पाटॅ :- 2 - धम्माचार मायश्री भावे के ...
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साथियों हमारे महापुरुषों के इतिहास को हमारे ही कुछ लोगों ने बदल डाला है , । महापुरुष धणी मातंग ऐक महान बुद्धिस्ट प्रबोधन कार थे धम्म के प्रचारक थे ।
यह जानकारी हमारी समाज के लोगो को नही है , महापुरुष धणी मातंग का ऐक वेद है जिसमें उन्होंने कहा है , बुद्ध मटी के कोयडो अली भड थई आयो गंगा जमुना मे पंढ के परखेयो सोज थई मातंग मेधवारे जे गरे आयो " ईसमे कही भी संकर या महादेव का नाम नहीं है फिरभी हमारी समाज के लोग धणी मातंग को संकर का अवतार कहते हैं , धणी मातंग कभी भी मुर्ती पुजा में विशवास नही करते थे , इसपर भी महापुरुष धणी मातंग ने वेद में कहा है , भोत मो पुजयो मेधवार भोत पुजे भव बगाडीधा पुजयो पंढ तणो आप मनखे मजा डेव थींधा नाय डेवेजी बायकोई खाण . .
फिरभी हमारी समाज के लोग मंदिर ओर मुर्ती की पुजा करते हैं , हमारी समाज के लोग तीर्थ करने केलीये चारधाम यात्रा जाते हैं , उसपर भी महापुरुष धणी मातंग ने कहा है , माता तीरथ पिता तीरथ तीरथ आय जैठीबधव वचन वचन जो गुरुतीरथ मोटो तीरथ अभयागत माता पिता जेते प्रसन्न अडसठ तीरथ माता ने पिता ।
महापुरुष धणी मातंग ने हमारी मायश्री समाज को सत्य क्या है यह बताया है महापुरुष धणी मातंग ने हंमे बारमती पंथ दिया है यानी ऐक अलग रास्ता ओर उसपर चलने का आदेष दिया है ।
मे पुछना चाहुंगा की कितने मायश्री मेगवार धणी मातंग की बातो को मानते हैं .?
कितने मायश्री मेगवार धणी मातंग के बताये रास्ते पर चलते हैं ..?
मुझे तो कोई भी नही दिखता । साथियों आज हमारे पास पास शिक्षा हे तकॅ करने की बुद्धि है फिरभी हंम दुसरो के जुठे इतिहास को अपना मानकर चलते हैं ,
यह है हमारी समाज की कमजोरी यही बात है कि हंम ऐक नही होपारहे है , ।
महापुरुष धणी मातंग ने अढार वणॅ को ऐक करने की बात कही है , होसकता है उस समय अढार वणॅ हो जोकी धणी मातंग के समय में वणॅवैवसथा थी , ।
ओर आजके इस समय में वणॅवैवसथा नही है जातिवाद है इसलिए धणी मातंग ने कहा है अढार वणॅ को ऐक करो उस समय के अढार वणॅ आजके समय की छे हजार जातियां , छे हजार जातियों को जोडने का आदेश हंम मायश्री समाज ओर मातंग समाज को महापुरुष धणी मातंग ने दिया है ।
साथियों हमारी समाज को सही जानकारी नहीं है इसलिए समाज भटक गई है , महापुरुष धणी मातंग की सही वाणी को समजो ओर समाज को जागृत करो
नोट:- यह जानकारी मेरा तकॅ हैं में यह कदापि नहीं कहता कि सभी लोग मेरी बात का यकीन करे यह मेरी सोच मेरा तकॅ हैं । जो मेने वेद आधारित लिखा है ,
आप भी अपना तकॅ ओर विवेक बुद्धी का प्रयोग कर सही ओर गलत में फकॅ कर सकते हैं ।
जय धणी मातंग 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
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