राजनीति के गलियारों में सामने आ रही है रघुराम राजन के छोड़ने की वजह| मोदी सरकार के आने के बाद ही काला धन चर्चा का विषय था, देश को उससे कैसे निजातदिलाई जाए| रघुराम राजन चाहते थे देश के धन्ना सेठो के खिलाफ जाना, लेकिन मोदी चाहते थे ग़रीब, किसानो औरमध्यवर्ग के खिलाफ जाना|सूत्रो के माने तो रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगी को अपने रहते 500/1000 रुपये के नोटो को बैन करने से रोक दिया था|
रघुराम राजन ने अपने मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री से बाते की, उन्होने इसके खिलाफ तीन बाते बातये- 20,000 करोड़ नये नोटो की छापने की कीमत कौन देगा| भारत मे सिर्फ़ 28-32% लोगो वित्य संस्थान से जुड़े है| पूरी बैंकिंग व्यवस्था के 138,626 मे 33% ब्रांच सिर्फ़ 60 बड़े शहरों और छोटे शहरों मे है| उत्तर पूर्व के 38 ज़िलो मे सिर्फ़10 बैंक ब्रांच है| इस से भी बड़ी बात ये है की हर 10 हज़ार व्यक्ति पर सिर्फ़ एक बैंक है भारत में|
दूसरा कारण जो राजन ने प्रधानमंत्री को बताया था वो था की कोई भी काला धन जमा करके नही रखता उसे सोने, चाँदी,ज़मीन, फ्लैट, हीरा, डॉलर या विदेशो के बैंक मे रखता है| इसलिए नोटो के बदलने से सिर्फ़ आम आदमी को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा| उन्होने बताया की भारत मे 60 फीसदी लोग किसान है, जिनको इनकम टैक्स नहीं देना होता है| ये लोग रुपयों मे कारोबार करते हैं| 500 और 1000 का नोट बदलने से इनपर बुरा असर पड़ेगा| ये बताना ज़रूरी हैभारत मे 97% कारोबार रुपयो मे होता है|
तीसरा और सबसे बड़ा कारण- राजन कॉर्पोरेट इंडिया के पीछे जाना चाहते थे| जो सरकार को अरबो का चूना लगा रहे थे| सरकार से अरबो का लोन लेकर बैठे थे| इस मुहिम से कॉर्पोरेट इंडिया मे खलबली मच गयी| माल्या जैसे उद्योगपति सरकार को चूना लगाकर देश छोड़कर भाग गये| इसके अलावा राजन के उन 56 धन्नासेठो पर भी नज़र थी जो सरकार का 85000 करोड़ पिछले सालों मे लेकर बैठ गये| कोई भी बजट उठाकर देख लीजिए तकरीबन 8 लाख करोड़ का कॉर्पोरेट इंडिया का टैक्स सरकार माफ़ कर देती| राजन का तर्क था, देश की अर्थ व्यवस्था सुधारने के लिए इनसे टैक्स वसूला जाए

इस खबर के लिए लिंक पर क्लिक करे।
|http://upkhabar.in/2016/11/12/raghuram-rajan-was-against-note-ban/
[11/14, 12:53 PM] Sanjeev Sehara: जब *डॉक्टर* or *नर्सिंग ऑफिसर एव स्टाफ* लगातार 72 घंटे नॉन स्टॉप ड्यूटी कर सकते हैं और सदियों से करते आये हैं , तो क्या *बैंक* वाले एक हफ्ता *कैसुअल्टी* की तरह ड्यूटी नहीं कर सकते *?*

*किसने कहा कि बैंक रात को बंद करना जरूरी है !*

चलने दो *हॉस्पिटल की इमरजेंसी* की तरह ।

भीड़ अपने आप ही खत्म हो जायेगी ।😎
जनहित मे जारी 🙏🏻
जय भारत 🇮🇳
जय हिन्द  🇮🇳
[11/14, 12:54 PM] Sanjeev Sehara: 2 मिनट के लिए खुद के दिमाग से मोदी भक्त/विरोधी, वामपंथी/दक्षिणपंथी, हिन्दू-मुस्लिम का तमगा हटा के सोचिए इन 5 दिनों में क्या क्या हुआ?

• देश भर में फैले जाली नोट जलाए/फेंके जा रहे।
• काला धन रखने वालो के यहां छापे पड़ रहे।
• पैसे बांटकर चुनाव जीतने वाले नेता बौखलाए हुए है।
• बेईमानो के यहां दबे पैसे रद्दी बनते जा रहे।

नहीं सोचना.....चलिये ये सोचिये क्या नहीं हुआ...

