🍁माँ सावित्रीबाई फुले 🍁
(3 जन 1831–10 मार्च 1897)
भारत की एक समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्रियों के अधिकारों एवं शिक्षा के लिए बहुत से कार्य किए। महात्मा ज्योतिबाराव फुले द्वारा कन्याओं के लिए खोले गये विद्यालय में सावित्रीबाई भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य की
अग्रदूत माना जाता है। सन् 1852 में उन्होने अछूत बालिकाओं के लिए भी एक विद्यालय की स्थापना की थी।
परिचय
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नेवसे और माता का नाम लक्ष्मी था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1840 में ज्योतिबा फुले से हुआ था।सावित्रीबाई फुले भारत के प्रथम बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा का अग्रदूत और सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है।
ज्योतिराव फुले जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक भी थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एकमिशन की तरह से जीया जिसका
उद्देश्य था
विधवा विवाह करवाना, छुआछात मिटाना, महिलाओं को मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना।
वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। माँ सावित्रीबाई फुले जी के जन्म दिन पर पुष्पांजलि देते हुऐ आप सभी को सादर नमन और सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
धम्म प्रभात, जय फुले, जय भीम, जय कांशीराम।
ओ पी गौतम: महासचिव
आल इंडिया आकाशवाणी एण्ड दूरदर्शन एस सी एण्ड एस टी एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन, आकाशवाणी भवन, नई दिल्ली।
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