Monday, January 4, 2016

बाबा साहेब डॉ आंबेडकर का सन्देश

बाबा साहेब डॉ आंबेडकर का सन्देश
१. तुम्हीं भारत के मूलनिवासी और सहोदर भाई हो |
२. तुम्हीं को इससे पहले अनार्य,असुर,राक्षस,शुद्र, अछूत और अब दलित या हरिजन कहा जाता है |
३. आर्यों और अनार्यों के युद्ध में तुमारी हार का परिणाम तुमारी गुलामी है |
४. समस्त भारत भूमि तुम्हारे पूर्वजों की धरोहर है | ५. तुम्ही इसके सच्चे और सही उतराधिकारी हो |
६. तुम्हें बलपूर्वक गुलाम बनाया गया | ७. तुम्हारे धन और धरती पर बलपूर्वक कब्ज़ा किया गया |
८. तुम्हारी सभ्यता, संस्कृति, साहित्य, इतिहास,और धर्म नष्ट कर दिया गया है|
९. तुम्हें धर्म का भी गुलाम बना लिया गया है 
१०. तुम हिन्दू कभी नहीं थे, तुम आज भी हिन्दू नहीं हो, ११. तुम हिन्दू धर्म  (ब्राह्मण धर्म) के गुलाम हो |
१२. हिन्दू धर्म (ब्राह्मण धर्म) छोडना धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि गुलामी की जंजीरे तोडना है |
१३. इसे वीर ही कर सकते है , तुम्हारे पूर्वज वीर थे |
१४. तुहारी रगों  में उनका खून है इसे पहचानो 
१५. शिक्षित बनो,संगठित रहो,संघर्ष करो विजय तुमारी है 
१६. जाती के अधर पर किसी को ऊँचा मानना पाप है और नीचा मानना महापाप 
१७. हिन्दू धर्म की आत्मा वर्ण जाती और ब्रह्मण हितेषी कर्मकांडो  में है |
१८. वर्ण और जाती के बिना हिन्दू धर्म की कल्पना ही नहीं की जा सकती |
१९. हिन्दू धर्म में कर्म नहीं जाती प्रधान है |
२०. जब तक तुम हिन्दू धर्म के गुलाम रहोगे तुम्हारा स्थान सबसे नीचा रहेगा|

तुम हिन्दु क्यों नहीं हो ?
१. हिन्दु धर्म वर्णों का है तुम किसी भी वर्ण में नहीं आते हो, जबरदस्ती सबसे नीचे वर्ण में रखा है |
२. हिन्दु धर्म के कर्मकांडों को तुम्हे नहीं करने दिया गया और तुम नहीं कर सकते हो |(आज तो तुम्हारे हिन्दू धर्म त्यागने के डर,कानून के डर व् तुमसे कमाई करने के लिए  तुमको कर्मकांड और मंदिर प्रवेश करने दिया जाता है)
३. हिन्दु धर्म के भगवान् उनके अवतार और उनके देवी देवता न तो तुम्हारे है और न तुम उनके हो |
४. इसलिए वे तुम्हारे साये से भी परहेज करते आये हैं  और आज भी कर रहे है |
५. कुत्ते बिल्ली की पेशाब से उन्हें कोई परहेज नहीं है परन्तु तुम्हारे द्वारा दिए गए गंगा जल से अपवित्र हो जाते हैं|
६. उनकी पुनः शुद्धि गाये के मल-मूत्र से होती है ,( ऐसे ही अनेकों कुविचारों से भरे हैं ये लोग)
७. हिन्दू धर्म के देवी देवता तुम्हारे पूर्वजों के हत्यारे हैं |