• झारखण्ड-छत्तीसगढ़ में एक भी नक्सल हिंसा नहीं हुई।
• कश्मीर अलगाववादियों ने पत्थर नहीं बरसाए।
• UP में समाजवादी व महाराष्ट्र में ठाकरे गुंडों ने हिंसा नहीं की।
• पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन नहीं किया।
• बिना पक्का बिल व बिना टेक्स दिए खरीददारी नहीं हो रही।
[11/14, 1:11 PM] Sanjeev Sehara: अपने किए पर भरोसा क्यों नहीं हो रहा है सर?
2G घोटाले वाला तो 4000 रूपये कि लिए
ATM पहुँच गया पर बीजेपी से एक भी नेता ATM नहीं गया बैंक में नहीं दिखा!!!???
व्यापम वाले नोट पहले ही बदल दिए गए थे क्या सर!!!???
कोई कारण तो होगा न सर क्योंकि जीने के लिए पैसों की ज़रूरत तो आपको भी होगी, आपके तमाम सहयोगियों को भी होगी।
या घोषणा से पहले ही..........😂😂😂😂😂
[11/14, 1:14 PM] Sanjeev Sehara: नोट  बंद  करने  के लिए  तीन  तर्क  दिए  जा  रहे  हैं, पहला  अर्थव्यवस्था रेगुलेटेड हो ,  दूसरा काला  धन  बाहर आएगा  और कला धन  वालों  को  पकड़ा  जायेगा और  तीसरा नकली नोट चलन से बाहर किये जांय ! अगर  यह  तीन  बातें  हो  तो  इसको  पूरा  समर्थन  |
 लेकिन ५०० और १००० के  नोट  बंद करने के फैसले  पर  कुछ  ज़रूरी बात  जिनपर  विचार  होना  चाहिए  ;;;;;
1.१०० से  कम  बड़े  कॉर्पोरेट घरानों (ख़रब  पतियों ) पर  बैंक का १२ लाख  करोड़ क़र्ज़  है, यह  हम  सब  जानते हैं की यह  पैसा किसी  सरकार , मंत्री या बैंक की  अपनी सम्पति  नहीं है  , यह  आम जानता की  गाढ़ी कमाई का  पैसा है  , जिसका  व्याज एक लाख चौदह हज़ार  करोड़  इस  साल  बजट  में  माफ़    कर  दिया  गया  | अगर सच में मोदी  को आम  जनता के  हित  में काले  धन  की  चिंता  है  तो क्यों  यह   व्याज  माफ़  किया जा रहा है क्यों  यह  क़र्ज़  नहीं  वसूला जा  रहा  है ?

2.यह  पूरा  अभियान  विदेशों से  काला धन न  ला  पाने  , सबके खाते  में  १५ लाख  का  वादा  पूरा  न  कर  पाने  की नाकामी को छुपाने  का  प्रयास  है | वे जो  ब्लैकमनी होल्डर हैं (असली / बड़े वाले ) उनपर कार्यवाही तो दूर आप सुप्रीम  कोर्ट तक के पूछने पर  उन लोगों के नाम  उजागर नहीं  करते | येही  है  आपका  साहस  |

3 अब  यहाँ  विचार  कीजिये  की  यह  खेल  आखिर है  क्या ? १२ लाख  करोड़  बैंक   का  corporates  के पास फंसा है, और  उन corporates के हितों की रखवाली  मोदी सरकार  द्वारा  उसका व्याज भी  माफ़ कर दिया  जा  रहा है | अब  पूँजी  के इस बढ़ते  संकट से  निपटने  के लिए बहुत  ज़रूरी  है की किसान ,मजदूर , खोमचे वाले ,  पटरी दुकानदार , तीसरी चौथी श्रेणी का कर्मचारी आम  महिलायों  और मध्यम वर्ग  के  पास रखे  पैसे को  बैंक  में एक झटके  में  जमा  कराया  जाये जिससे बैंक के पास  फिर  से  पूँजी  एकत्र  हो  और  सरकार  फिर  corporates  को  कर्ज  दिलवा सके |

