ब्राह्मण समाज, बालाघाट (मध्य प्रदेश) का निजी/गुप्त परिपत्रक :
।।जय श्री राम।।
बालाघाट
दिनांक 15 अगस्त 2015
प्रिय मित्रो,
ब्राह्मण समाज की जिला स्तरीय सभा बालाघाट को १५ अगस्त को रखी थी। मीटिंग की अध्यक्षता जबलपुर के आदरणीय संत श्री त्रिवेदी ने की। नीचे दिए हुए ठराव सभा में पारित किये गए:
१. शुद्र समाज के लोग जैसे की पवार, मरार, लोधी, कासार इत्यादि लोगों को धार्मिक काम में उलझाये रखना जिससे की उनका ध्यान राजकीय अधिकारों से वंचित हो जाएगा और जिसकी वजह से वे हमेशा ब्राह्मणवाद के समर्थक बने रहेंगे।
२. अनुसूचित जाती, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अलासंख्यांक लोगों में जो राजकीय जागरूकता विकसित हुयी है उसकी वजह से ब्राह्मणवाद के नेतृत्व को खतरा पैदा हुआ है। इसीलिए उनमें भ्रम और मतभेद पैदा करके उन्हें आपस में लड़ाते रहना।
३. हम लोगों को चौथा वर्ण शुद्र को अपने नजदीक लाना होगा और उन्हें समझाना होगा की भारतीय संविधान हिन्दुओं के खिलाफ है और उसे बदलना होगा। ऐसी जागृति, लोगों में निर्माण करके फैलानी होगी ।
४. सभी ब्राह्मण जात के, चाहे वे किसी भी पार्टी में हो जैसे की कांग्रेस, बीजेपी, कम्युनिस्ट या फिर किसी भी संगठन, सामाजिक, धार्मिक संस्था के हो उन सब को ब्राह्मण और ब्राह्मणवाद को बचाने के लिए एक ही झंडे (ब्राह्मणवाद) के नीचे आना ही होगा क्यों की ब्राह्मणवाद खतरे में हैं।
५. पिछड़ी जात जैसे की पवार, मरार लोधी और अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय जैसे की मुस्लिम,क्रिस्चियन, बुद्धिस्ट इन सब लोगों में आपसी गलतफैमि/भ्रम निर्माण करना होगा, जिससे की ये सब लोग आपस में लड़ झगड़ के एक दुसरे को मार डाले।
६. बहुजन समाज पार्टी (कांशी राम) की राजनीती की वजह से और दलित लोगों में आई जागरूकता की वजह से ब्राह्मणवाद को खतरा पैदा हुआ है। इसका विरोध करने के लिए, हमको ये (झूठ) कहना होगा की ये पार्टी सिर्फ महार और चमारों की है जिसकी वजह से दूसरी नीच जात के लोग ये पार्टी में शामिल ना हो सके।
७. अनुसूचित जाती, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और मुस्लिम कर्मचारियों को चर्बी चढ़ गयी है। इसीलिए उन सब को शारीरिक और मानसिक यातनाये दी जाए और उनके खिलाफ कागजी कारवाई करके उनको अपमानित किया जाए और ये काम जारी ररखा जाए ।
८. ब्राह्मण अधिकारी जो की बड़े हुद्दे /पद पे है वो सब नीच जाती के लोगों में ये संभ्रम पैदा करे की अनुसूचित जाती और जनजाति के ही लोग आरक्षण का फायदा ले रहे है और उनकेलिए आरक्षित रखे हुए पद अनुसूचित जाती और जनजाति को ही दिए जाते है, जिससे की वो सब निचली जात और अनुसूचित जाती/जमाती के लोग एक दुसरे के खिलाफ लड़ते रहे।
९. अगर ब्राह्मण जात एक मंच पे एक साथ ना आये तो ये सबसे शर्मनाक होगा और हम सब का विनाश होगा और हम सब अछूतों के गुलाम होंगे। उनको (अछूतोंको) गुलाम बनाये रखने के लिए, ब्राह्मण की रक्षा करने के लिए और इस देश का ब्राह्मणी नेतृत्व बनाए रखने के लिए हमें सभी तरह की रणनीति अपनानी होगी।
१०. पिछड़े वर्ग का उपयोग करके उसे सबसे आगे रखना होगा, 'जय श्री राम' का नारा देके उनको ढाल बनाके ब्राह्मण की रक्षा करनी होगी और उनको (पिछड़ा वर्ग) गायत्री यज्ञ, ब्रह्माकुमारी संस्था, सत्य साईं बाबा के जरिये धार्मिक कार्य करने में भ्रमित रखना होगा और बुद्धिस्टों को शिव-पत्र के द्वारा भ्रमित किया जाय।
१ १ . अगर इस देश में आंबेडकरवाद आगे बढ़ गया तो गांधीवाद जिसका (गुप्त) मतलब है ब्राह्मणवाद ख़तम हो जाएगा। आर.एस.एस. के महान नेता हेडगेवार, गोलवलकर गुरूजी इनका कोई भी नाम नहीं लेगा। इसीलिए हम लोगों को उनके संगठन में घूसखोरी करके उनकी सभी जानकारी गुप्त तरीके से लेनी होगी, जिससे की हम उनकी योजना जानके उनको असफल कर सके/ हरा सके।
१२. अगर हमें ब्राह्मणवाद को जिन्दा रखने का है तो हमें पिछड़ी जात के लोगों में धार्मिक विचार और धार्मिक भावनावोंको बढ़ाना अनिवार्य होगा, जिससे की वे भ्रमित रहेंगे और अनुसूचित जाती/ जनजाति के युवाओं के साथ लड़ाई/झगडे करते रहेंगे जिससे की जातीय हिंसा पैदा होगी, जिससे की ब्राह्मणोंके बच्चे उनका सरकारी प्रशासन और राजनीति में अधिपत्य कायम रख सकेंगे।
१ ३ . ब्राह्मणवाद को बचने के लिए ब्राह्मण औरतों ने आगे आना चाहिए और ये अति आवश्यक है की ब्राह्मण औरतों ने ब्राह्मणवाद की रक्षा के लिए बलिदान देना चाहिए। ब्राह्मणवाद की रक्षा करने के लिए अगर औरत आगे आती है तो वो सब औरतों को मनुस्मृति के आधार पर पुण्य प्राप्त होगा।
दोस्तों, सभी बातों की गुप्त रूप से लागू की जाए। ये परिपत्र नीच जाती के हाथों में नहीं पहुच जाना चाहिए। ये एक गुप्त/निजी पत्र है।
अध्यक्ष
जिला स्तरीय ब्राह्मण समाज
बालाघाट
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