सेकडो सालो से हर रोज, हर घंटे, हर मिनट दलितो को अपमानित किया जा रहा है! उनका शोषण किया जा रहा है! उन पर अत्याचार किया जा रहा है! दलित बेटियो और बहनो का बलातकार किया जा रहा है ! दलित नौजवानो के हाथ पैर काटे जा रहे है! दलितो के मसीहा बाबा साहिब डा भीम राव अम्बेडकर के समारक (statue) बुरी तरह से खण्डित किये जा रहे है उनको अपमानित किया जा रहा है! यही काम अगर कोई दलित कर दे यदि किसी मन्दिर में जाकर किसी भगवान की मुरती खण्डित कर दे या किसी सवर्ण लडकी से बलातकार कर दे या फिर किसी सवर्ण के हाथ पैर काट कर फेक दे! इन् लोगो की बस्तियो में लोगो को ज़िनदा जला दे तो क्या हो
क्या वही अंजाम इन् लोगो का नहीं होना चाहिये? क्या इन्हे इन् जघऩय अपराधो की सजा नहीं मिलनी चाहिये? क्या हमारे समाज का, हमारे नौजवानो का यह फर्ज नहीं बनता की वो अपने समाज की रक्षा करे ? क्या अब भी वह समय नहीं आया है की हम अपने हक, अपने अधिकार, आपनी बहन, बेटियो की आबरू की रक्षा, अपने मसिहा बाबा साहब डा अम्बेडकर जिनहोने हमे मानव होने का अधिकार दिलवाया उनके अपमान के बदले अपनी जान देदे और अत्याचारियो की जान का खतरा बन जाये
क्या हम अब भी नहीं जागेगे? क्या अब भी हमारा खून नहीं खौलेगा? क्या अब भी हम मुरदो की जीवन जियंगे
अब नहीं
बस अब और नहीं
सेकडो सालो से हर रोज, हर घंटे, हर मिनट दलितो को अपमानित किया जा रहा है! उनका शोषण किया जा रहा है! उन पर अत्याचार किया जा रहा है! दलित बेटियो और बहनो का बलातकार किया जा रहा है ! दलित नौजवानो के हाथ पैर काटे जा रहे है! दलितो के मसीहा बाबा साहिब डा भीम राव अम्बेडकर के समारक (statue) बुरी तरह से खण्डित किये जा रहे है उनको अपमानित किया जा रहा है! यही काम अगर कोई दलित कर दे यदि किसी मन्दिर में जाकर किसी भगवान की मुरती खण्डित कर दे या किसी सवर्ण लडकी से बलातकार कर दे या फिर किसी सवर्ण के हाथ पैर काट कर फेक दे! इन् लोगो की बस्तियो में लोगो को ज़िनदा जला दे तो क्या हो
क्या वही अंजाम इन् लोगो का नहीं होना चाहिये? क्या इन्हे इन् जघऩय अपराधो की सजा नहीं मिलनी चाहिये? क्या हमारे समाज का, हमारे नौजवानो का यह फर्ज नहीं बनता की वो अपने समाज की रक्षा करे ? क्या अब भी वह समय नहीं आया है की हम अपने हक, अपने अधिकार, आपनी बहन, बेटियो की आबरू की रक्षा, अपने मसिहा बाबा साहब डा अम्बेडकर जिनहोने हमे मानव होने का अधिकार दिलवाया उनके अपमान के बदले अपनी जान देदे और अत्याचारियो की जान का खतरा बन जाये
क्या हम अब भी नहीं जागेगे? क्या अब भी हमारा खून नहीं खौलेगा? क्या अब भी हम मुरदो की जीवन जियंगे
अब नहीं
बस अब और नहीं
सेकडो सालो से हर रोज, हर घंटे, हर मिनट दलितो को अपमानित किया जा रहा है! उनका शोषण किया जा रहा है! उन पर अत्याचार किया जा रहा है! दलित बेटियो और बहनो का बलातकार किया जा रहा है ! दलित नौजवानो के हाथ पैर काटे जा रहे है! दलितो के मसीहा बाबा साहिब डा भीम राव अम्बेडकर के समारक (statue) बुरी तरह से खण्डित किये जा रहे है उनको अपमानित किया जा रहा है! यही काम अगर कोई दलित कर दे यदि किसी मन्दिर में जाकर किसी भगवान की मुरती खण्डित कर दे या किसी सवर्ण लडकी से बलातकार कर दे या फिर किसी सवर्ण के हाथ पैर काट कर फेक दे! इन् लोगो की बस्तियो में लोगो को ज़िनदा जला दे तो क्या हो
क्या वही अंजाम इन् लोगो का नहीं होना चाहिये? क्या इन्हे इन् जघऩय अपराधो की सजा नहीं मिलनी चाहिये? क्या हमारे समाज का, हमारे नौजवानो का यह फर्ज नहीं बनता की वो अपने समाज की रक्षा करे ? क्या अब भी वह समय नहीं आया है की हम अपने हक, अपने अधिकार, आपनी बहन, बेटियो की आबरू की रक्षा, अपने मसिहा बाबा साहब डा अम्बेडकर जिनहोने हमे मानव होने का अधिकार दिलवाया उनके अपमान के बदले अपनी जान देदे और अत्याचारियो की जान का खतरा बन जाये
क्या हम अब भी नहीं जागेगे? क्या अब भी हमारा खून नहीं खौलेगा? क्या अब भी हम मुरदो की जीवन जियंगे
अब नहीं
बस अब और नहीं
Dinesh kumar 8743938870
No comments:
Post a Comment