Wednesday, January 6, 2016
मूलनिवासी समाज की सभी समस्याओं कारण केवल और केवल ब्राह्मणवादी व्यवस्था है
सभी सम्मानित साथियो को जय मूलनिवासी। साथियो हम सभी लोगो को अच्छी तरह पता होना चाहिए की मूलनिवासी समाज की सभी समस्याओं कारण केवल और केवल ब्राह्मणवादी व्यवस्था है। और एक बात अच्छी तरह पता होनी चाहिए की सत्ता परिवर्तन, व्यवस्था परिवर्तन नहीं होता। सत्ता पाने के लिए आप किसी से समझौता कर के सफल हो सकते हो जैसे बहन जी ने 2007 में ब्राह्मणों से समझौता किया था, लेकिन व्यवस्थापरिवर्तन समझौते से सम्भव नहीं है। व्यवस्थापरिवर्तन करने के लिये सफलतापूर्ण संघर्ष करने की आवश्यकता होगी। सफलतापूर्ण संघर्ष करने के लिए 85% का ध्रुवी करण होना अनिवार्य है। अगर 85% का ध्रुवीकरण करना है तो जाति और राजनीति से दूरी बनाकर काम करना होगा,क्योकि वर्तमान में मूलनिवासी समाज को 6743 जातियो में बाटा गया है तथा मूलनिवासी समाज से संम्बंधित अनेको राजनीतिक पार्टिया है। राजनीति की तुलना हाथी (किसी राजनीतिक पार्टी का चुनाव चिह्न से मतलब नहीं) से की जाती है क्योकि जिस तरह हाथी ताकतवर जानवर होता है। उसी तरह राजनीति भी ताकतवर होती है। तो हाथी को वश में करने के लिए मजबूत महावत की जरुरत पड़ती है उसी तरह राजनीति को वश में करने के लिए मजबूत सामाजिक संगठन की जरुरत होती है। इसलिए जाति और राजनीति की बाते छोड़ कर 85% लोगो का मजबूत सामाजिक संगठन बनाने की जरुरत है। तभी राष्ट्रीय जन आंदोलन सम्भव होगा। राष्ट्रीय जनांदोलन होने से ही व्यवस्था परिवर्तन होगा और व्यवस्था परिवर्तन से मूलनिवासी समाज की सभी समस्याओ का अंत होगा। अतः हम सबको जाति और राजनीति में उलझ कर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। पूरी ताकत लगाकर 85% का ध्रुवीकरण करना चाहिए। जय मूलनिवासी। डॉक्टर श्रीकांत रजक
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