Thursday, January 7, 2016

"ऐसे थे हमारे महामानव, विश्वरत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर"

"ऐसे थे हमारे महामानव, विश्वरत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर"
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जब राज्यसभा में थे, तब वें संसद सत्र शुरू होने के पहले ही अपनी जगह पर
जाकर बैठ जाते थे! और जब जाते थे तो बडी बडी किताबे उनके हाथ में होती थी! उन किताबों में से रेफरन्स बताकर वे अपनी बात रखते थें! एक दिन, बाबा साहब अपनी जगह पर बैठे थे, और संसद सत्र शुरू होने ही वाला था! उसी वक़्त जवाहरलाल नेहरू
पीछे से आ रहे थे! बाबासाहब का ध्यान सामने किताबो में ही था! तो नेहरू जब बाबसाहब के नाजदिक आये तो उन्होंने उनके सिर पर जो गांधी टोपी हुवा करती थी, उस टोपी को, बाबासाहब के सिर पर रख दिया! उस समय बाबा साहब का ध्यान किताबों मे आगे की तरफ था, 
तो इस् तरह की हरकत किसने की, ये देखने के लिये
जेसे ही बाबा साहब पीछे मुडे तो पीछे नेहरू थे! और ये सब कुछ वहा मौजूद परभणी (पाथरी) के MP दे. ना. कांबळे देख रहे थे!
तो बाबा साहब ने नेहरू को जवाब दिया:- "MR. NEHRU, POLITICS IS A GAME FOR YOU, BUT IT IS A MISSION FOR ME." 
और नेहरु की बोलती बंद हो गयी।
भाइयों बस मै यही कहूँगा कि हमारा रोम रोम बाबा साहब के उपकार का ऋणी है। इस उपकार को हम उतार तो नही सकते लेकिन उनके mission को आगे बढ़ाने में सहयोग अवश्य कर सकते हैं।

जय भीम\___________/जय भारत।

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