Tuesday, October 16, 2018

काँग्रेस और गाँधी ने अछूतों के लिए क्या किया? - डॉ. भीमराव आंबेडकर जी

डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की लिखित "काँग्रेस और गाँधी ने अछूतों के लिए क्या किया?," न केवल भारत के राजनैतिक इतिहास का ही बल्कि काँग्रेस की कारगुजारियों का भी इतिहास है। आज तक अनुसूचित जाति के लोग (जिन्हें अछूत कहा जाता था, जैसे कि महार, चमार, बाल्मीकि, बैरवा, मेघवाल, खटीक, मुसहर, पासी, मडगा, कोरी, कोली, बलाई, धोबी, दुसाध, डोम, रैगर, शिल्पकार आदि) भर-भर कर काँग्रेस को वोट देते आए हैं, पर यदि उन्होंने यह पुस्तक पढ़ी होती तो उन्हें पता चलता कि काँग्रेस ने उनके साथ क्या किया। आज के ओ.बी.सी (जिन्हे शूद्र मना जाता था, जैसे की तेली, लोहार, बढ़ई, यादव, जाट, कायस्थ और सुनार (जो शूद्र माने जाते थे पर ओबीसी में नहीं आते) आदि के संसद में प्रतिनिधित्व के बारे में हिन्दू (ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय) नेताओं के क्या विचार थे ? इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि काँग्रेस किस प्रकार से एक जाति विशेष की ही पार्टी है और जब वह दूसरी जातियों जैसे कि क्षत्रिय या वैश्य में से किसी को प्रतिनिधि बनाते हैं तो किस प्रकार भेदभाव करते हैं। यह बीते समय की नहीं बल्कि आनेवाले समय की पुस्तक है। इस पुस्तक को डॉ. आंबेडकर जी ने अपने दीर्घ कालीन कार्यों के बाद लिखा, सो यह भारत के राजनैतिक इतिहास का एक जबरदस्त विश्लेषण है। इस पुस्तक को प्रत्येक भारतीय को और जो भारत की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। हिन्दुओं ने अछूतों के उद्धार के लिए हाथ पीछे क्यों खींच लिए ? क्या गाँधी वर्णवाद में विश्वास रखते थे ? गाँधी किस प्रकार अंग्रेजों को बेवकूफ बनाते थे ? क्या गाँधी जानते थे कि स्वतंत्र भारत की सत्ता बड़े उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी ? क्या गाँधी सच में महात्मा कहलाने लायक थे ? क्या गाँधी को अछूतों की सच में परवाह थी ? कई बार अनशन करनेवाले गाँधी ने क्या कभी अछूतों के उद्धार के लिए अनशन किया ? अछूतों को मिले अधिकारों को समाप्त करने में गाँधी की भूमिका क्या थी ? भारत की स्वतंत्रता का आंदोलन सच में किस जाति विशेष की सवतंत्रता का आंदोलन था ? आखिर क्यों एक जाति विशेष अंग्रेजों के सबसे अधिक शत्रु बन गए ? क्या गाँधी सच में एक साधु के रूप में भौतिकवादी नहीं थे ? स्वतंत्रता आंदोलन के नाम पर दान स्वरूप एकत्र की गई कितनी राशि को गाँधी ने अपने लिए रखा और कितनी राशि किन-किन राज्यों पर खर्च की? गाँधी क्या सच में देश के नेता थे या मात्र एक पार्टी के नेता ? इतिहास के ऐसे ज्वलंत प्रश्नों और मोहनदास कर्मचंद गाँधी के नजरिये को डॉ. आंबेडकर जी की दृष्टि से बताती एक महत्वपूर्ण पुस्तक। यदि आप इसे पढ़ना चाहते हैं तो आज ही ऑर्डर करें। इसे फोन पर ऑर्डर करके या या वेबसाइट पर ऑर्डर करके प्राप्त कर सकते हैं। पेमेंट पेटीएम से अथवा बैंक में अथवा वेबसाइट पर अथवा भीम एप से दें। संपर्क : 8851188170, 8447913116. BHIM App : nspmart@upi
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