Saturday, November 26, 2016

नौटँकी पूरे रंग में है!

नौटँकी पूरे रंग में है!
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यह सरकार है या "नौटँकी मण्डली"!
कभी कोई रोता है तो कभी कोई!
संसद में पूर्व मानव संसाधन मंत्री ऐसे भाषण देतीं हैं कि जैसे वो संसद में नहीं बल्कि "क्योंकि सास भी कभी बहू थी" कि सेट पर हों!
पी0एम0 तो रोने का रिकार्ड ही बना रहे हैं।
जो ब्राह्मणवादियों द्वारा रोहित वेमुला की सुनियोजित हत्या पर नहीं रोया,
जो ऊना में ब्राह्मणवादी-आतंकवादियों द्वारा शोषित जातियों पर की गयी क्रूरता पर नहीं रोया,
जो अख़लाक़ की ब्राह्मणवादी-आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्या पर नहीं रोया,
जो उड़ी हमले में मारे गए शहीदों पर नहीं रोया,
जो बैंकों के आगे लगी कतारों में मरे लोगों पर नहीं रोया,
जो वर्ष 2015 में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार से पीड़ित शोषित वर्ग की 2326 महिलाओं के दुःख पर नहीं रोया,
जो मुजफ्फरनगर दंगों पर नहीं रोया,
जो किसानों की आत्महत्याओं पर नहीं रोया,
जो उनकी ही पार्टी के सदस्य श्री दयाशंकर सिंह द्वारा शोषित जाति की महिला को अपशब्द कहने पर भी नहीं रोया,
जो अपनी पार्टी की रैलियों में मंच पर बेटियों का फूहड़ डांस करवाने पर भी नहीं रोया, जबकि यही पार्टी "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" और "बेटी के सम्मान में, बीजेपी मैदान में" का नारा लगाती है,
जो अपनी 96 वर्षीय बीमार माँ को कतार में खड़ा करने पर भी नहीं रोया......
वो इसलिये बार-बार रो रहा है क्योंकि जागरूक लोग उन्हें निर्धनों की खून-पसीने की कमाई को ब्राह्मणवादी-पूजीवादी लुटेरों को देने का विरोध कर रहे हैं!

जय भीम

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