धर्म और अंधश्रद्धा के नाम पर बहुजन समाज के लोगो को लूटने और मुर्ख बनाने के सिवा कुछ नही किया ।
शंकराचार्य को पता है कि बुद्ध की वैचारिक क्रांति ने किस तरह ब्राह्मणवाद की जड़ो को हिला कर रख दिया । तथागत बुद्ध के सिद्धान्तों पर चलकर मानवतावादी विचारधारा का प्रचार प्रसार करने वाले अनेक संतो गुरुओ और महापुरुषो ने ब्राह्मणवाद से मुक्ति का अभियान चलाकर बहुजनो में जागृति लाने का महती कार्य किया है ।लोग अब इतने जाग चुके है कि वे पुनः ब्राह्मणवाद के जाल में फसने वाले नही है । बुद्ध के योगदान की बात जान बूझकर उछाली गई है
अम्बेडकरवादियो को हमेशा यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है ।
एक ओर मानवतावादी तो दूसरी और ब्राह्मणवादी
मनुस्मृति का सार्वजानिक दहन करने वाले dr अम्बेडकर 125 वी जयंती के नाम पर मनुवादियों के लिये पूजनीय होने का मतलब खतरे का संकेत है
मोदी बौद्ध राष्ट्रों से आर्थिक
सहयोग की लालसा में बुद्ध की बात करता है परन्तु बौद्ध गया महाबोधि विहार
बौद्धों को सौपने की बात नही करता ।
बहुजनो सावधान 👈
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