Sunday, January 10, 2016

"जयभीम" की गुंज से, बनती अपनी महफिल है !

🍁        नमो  भिमाय        🍁
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      बाबा तेरी राह पर चलकर,
      हर मोड एक मंजिल है !

      "जयभीम" की गुंज से,
      बनती अपनी महफिल है !

      कौन अपना-कौन पराया,
      सब यहाँ पर भाई-भाई है !

      करने पुरा सपना तुम्हारा,
      सभी बने तेरे अनुयायी !

      प्रांत अनेक पर मकसद एक,
      पुकारता हर दिल हैं !

      "जयभीम" की गुंज से
      बनती अपनी महफिल हैं !

      बाट रहे हैं सभी यहाँ पर,
      अपना अपना किस्सा !

      तुम भी आ जाओ भाई,
      दे दो अपना हिस्सा !

      सूरज थे अपने बाबासाहेब,
     सितारों की अपनी झिलमिल हैं !

      "जयभीम" की गुंज से
      बनती अपनी महफिल हैं !

      मिल जाए जो जयभीम वाले,
      तो "भीमराज्य" भी आएगा !

      सुधर गए बुद्ध शरण में हम तो,
      देश भी बदल जाएगा !

      रंगो की क्या बात करे हम,
      जब लहराता पंचशील हैं !

      "जयभीम" की गुंज से
      बनती अपनी महफिल हैं !
🙏🏽जय भिम 👮🏼जय समता🙏🏽

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