Thursday, August 11, 2011

मैन्युफैक्चरिंग कसेंट और प्रोपोगेंडा मॉडल को समझने के लिए लोग बेकार ही नोम चोम्स्की और एडवर्ड एस हरमन को पढ़ते हैं. एक हफ्ते तक भारतीट मीडिया में आरक्षण फिल्म को लेकर जो बहस चली, उसे देख लेना काफी है। जाति के प्रश्न पर अपनी जाति दिखाने से भारतीय मीडिया कभी नहीं चूकता। एक बार भी नहीं। -Dilip Mandal

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