Monday, February 1, 2016

कुत्ते की पूँछ सीधी हो सकती है लेकिन मनुवादियों की कभी नहीं

कुत्ते की पूँछ सीधी हो सकती है लेकिन मनुवादियों  की कभी नहीं 

साले गाय का गोबर खा लेंगे मुत्र पी लेंगे लेकिन जातिवाद नहीं छोड़ेंगे।
प्राचिन काल में सभी मनुष्य एक ही जाति (इंसान) के थे, लेकिन इस मनु कुत्ते ने जाति बनाकर देश को हजारों टुकड़ों में बाँट दिया जिस कारण लोग आपस में लड़ रहे हैं।एक समय था जब देश अंग्रेजों का गुलाम था लेकिन आज इन विदेशी ब्राम्हणों और विदेशी आर्यों का गुलाम है।भारत देश को मूल रुप से आजाद होने में अभी बहुत समय लगेगा।
शुरू से ही इन विदेशियों ने भारत पर कब्जा कर यहाँ घटिया हिंदू धर्म चलाया और रामायण, महाभारत जैसे काल्पनिक ग्रंन्थ की रचना की जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है और यहाँ का मूल इतिहास छुपा दिया।पंडितों ने खुद पापी होकर भी अपने आप को भगवान का दर्जा दिया और लोग इन पापियों की रचनाओं का शिकार हुए।

इन लोगों ने भारत के लोगों को छल कपट से मारा, मारने के बाद भारतीयों को असुर का नाम और खुद को भगवान का नाम दिया।उदाहरण के तौर पर महाभारत में राजा पांण्डु को नपुंसक बताया गया है फिर भी उसकी पत्नी कुंती के कर्ण अर्जुन सहित छः बच्चे हुए इससे साफ पता चलता है कि कुंती और पाण्डु के पंडित होने के कारण उनके नाजायज बच्चों की सच्चाई छिपाने के लिये भगवान से तालुक जोड़ा गया और मूलनिवासी कश्यप को धोखे से मारकर असुर का नाम दिया गया और भारत का असली इतिहास छिपाया गया।
यहाँ तक की भारत का संविधान भी पूर्ण रुप से लागू नहीं हो पाया है।
इन लोगों ने संविधान के कूछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद आज तक लागू नहीं किये क्योकि
भारत पर लगातार इनका ही शासन रहा है
वहाँ आज तक भारत के मूल निवासी की पहुँच नहीं हो पाई है।आज मोदी भले ही प्रधान मंत्री हैं लेकिन नियम और कानून राजनाथ सिंह के द्वारा बनाया जाता है।
हमारे भारतीय इतिहास की यही सच्चाई है।

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