Dilip C Mandal ·
इंडियन करेंसी नोट पर बौद्धकालीन अशोक स्तंभ ही होना चाहिए. और कुछ नहीं. आजादी के बाद राष्ट्रीय सहमति से ऐसा ही था.
कांग्रेस ने खुराफात करके इसमें गांधी की तस्वीर लगाकर गड़बड़ी की शुरुआत की.
अब बीजेपी इसमें घुसेगी तो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बहाने, लेकिन बाद में अपने सारे सड़े-गले नेताओं, प्रतीकों को ले आएगी. हेडगेवार से लेकर गोलवलकर और अशोक सिंघल तक, पता नहीं कैसे कैसे नमूने होंगे...इन्हें रास्ता मिल गया तो पूरी गंदगी मचा देंगे.
बीजेपी की नीयत साफ है तो यह नोटिफिकेशन लाए कि सिर्फ बाबा साहेब. लेकिन वह, घालमेल किए बिना रह नहीं सकती.
फिर कोई अगली सरकार अपने हिसाब से कुछ को खारिज करेगी, और अपनी पसंद के नए चेहरे करेंसी पर ले आएगी. अंतहीन विवादों का सिलसिला चल पड़ेगा.
प्रश्न यह है कि क्या इस देश को और नए नए विवादों की जरूरत है?
इसलिए, करेंसी नोट पर अशोक स्तंभ के अलावा कुछ नहीं!
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