महान हस्तियों के सच :-
कुछ प्रसिध्द मनुवादी लोग - जिन्हें हम विज्ञापन, उनकी नाटकीयता व अज्ञान के कारण नायक मानते हैं ।
उन लोगों के नाम के साथ उनका कार्य...!
1 ) मोहनदास करमचंद गांधी :- गुजराती बनिया, कलयुग का मनु, मीठी छुरी, पाखंड़ी, छली, ऊपर से उदार, अन्दर घोर जातिवादी - साम्प्रदायिक, बाबासाहब व मूलनिवासीयों का पक्का विरोधी...!
2 ) जवाहर लाल नेहरू :- कश्मीरी ब्राह्मण, गांधी का चहेता चेला, सत्ता लोलुपता के कारण कारण विभाजन करवाया, रसिक, ऊपर से उदार, अन्दर से दृढ़ मनुवादी, ब्राह्मणी वर्चस्व की नींव रखी...!
3 ) बाल गंगाधर तिलक :- चितपावन ब्राह्मण, मूलनिवासीयों का पक्का व खुला विरोधी, घोर जातिवादी व साम्प्रदायिक, मनुवादी वर्चस्व व पेशवा ब्राह्मणशाही का सपना देखता था....!
4 ) रवीन्द्रनाथ टैगोर :- बंगाली ब्राह्मण, रंगा सियार, छिपा मनुवादी, अंग्रेजों का चाटुकार कवि, जार्ज पंचम का स्तुतिगान 'जन गण मन' लिखा, मनुवादी शैतानों ने इसे राष्ट्रगान बना दिया....!
5 ) लजपत राय :- पंजाबी बनिया, उदारता का नाटक, अछूतों का विरोधी, मनुवाद समर्थक, मनुस्मृति का प्रशंसक, हिन्दू महासभाईयों का गहरा मित्र, बगुला भगत, जनेव बांटकर मूर्ख बनाया...!
6 ) वल्लभ भाई पटेल :- दृढ़ पिछड़े नेता, गांधी - नेहरू के चंगुल में, खुद को पिछड़ा न मानते, प्रधानमंत्री पद से वंचित हुए, पिछड़ों के आरक्षण, बाबासाहब तथा महार - बुध्दिष्ट व मुस्लिम के घोर विरोधी....!
7 ) विनोबा भावे :- चितपावन ब्राह्मण, गांधी का पक्का शिष्य, गांधी के बाद गांधीवादी छल को आगे बढ़ाया, इसने भूदान का नाटक करके सरकार द्वारा वास्तविक भू-सुधार को रोका....!
8 ) राम मोहन राय :- बंगाली ब्राह्मण, अंग्रेजों का सहयोगी, ब्रह्म समाज बनाकर समाज को मूर्ख बनाया, उसे सती-प्रथा व विधवा विवाह तो दिखा पर जाति-प्रथा व छुआछूत नहीं दिखा....!
09 ) बंकिमचन्द्र चटर्जी :- बंगाली ब्राह्मण, साहित्यकार-कवि, घोर जातिवादी व साम्प्रदायिक, अंग्रेजभक्त, देश-भक्ति एवं मुस्लिम विरोध फैलाकर शूद्रों ध्यान भटकाने का प्रयास किया....!
10 ) अरविन्द घोष :- बंगाली ब्राह्मण, उच्च आधुनिक शिक्षा प्राप्त मनुवादी, मनुवाद पर आध्यात्मिकता-दर्शन-तर्क-साहित्य का मुलम्मा चढ़ाया व इसने 'ब्राह्मण' महामानव बताया है....!
11 ) एनी बीसेन्ट :- आईरिश शैतान उपासक फ्रीमसेन, मनुवाद-जातिवाद में गहरी आस्था, थीयोसॉफिकल सोसायटी एवं कांग्रेस में सक्रिय, अंग्रेजों-मनुवादियों में गहरा भाईचारा बनवाया....!
12 ) मदनमोहन मालवीय :- उत्तर भारतीय ब्राह्मण, चतुर किन्तु बहुत ही संकीर्ण, छुआछूत व जातिवाद में आस्था, अंग्रेजों का चहेता चाटुकार, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का संस्थापक....!
13 ) दयानन्द सरस्वती :- सरयूपारी ब्राह्मण, जातिवाद-छुआछूत व वेदों का समर्थक, 'आर्य समाज' बनाकर व 'सत्यार्थ प्रकाश' लिखकर मनुवादी को जिंदा किया, जनेव बांटकर खूब मूर्ख बनाया....!
14 ) गोलवलकर :- चितपावन ब्राह्मण, फुले-शाहु -अम्बेडकरी आन्दोलन का विरोधी, मुस्लिम शत्रू, मुस्लिम भय उत्पन्न कर मूलनिवासीयों में मनुवादी वर्चस्व को बनाए रखने का प्रयास किया....!
15 ) वी. ड़ी. सावरकर :- चितपावन ब्राह्मण, कट्टर व खुला मनुवादी, मनुवाद को जीवित करने के लिए हिन्दू महासभा बनाई, गांधी हत्या में आरोपित किन्तु सबूत अभाव से बच गया....!
16 ) के. बी. हेडगेवार :- चितपावन ब्राह्मण, बहुत चतुर - चालाक, महाराष्ट्र के फुले-शाहु-अम्बेडकरी आन्दोलन को समाप्त करने के लिए मुस्लिम भय दिखाकर विषवृक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बनाया.....!
इन सारे ब्राह्मण पुरूषों ने केवल ब्राह्मणों के हित के लिए काम (कार्य ) किया, बहुजनों के लिए नहीं...?
No comments:
Post a Comment