Friday, January 1, 2016

नेशनल हेराल्ड केस का संक्षिप्त सच

🍁Nathional Herald (NH) केस का संक्षिप्त सच🍁

NH न्यूज़ पेपर नेहरूजी द्वारा 1930 में शुरू किया गया था ।
समय के साथ पेपर का काम बढ़ता गया और इसने 5000 करोड़ की प्रॉपर्टी व् पूंजी बना ली ।
सन 2000 के आस पास यह पेपर नुकसान में चला गया और इस पर 90 करोड़ का कर्जा हो गया ।
नेशनल हेराल्ड NH के directors सोनिया , राहुल और मोतीलाल वोरा ने पेपर को " यंग इंडिया लि " को बेच दिया ।
अब ध्यान से पढ़े :-
यहाँ से असली किस्सा शुरू होता है ।
यंग इंडिया के director भी थे सोनिया राहुल ऑस्कर फर्नांडिया और मोतीलाल वोरा ।
सौदा ऐसा हुआ कि ' यंग इंडिया ' 90 करोड़ का NH का कर्जा चुकाएगी और बदले में 5000 करोड़ की प्रॉपर्टी ले लेगी ।
चूँकि दोनों कंपनियो में एक ही लोग थे अतः NH की 5000 करोड़ की संपत्ति सिर्फ 90 करोड़ में यंग इंडिया ने हथिया ली ।

किस्सा यहीं ख़त्म नहीं होता है ।
यंग इंडिया ने 90 करोड़ चुकाने के लिए कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन लिया , जो कि कांग्रेस पार्टी की सोनिया राहुल ने मीटिंग कर पास कर दिया और पार्टी treasurer मोतीलाल वोरा ने तुरंत यंग इंडिया के director मोतीलाल वोरा को दे दिए और इस मोतीलाल वोरा ने NH के मोतीलाल वोरा ( स्वयं ) को दे देये ।
अब और मजा देखिये :
दूसरे दिन काँग्रेस पार्टी ने मीटिंग बुलाई जिसमे सोनिया राहुल ऑस्कर फर्नांडिस मोतीलाल वोरा थे , इन लोगो ने 90 cr का  NH का लोन यह कहकर  माफ़ कर दिया कि इस पेपर ने आजादी दिलाने में मदद की थी ।
इसे कहते है बिना कुछ लिए दिए 5000 cr की संपत्ति हथिया ली । इसमें एक 11 मंजिला विशाल भवन , बहादुर शा जफ़र मार्ग दिल्ली स्थित , जिसे कि pass port office और अन्यो को किराए पर दिया गया है ।

इसको कहते हैं हींग लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा आये।

अब पोल खुल गई तो संसद में हंगामा  यह चोरी और सीनाज़ोरी नहीं तो क्या है ।
विचार करे , यह तो सिर्फ एक कारनामा सामने आया है ।


😞😢                                      🙏

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