Thursday, August 11, 2011

कुछ लोग दुखी है कि कुछ लोगों ने आरक्षण फिल्म विवाद में पाला बदल लिया है। उनके लिए प्रेम कुमार मणि की लाइनें: राम राज में दलितों-पिछड़ों के लिए दो विकल्प होते हैं। एक यह कि चुप रहो, पूंछ डुलाओ, चरणों में बैठो – हनुमान की तरह। चौराहे पर मूर्ति और लड्डू का इंतजाम पुख्ता रहेगा।
दूसरा है शंबूक का विकल्प। यदि जो अपने सम्मान और समानाधिकार की बात की तो सिर कलम कर दिया जाएगा। हम अपने अपने विकल्प चुनते हैं। - Dilip Mandal

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