नववर्ष मुबारकबाद के पीछे बहुत बड़ी धोखाधड़ी मूलनिवासीयों के साथ हुई है इसे आज सभी मूलनिवासीयो को जानने की जरूरत है।
जैसा कि आप सभी अच्छी तरह जानते हैं कि भारतीय संस्कृति के अनुसार नया वर्ष चैत्र मास बदी एकम् से शुरू होता है उसी दिन से बणिया लोग अपना नया खाता शुरू करते हैं एवं आज भी मनुवादी लोग अपने स्तर पर चैत्र मास में ही नये वर्ष का आगमन मानते हैं,लेकिन 1 जनवरी को नया वर्ष मनाने का भी बहुत ही भंयकर रूप से नाटक किया जाता है एवं इसे अधिक से अधिक प्रचारित करने का काम मनुवादी मीडिया के द्वारा किया जाता है इससे पीछे बहुत गहरा राज छिपा हुआ है उसे जानना अति आवश्यक है।
जिस प्रकार बौद्ध सभ्यता के दीपदान उत्सव को इन लोगों ने राम के साथ जोड़कर दीपावली में बदल दिया,अशोक विजयदशमी के साथ रावण की हार का झूठ फैला कर दशहरा बना दिया,बुद्ध को हिन्दू भगवानों का अवतार बना दिया
,बाबा साहेब अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर को बावरी मस्जिद तोड़ कर शौर्य दिवस बना दिया उसी प्रकार
👉1 जनवरी सन् 1818
को महाराष्ट्र के कोरेगांव
के युद्ध में बाजीराव पेशवा के
28000 सैनिकों को मात्र 500 मूलनिवासी महार सैनिकों ने पराजित करा
दिया था,
आज भी वहां मूलनिवासी महार सैनिकों का विजय स्तंभ इस बात का गवाह है।
इस अभूतपूर्व सफलता की खुशी में भारत के मूलनिवासी लोग प्रतिवर्ष एक जनवरी को विजय दिवस बड़ी धूमधाम के से एक साथ मिलकर मनाते थे इसलिए मनुवादियों को हरवर्ष नीचे देखना पड़ता था वे बिलकुल भी नहीं चाहते थे कि मूलनिवासीयो की बहादुरी का इतिहास लिखा जाए एवं यह दिन मूलनिवासीयो का विजय दिवस नहीं बना रहे इसीलिए एक जनवरी को नव वर्ष मनाने की प्रथा मूलनिवासीयों की बहादुरी का इतिहास भुलाने के लिए शुरू की गयी थी क्योंकि यह मनुवादी लोग बिलकुल भी नहीं चाहते हैं कि मूलनिवासीयो के गौरव पूर्ण इतिहास का ज्ञान इनकी पीढ़ियों तक पहुंचे,इसी वजह से ही जनरल डायर को लंदन में जाकर मारकर हंसते हुए फांसी पर चढ़ने वाले दलित शहीद ऊधम सिंह का नाम इतिहास में दर्ज नहीं किया गया,झांसी की मूलनिवासी यौद्धा झलकारी बाई के काम का श्रेय राजपूत रानी लक्षमी बाई के नाम से इतिहास में लिख दिया गया।
अत: आज आवश्यकता है सच्चाई को समझने एवं जानने की एवं जरूरत है हमारे समाज के सभी योद्धाओं को ऐतिहासिक रूप से जीवित करने की।
वर्ष 2016 में बाबा साहेब अम्बेडकर की 125 वीं जयंती हम लोग मनाने जा रहे हैं इसलिए नये वर्ष से एक नई परंपरा शुरू करें कि एक जनवरी को नव वर्ष मुबारकबाद के स्थान पर
विजय दिवस की धम्म कामनाएं
भेजना शुरू करें। एवं जगह जगह कोरे गांव विजय दिवस समारोह आयोजित करके अपने वीर योद्धाओं की शौर्य गाथा जन जन तक पहुंचाने का अभियान शुरू करें और इस अच्छे काम की शुरूआत आज से एवं अभी से शुरू कर दें।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि नया साल कभी कोई बदलाव लेकर नहीं आता है,यदि आप बदलाव चाहते हो तो स्वयं को अपने आप में बदलाव करने होंगे,इसके लिए अपने जीवन में तीन प्रकार की पवित्रता लानी होगी जिसके अनुसार मन की,वाणी की एवं कर्म की पवित्रता शामिल हैं।
जब तक अपने आप में परिवर्तन नहीं करेंगे तब तक नई साल आपका कोई मंगल नहीं कर सकती है।
आज हमे इन प्रतिज्ञाओ का पालन करने का सम्यक संकल्प करना चाहिए
22 पवित्र प्रतिज्ञाएं ,जो बाबासाहेब ने अपने लाखो अनुयायीयो से 15 अक्टूबर 1956 को नागपुर मे कराई थी
1👉मैं ब्रह्मा,विष्णू और महेश को कभी भी ईश्वर नही मानूंगा और न मैं उनकी पूजा करूँगा।
2👉मैं राम और कृष्ण को ईश्वर नही मानूँगा और उनकी पूजा कभी नही करूँगा।
3👉मैं गौरी,गणपति आदि हिन्दू धर्म के किसी भी देवी देवता को नही मानूँगा और न ही उनकी पूजा करूँगा।
4👉ईश्वर ने अवतार लिया इस पर मेरा विश्वास नही।
5👉मैं ऐसा कभी नही मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार है, ऐसे प्रचार को मैं पागलपन और झूठा समझता हूँ।
6👉मैं श्राद्ध कभी नही करूँगा,और न ही पिण्डदान करवाऊँगा।
7👉मैं बुद्ध धम्म के विरूद्ध कभी कोई बात नही करूँगा ।
8👉मैं कोई भी क्रिया कर्म ब्राह्मणो के हाथो नही करवाउंगा।
9👉मैं इस सिद्धान्त को मानूँगा कि सभी मनुष्य समान है।
10👉मैं समानता की स्थापना का यत्न करूंगा।
11👉मैं भगवान बुद्ध के अष्टांग मार्ग का पूरी तरह पालन करूंगा।
12👉मैं भगवान बुद्ध द्वारा बताई गई दस पारमिताओ का पालन करूंगा।
13👉मैं प्राणी मात्र पर दया रखुंगा। ,और उनका लालन पालन करूंगा।
14👉मैं चोरी नही करूंगा।
15👉मैं झूठ नही बोलूंगा।
16👉मैं व्यभिचार नही करूंगा।
17👉मैं शराब,नशा नही करूंगा।
18👉मैं अपने जीवन को बुद्ध धम्म के तीन तत्वो प्रज्ञा,शील,करूणा पर ढालने का यत्न करूंगा।
19 👉मैं मानव मात्र के विकास के लिए हानिकारक और मनुष्य मात्र को उंच,नीच मानने वाले अपने पुराने हिंदू धर्म को पुर्णत : त्यागता हूँ,और बुद्ध धम्म को स्वीकार करता हूं।
20👉मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि भगवान बुद्ध का धम्म ही सही धम्म है।
21👉मैं यह मानता हूँ कि अब मेरा नवीन जन्म हो रहा है।
22👉मैं यह पवित्र प्रतिज्ञा करता हूं कि आज से मैं बुद्घ घम्म के अनुसार आचरण करूंगा।
🍇🍇🍇🍇🍇🍇🍇💐💐💐💐💐💐💐💐विजय दिवस के उपलक्ष में हार्दिक धम्म कामनाएं। 🍒🍇🍇🍇🍒🍒🍒
Happy Vijay divas.
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By :H P BAUDDH
समता सैनिक दल
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