Friday, January 8, 2016

ऐसे महान विद्वान पंडित मंत्रों से बारिश करवा देने का दावा करते थे


दिनांक 27 दिसंबर 2015 को तेलंगाना में सात करोड़ रुपयों से तैयार किए गए भव्य पंडाल में देश की शांति के लिए यज्ञ चल रहा था जिसमें ऐसे महान विद्वान पंडितों को बुलाया गया था कि वह मंत्रों से बारिश करवा देने का दावा करते थे।
इस यज्ञ में मुफ्त का टनों के हिसाब से देशी घी इकट्ठा कर रखा था,पंडितों ने यह भी नहीं सोचा कि हवन में इतना अधिक घी झोंक रहे हो,इससे आग भी लग सकती है परन्तु  पंडितों की विशेषता होती है कि मुफ्त का माल खाने को मिल जाये तो पेट खराब होने की चिंता नहीं करते एवं हवन के  समय मुफ्त का घी यज्ञ के लिए मिल जाये तो आम लगने की भी परवाह नहीं करते हैं।  यहां भी ऐसा ही हुआ, हवन में जल्दी जल्दी व अधिक मात्रा में घी डालने के कारण पंडाल में आग लग गई,आग लगते ही कई भक्तगण आग आग  चिल्लाना शुरू कर दिया तो पंडित भक्तिों पर गुस्सा करने लगे एवं कहने लगे कि ऐसे चिल्ला कर तुम लोग अग्नि देवता का अपमान करने का काम कर रहे हो,इतने में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया तो किसी भक्त ने पंडितों को याद दिलाया कि जिन मंत्रों से बारिश शुरू होती है वे मंत्र बोलना शुरू करो,इस पर पंडित जी कहने लगे कि आग लगे उन मंत्रों को हमें हमारी जान बचाने दो।
चारों ओर भगदड़ मच गई,कई पंडितों की धोती जल गई और देखते ही देखते सात करोड़ रुपये की पंडाल खाक में मिल गई,वहाँ उपस्थित मुख्यमंत्री की एक आवाज पर फायर ब्रिगेड की बहुत सारी गाड़ियां आग बुझाने में जुट गई।
इस अग्नि कांड से करोड़ों रुपयों के नुकसान का तो पंडितों को तनिक भी दुख नहीं है यदि उनको दुख है तो इस बात का है कि  जनता के सामने हमारे उन झूठे दावों की पोल खुल गई कि मंत्रों से बारिश होती है।



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