Monday, February 8, 2016

बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के अंग्रेजी और मराठी में लिखे मूल संकलन के कॉपीराइट्स प्रकाश आंबेडकर के पास हैं


बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर होने वाले आयोजनों में उनके मूल लेखन कार्यों के संकलन का प्रकाशन करने की केंद्र सरकार की योजना कॉपीराइट के झमेले में फंस गई है। केंद्र सरकार बाबा साहेब के अंग्रेजी वाले लेखन के संकलन की प्रिंटिंग के लिए 14 अप्रैल की डेडलाइन पूरी करने में जुटी हुई है, लेकिन उनके पौत्र प्रकाश आंबेडकर ने प्रकाशन की इजाजत देने से मना कर दिया है। इसी दिन आंबेडकर जयंती के मौके पर होने वाले आयोजनों का समापन होना है।

बाबासाहेब के अंग्रेजी और मराठी में लिखे मूल संकलन के कॉपीराइट्स प्रकाश आंबेडकर के पास हैं। महाराष्ट्र सरकार के साथ कॉपीराइट विवाद बरसों से चल रहा है। राज्य सरकार ने डॉक्टर आंबेडकर के संकलित लेखन कार्यों के प्रकाशन के लिए प्रकाश के साथ करार किया था, जो 1990 के दशक में खत्म हो गया। तब से महाराष्ट्र सरकार प्रकाश आंबेडकर के साथ मतभेद सुलझाने की कोशिश में लगी रही और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत आंबेडकर फाउंडेशन को 2013 में उनके संकलन की कॉपी के दोबारा प्रकाशन की इजाजत दे दी।

हालांकि केंद्र को महाराष्ट्र सरकार से इजाजत मिलने पर डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर सोर्स मटीरियल पब्लिकेशन कमिटी ने आपत्ति की तो 2014 में प्रकाशन रोक दिया गया, लेकिन उससे पहले फाउंडेशन लगभग एक हजार कॉपी छाप चुका था। उसके बाद से सेंटर को आंबेडकर के लेखन कार्यों का प्रकाशन करने की इजाजत नहीं है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने जयंती के मौके पर होने वाले आयोजनों के तहत ट्रांसलेशन और प्रिंटिंग की पहल की है। मिनिस्ट्री इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को कम से कम 12 लेटर लिख चुकी है।

प्रकाश आंबेडकर ने कहा, 'कॉपीराइट मेरे पास है, इसलिए उसे देने का फैसला मैं ही करूंगा। मैंने फिलहाल कॉपीराइट किसी को नहीं दिया है।' प्रकाश ने BJP और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा कि सरकार आंबेडकर विरोध का काम कर रही है। उन्होंने कहा वह उन पुरानी बातों को नहीं भूल सकते, जब आंबेडकरवादियों को BJP और RSS के खिलाफ खड़ा दिखाया गया था। जब शंकरराव चव्हाण के समय आंबेडकर के संपूर्ण लेखन कार्यों का प्रकाश हो रहा था, तब वे हमारे खिलाफ थे। हम उसे नहीं भूलेंगे। BJP और RSS हमारे खिलाफ थे।'

RTI के जरिए हासिल किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि कैसे केंद्र आंबेडकर के संपूर्ण संकलन के प्रकाशन के लिए सितंबर 2014 से महाराष्ट्र सरकार से बार-बार इजाजत मांग रहा है। गौरतलब है कि बाबासाहेब के संकलित कार्यों का कॉपीराइट जनवरी 2017 में खत्म हो रहा है।   http://m.navbharattimes.indiatimes.com/india/125th-birth-anniversary-celebrations-ambedkar-works-reprint-runs-into-copyright-trouble/articleshow/50843983.cms?utm_source=facebook.com&utm_medium=referral&utm_campaign=Copyright040216   प्रकाश सर निर्णय बहुत सटीक हे वो इन लोगों का बारिकी से समझते हें 🙏🌷 जय भीम

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