4. सबसे  ख़राब स्थिति  यह  है कि करीब पाँच करोड़  लोग खुद और परिवार की बेहद ज़रूरी ज़रूरतों (दवा सब्ज़ी आटा चाय  दूसरी खुदरा चीज़ों)के लिये बेवजह सताये गय हैं । वे भोर से बैंकों, पोस्ट आफिसों की लाइनों में खड़े  रहे  । अपने ही  कमरतोड़ मेहनत से कमाए अपने पैसे को  अपने ऊपर खर्च करने  के  लिए  भीख  की तरह  लेने के लिए  ! इनमें से शायद ही कोई वो हो जिसको पकड़ने के लिये ये नोटबंदी की स्कीम लाई गई है | कितने  मजदूर , पटरी दुकानदारों  के  यहाँ  चूल्हा  तक  नहीं  जला  उसकी ज़िम्मेदारी  कोन लेगा ?
5. नोट्बंदी के  लिए ज़ारी किये  गए  तुगलकी सरकारी  आदेश में  यह  भी  शर्त लगायी  है  की अगर किसी  के  खाते  में  अगर  आज  से  लेकर  ३० दिसम्बर तक  २.५ लाख  से ज्यादा पैसा  जमा हुआ तो वोह जांच के  घेरे  में  आएगा  और उस पर  दो सौ परसेंट पेनालिटी  लगायी  जाएगी  | अच्छा  मजाक  है  मेहनत  से  इमानदारी  से  सचाई  से  अगर पैसा कमाया  है और उसमे से  अपना पेट काटकर  ( जो  प्राय: आम किसान  और  मजदूर परिवारों और निम्न मध्य वर्ग  में  होता  रहा  है )  पाँच सात , १० लाख जोड़ ले, या पत्नियों  द्वारा  सालों  साल पतियों  से  मिलने  वाले  घर  खर्च में  से  बचा कर  जो  पूँजी आज   एकत्र की  हो वोह काला धन  हो  जाएगी ? सबको  पता  है  काला धन  कोई नकद  में  नहीं  रखता होगा |

ऊपर लिखी  सारी मुसीबत  अगर  आम  जानता झेल  भी लेती  है  तब भी  सवाल  वोही  रहेगा  की  क्यों ? और  किसलिए ? इससे आम जनता  को  क्या  मिलेगा ? महगाईं  कम  होगी  ? आमदनी  बढ़ेगी  ? खाते  में  १५ लाख  आएगा  ? शिक्षा , खेती  , चिकित्षा में  सब्सिडी मिलेगी या  मुफ्त  हो  जायेगा  ?
या  आम  जनता को  भूखा मार  कर , परेशान  करके  बड़े कॉर्पोरेट घरानों  के   हितों  की रक्षा  की जाएगी जिनके  टुकड़े  खाकर  यह  सरकार  बनी  है  तो  अब नमक  का  हक़  तो  अदा करना  ही  है ।
[11/14, 1:15 PM] Sanjeev Sehara: *मंदिर मे काले धन का गोरखधंधा*

*क्या भारत के सभी मंदिर पर काले धन को लेकर छापा लगना चाहिए ???*

जैसे ही 500 ओर 1000 रूपेय की नोट पर बेंड लगा तो कुछ मंदिरों में भगवान की आड में काले धन को वाइट करने का धंधा शुरू कर दिया

*वो भी 20% की कमीशन पर*

भोले भाले भक्तों की कठीन महेनत ओर श्रद्धा विश्वास से दिये गये हुये चडावा का हुआ दुरुपयोग साथ मे विश्वासघात

मथुरा में आये हुये काफी विख्यात गोवर्धन मंदिर के पुजारी पावनबाबा रंगे हाथों  ABP News चेनल के सर्च ओपरेशन मे कालेधन को 20% कमीशन लेकर वाइट मे बदले हुये केमेरे में केद हो गये

पुजारी पावनबाबा के विडयो ने एक बड़ा प्रश्र पुरे भारत को सोचने पर मजबूर कर दिया साथे में सरकार को मुश्किल मे डाल दिया है

पावपबाबा विडयो में बोल रहे है की -
में 1 करोड़ रुपये की 100 की नोट खड़े खड़े 10मीनट में दे सकता हु आपको

अब सरकार के सामने एक बड़ा प्रश्न है की एक सामान्य मंदिर का पुजारी 1करोड़ रुपये का वाइट खड़े खड़े कर सकता है तो पुरे भारत के मंदिर में कितना काला धन बदल सकते है??

*क्या भारत के सभी मंदिर पर काले धन को लेकर छापा लगना चाहिए????*

**जय मूलनिवासी**

No comments:

Post a Comment