सामाजिक स्तिथि 
१. तुम्हें सम्मान, मानव अधिकार, समानता का अधिकार और सामाजिक अधिकारों से वंचित रखा गया था 
२. तुम आर्य(हिन्दू या ब्राह्मण) समाज की परिधि-रेखा के बहार के आदमी हो |
३. इसीलिए विद्या अर्जन तुम्हारे लिए वर्जित था 
४. धन इकठ्ठा करना पाप था
५. शारीरिक क्षमता बढ़ाना मना था ,हथियारों को बनाना और सीखना मना था ,कहीं इकठ्ठा होकर सम्मलेन करना मना था
६. राजनीती की बात तो सोचना स्वप्न मैं भी मना था,तुम्हारे हिस्से सिर्फ काम ही काम दिया गया|
७. तुहारी मुख्य समस्या तुम्हारी गरीबी नहीं बल्कि हिन्दू धर्म और समाज है, जिसमें जाती के आधार पर तुम्हारा धार्मिक, सामाजिक,आर्थिक एव राजनेतिक शोषण हो रहा है |

15 अगस्त 1947
१. तुम्हारी विरासत पर तीन बार हमला हुआ: -आर्यों का,  -मुसलमानों का, -अंग्रेजों का 
२. तुम दूसरी और तीसरी गुलामी मैं फंस गए |
३. 15 अगस्त 1947 को तुम्हें गुलाम बनाने वाले आजाद हो गए पर तुम्हे चार हज़ार वर्ष पूर्व गुलाम बनाने वालों ने तुम्हें आजाद नहीं किया |
४. तुम्हारी लड़ाई चंद अधिकारों की लड़ाई नहीं है ये तो आज़ादी की लड़ाई है |
५. इस लड़ाई के लिए मैंने तुम्हें महान अस्त्र दिया है जो हिन्दुओं के ब्रह्मास्त्र से भी बड़ा है 
६. ये अस्त्र है - एक व्यक्ति का एक वोट (मताधिकार)
७. रजा बनने के लिए रानी के पेट की जरूरत नहीं, तुम्हारे वोट की जरूरत है |
८. तुम अपने वोट से खुद राजा बन सकते हो |
९. तुम्हें जो आरक्षण मिला है ये किसी की दया या भीख नहीं है, ये तुम्हारा अधिकार है |
८. अधिकार मांगने से नहीं मिलता इसे छीनना होता है इसे छीन लो  |
९. ऐसा करने में क़ुरबानी देनी होती है, जिस कौम में क़ुरबानी देने वाले नहीं वो कौम कभी आगे नहीं बढ़ सकती, क़ुरबानी दो आगे बढ़ो  
१०.सावधान रहो अपने खिलाफ की जाने वाली साजिशों को पहचानो और विफल करो |
११. तुम्हें अपने पैर चाहिए बैसाखी नहीं |
१२. संस्कार में दिए गए सूअर , भेड़, बकरे, मुर्गे, जूता सिलने की मशीन तुम्हारा आर्थिक उथान नहीं कर सकेंगे |
१३. ये तुम्हारे और तुम्हारी आने वाली पीढ़ीयों को ख़राब करने की साजिश है, इसका बहिष्कार करो |
१४. पूना-पेक्ट की वजह से तुम्हारा राजनेतिक अधिकार बेमाने हो गए है |
१५. इससे तुम्हारा राजनेतिक प्रतिनिधित्व विकलांग ही नहीं बल्कि लक्वाग्रह्स्त हो गया है |
१६. नौकरी में आरक्षण पूरा न होने के कारन तुम्हारे लाखो-करोड़ों भाई बेरोजगार है |
१७. इससे तुम्हारे समाज का लाखों करोड़ का नुक्सान हो रहा है, इस नुक्सान को बचाओ|
१८. याद रखो तुम्हारे प्रति जो सवर्णों का आकर्षण है वो प्रेम नहीं बल्कि तुम्हारे खो जाने का  भय है |
१९. इक्कीसवीं सदी से समय तुम्हारा होगा इसे कोई रोक नहीं सकता इस पर विश्वास करो |
२०. याद रखो अन्याय का विरोध सम्मान और अधिकार की प्राप्ति ही जीवन है |

No comments:

Post a Comment