Monday, October 17, 2016

नास्तिक सम्मेलन पर हिन्दुत्ववादीयों ने हमला किया

नास्तिक सम्मेलन पर हिन्दुत्ववादीयों ने हमला किया ၊

महिलाओं तक की पिटाई करी गई और उनके कपड़े फाड़ दिये गये ၊

हमला करने का कोई कारण नहीं था ၊

भारत के संविधान में हर नागरिक को अपनी आस्था की आज़ादी है ၊

किसी को हिन्दु विचार मे आस्था हो सकती है ,

किसी को मुस्लिम विचार मे आस्था हो सकती है ,

किसी को नास्तिक विचार पर आस्था हो सकती है ၊

किसी की आस्था के आधार पर भारत के नागरिक पर हमला नहीं किया जा सकता ၊

लेकिन हिंदुत्ववादियों ने हमला किया ၊

हिंदुत्ववादियों के हमले का मनोविज्ञान डरावना है ,

वे मानते हैं कि हम जो लोग नास्तिक बने हैं उनके नाम हिन्दुओं जैसे हैं ,

इसका अर्थ है हिन्दु लोग हिन्दु धर्म छोड़ रहे हैं ၊

यानी अगर कोई हिन्दु अगर नास्तिक बनता है तो यह हिन्दु धर्म का अपमान है ၊

दो दिन से हिन्दुत्ववादी हमें यही गालियां दे रहे हैं ,

और हम से कह रहे हैं कि दम है तो मुसलमानों को नास्तिक बना कर दिखाओ ,

इसका अर्थ साफ है ,

हिन्दुत्ववादी लोग हिन्दुओं के नास्तिक बनने को अपने धर्म का अपमान और हिन्दु धर्म के लिये चुनौती मान रहे हैं ၊

लेकिन उससे भी ज्यादा बड़ा खतरा सरकार का इस मामले में बदमाशी पूर्ण रवैय्या है ,

प्रशासन के एक बड़े अधिकारी ने नास्तिक सम्मेलन के कार्यकताओं से पूछा कि आप ये राष्ट्रविरोधी गतिविधियां क्यों कर रहे हैं ?

कार्यक्रम के कार्यकर्ता भौंचक रह गये ,

नास्तिक होना देशद्रोह कैसे हो गया ?

भगत सिंह नास्तिक थे , तो क्या भगत सिंह राष्ट्रद्रोही थे ?

क्या हिन्दुत्व ही राष्ट्रवाद है ?

इसका अर्थ है अब सरकार वैसा ही सोचती है जैसा संघ चाहता है ,

नास्तिक सम्मेलन पर आज का हमला संघ और सरकार ने मिल कर किया है ၊

यह हमला भगत सिंह पर संघ का हमला है ၊

आजादी से पहले भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं नें भगत सिंह की फांसी का मजाक बनाया था,

और भगत सिंह का अपमान किया था ၊

यह हमला देश के संविधान और लोकतन्त्र पर हमला है ၊

मतलब अब देश मे आपको वही सोचना पड़ेगा जो गुन्डा अमित शाह चाहता है ၊

अगर आप उस गुन्डे के अनुसार नहीं सोचेंगे ,

तो उसके गुन्डे आप पर , माहिलाओं पर , आपकी सभा पर, नाटक पर , फिल्म शो पर, हमला कर देंगे ၊

इस देश के लोगों को अब सोचना ही होगा ,

कि भारत के नागरिकों की स्वतन्त्रता और लोकतन्त्र को चन्द गुंडों द्वारा नष्ट करने को बर्दाश्त किया जा सकता है क्या ?

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