लोग कहते हैं कि कण कण मे भगवान है, अगर कण कण मे भगवान है तो कण कण मे भ्रष्टाचार क्यों है ?
अगर कण मे कण भगवान है तो लोग जगह जगह अपना मल , मूत्र त्याग कर क्या भगवान को अपवित्र नही बना रहे ?
अगर जर्रे जर्रे मे भगवान है तो क्या लोग टट्टी, पेसाब, भगवान की खोपडी पर कर रहे हैं ?
लोग कहते हैं कि बगैर भगवान की मर्जी के पत्ता भी नही हिलता,
तो क्या भगवान चोरी भी करवाता है?
जब सब कुछ भगवान की मर्जी से होता है तो भगवान बलात्कार भी करवाता होगा ?
डकैती भी डलवाता होगा?
अगर यह सब भगवान ही करवाता है तो कितना निर्दयी है भगवान !
लोग कहते हैं कि भगवान गरीबो, मजलूमों, असहायों की रक्षा करता है ।
तो हिन्दुस्तान की आधे से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने के लिए मजबूर क्यों है ?
भगवान क्यों नही इन्हें अमीर बना देता ?
दुनिया मे हर कहीं असहाय, मजलूम ही प्रताडित हो रहा है , भगवान क्यों नही इनकी मदद करता ?
लोग कहते है कि भगवान दुष्ट, चोर,गुण्डो को सजा देता है।
तो फिर जगह जगह चोरी डकैती, गुण्डागर्दी क्यों हो रही है ?
अगर भगवान इनको रोकने मे सक्षम है तो पुलिस ,सेना, कोर्ट कचहरी क्यों है ?
सच यह है कि भगवान कुछ नही कर सकता ।
आज तो भगवान की खुद शामत आ गयी है ।
आंतकवादी मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, चर्च देखकर ब्लास्ट कर रहा है, भगवान अपनी बचत नही कर पा रहा है ।
भगवान की अष्टधातु मूर्तियों को चोर चुरा कर अंतर्राष्ट्रीय बाजार मे बेंच कर करोडो कमा रहा है,
भगवान अपनी रक्षा नही कर पा रहा है ।
कितना बेबस है भगवान !
लोग कहते है कि भगवान दूसरो को पवित्र बनाता है, अपने दर्शन से ।
लेकिन यह भगवान दलितों के छूने से ही छुईमुई के पौधे की तरह खुद सिकुड जाता है ।
दलित के छूने से अपवित्र हो जाता है ।
और फिर गाय, भैंस, बकरी की पाखाना, पिसाब से पवित्र हो जाता है ।
कैसा भगवान है ?
भगवान जब सबसे ताकतवर है तो उसकी सिक्युरिटी मे पुलिस ,, कमाण्डों , सेना क्यों लगायी जाती है ?
किसी भी धार्मिक स्थल पर जाइए, वहां गेट पर सबसे ज्यादा लूले,लंगडे,अपाह
िज ,कोढी,लाइन लगाये रहते है,
अंधे को आंख देत ,कोढिन को काया वाला भगवान कहां रहता है, क्यों नही इनकी समस्या दूर कर देता है ?
किसी ने कहा है कि _"इंसान को बनाकर भगवान ने सबसे बडी गल्ती की', या भगवान को बनाकर इंसान ने ।"
उत्तर साफ है कि "भगवान को बनाकर इंसान ने सबसे बडी गल्ती की।"
अगर इंसान ने भगवान की कल्पना नही की होती तो इसके नाम पर इतना ज्यादा लुटता, पिटता नही ।
भगवान सिर्फ एक अंधविश्वास है ।
जय भीम साहब
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