मोदीजी ने पांच सौ ओर एक हजार के नोट देश में बंद करने का ऐलान किया!
👉🏻क्या ये फैसला देशवासियों के हित में है?
👉🏻क्या ये भारतवासियों के स्वाभिमान का अपमान नहीं?
नोट बंद करने का ये फैसला सिर्फ ओर सिर्फ इसलिये लिया गया की कालेधन पर लगाम लगाने के लिए? लेकिन मेरा प्रश्न है मोदीजी से इस देश में कितने कालाबाजारी है ओर कोन है पहले ये तो बताये
चलो हम ही बता देते है
👉🏻कालाबाजारी इनमें से ही एक होते है
या तो बडे नेताजी
या बडे अफसर
या बडे उधोगपती
ओर पुरे देश में इनकी संख्या छोटे मोटे नये पुराने आधे अधुरे पुरे कालाबाजारीयो की जोडे तो एक हजार
चलो पांच हजार
चलो ओर बडा दिये
पचास हजार
चलो ओर बडा दिया जनसंख्या भी तो बहुत बड़ी है एक लाख
चलो ओर फाइनल संख्या बता देते है इसके बाद तो काली भीत है
पांच लाख कालाबाजारी ओर कालधन रखने वाले
👉🏻पांच लाख कालाबाजारी ओर इनके कालधन का पता सरकार नहीं लगा सकती तो सरकार ने एक सौ तीस करोड़ भारतीयों को ही कालाबाजारी समझकर पांच सौ/एक हजार के नोट पर रोक लगाने का ऐलान किया
क्या ये मास्टर स्टोक है
क्याआप भी कलाधन रखते है या कालाबाजारी है?
नहीं तो फिर आप इसके शिकार क्यों
एक सौ तीस करोड़ भारतीय पर ये तुगलकी फरमान क्यों?
क्या इस देश का आम नागरिक बेईमान कालाबाजारी है/कालधन रखता है
आप पांच लाख पर अंकुश नहीं कर सके तो एक सौ तीस करोड़ लोगों पर फैसला थोप देते है?
क्या इस देश का मध्यम परिवार कालाबाजारी है?
क्या इस देश का गरीब परिवार कालाबाजारी है?
पांच सौ ओर एक हजार के नोट बंद करने का सबसे बडा असर इस देश के छोटे व्यापारी ओर किसानों पर पडेगा
किसान माल बेचकर आयेगा तो पहले पचास हजार जेब या अंटीजेब में डालकर सुरक्षित घर आ जाता था
ओर अब पचास हजार लाते समय उसे एक थैला हर समय साथ रखना पडेगा ओर उसे हर समय थैला चोरी ना हो जाये का भय रहेगा
चोरी का डर
थैला गुम हो जाने का डर
ओर न जाने क्या क्या डर
दुसरी तरफ छोटे दुकानदार माल खरिदने जाते समय छोटी मोटी पचास हजार से एक लाख की रकम जेब ओर अंटीजेब में ही बस या ट्रेन में ले जाते
लेकिन अब एक बडा सुटकेश साथ में रखना पडेगा ओर वहीं डर ओर चिंता "चोरी ओर लुट की "
ऐसे कई उदाहरण है कल जब atm जाये तो हर भारतीय बीस हजार से ज्यादा रूपये लेने हो तो सुटकेश साथ ले जाये
कुल मिलाकर हर भारतीय को हमाल /कुली बना दिया?
पांच सो ओर एक हजार के नोट बंद करने से पहले कम से कम एक बार इस देश के मध्यम ओर गरीब परिवार को तो पुछ लेते
या फिर एक दिन का ट्रायल रखते फिर दूसरे दिन इस देश की आवाज सुनकर सरकार इतना बडाकदम उठाती?
किसी देश की मुद्रा बंद होना कमजोरियां की निशानी है ?
सरकार कालाबाजारी ओर कालधन पर अंकुश लगाना चाहती है या हर भारतीय को परेशान करना चाहती है?
सरकार कालधन लाने या कालाबाजारी व कालाधन रोकने में नाकाम रही तो तुगलकी फरमान पुरे देशवासियों पर थोप देना क्या उचित है?
हर नागरिक कालाबाजारी नहीं है वो एक स्वाभिमानी भारतीय है
👉🏻ये मेरे पांच सो ओर एक हजार के नोट बंद करने पर मेरे निजी विचार है क्योंकि में कालाबाजारी नहीं हूं नहीं मेरे पास कोई कालधन है
में एक भारतीय हूँ ओर मुझे भारतीय होने पर गर्व है ओर इस देश की मुद्रा मेरा गौरव है ना की श्राप
-सुरेश खटनावलिया
👉🏻क्या ये फैसला देशवासियों के हित में है?
👉🏻क्या ये भारतवासियों के स्वाभिमान का अपमान नहीं?
नोट बंद करने का ये फैसला सिर्फ ओर सिर्फ इसलिये लिया गया की कालेधन पर लगाम लगाने के लिए? लेकिन मेरा प्रश्न है मोदीजी से इस देश में कितने कालाबाजारी है ओर कोन है पहले ये तो बताये
चलो हम ही बता देते है
👉🏻कालाबाजारी इनमें से ही एक होते है
या तो बडे नेताजी
या बडे अफसर
या बडे उधोगपती
ओर पुरे देश में इनकी संख्या छोटे मोटे नये पुराने आधे अधुरे पुरे कालाबाजारीयो की जोडे तो एक हजार
चलो पांच हजार
चलो ओर बडा दिये
पचास हजार
चलो ओर बडा दिया जनसंख्या भी तो बहुत बड़ी है एक लाख
चलो ओर फाइनल संख्या बता देते है इसके बाद तो काली भीत है
पांच लाख कालाबाजारी ओर कालधन रखने वाले
👉🏻पांच लाख कालाबाजारी ओर इनके कालधन का पता सरकार नहीं लगा सकती तो सरकार ने एक सौ तीस करोड़ भारतीयों को ही कालाबाजारी समझकर पांच सौ/एक हजार के नोट पर रोक लगाने का ऐलान किया
क्या ये मास्टर स्टोक है
क्याआप भी कलाधन रखते है या कालाबाजारी है?
नहीं तो फिर आप इसके शिकार क्यों
एक सौ तीस करोड़ भारतीय पर ये तुगलकी फरमान क्यों?
क्या इस देश का आम नागरिक बेईमान कालाबाजारी है/कालधन रखता है
आप पांच लाख पर अंकुश नहीं कर सके तो एक सौ तीस करोड़ लोगों पर फैसला थोप देते है?
क्या इस देश का मध्यम परिवार कालाबाजारी है?
क्या इस देश का गरीब परिवार कालाबाजारी है?
पांच सौ ओर एक हजार के नोट बंद करने का सबसे बडा असर इस देश के छोटे व्यापारी ओर किसानों पर पडेगा
किसान माल बेचकर आयेगा तो पहले पचास हजार जेब या अंटीजेब में डालकर सुरक्षित घर आ जाता था
ओर अब पचास हजार लाते समय उसे एक थैला हर समय साथ रखना पडेगा ओर उसे हर समय थैला चोरी ना हो जाये का भय रहेगा
चोरी का डर
थैला गुम हो जाने का डर
ओर न जाने क्या क्या डर
दुसरी तरफ छोटे दुकानदार माल खरिदने जाते समय छोटी मोटी पचास हजार से एक लाख की रकम जेब ओर अंटीजेब में ही बस या ट्रेन में ले जाते
लेकिन अब एक बडा सुटकेश साथ में रखना पडेगा ओर वहीं डर ओर चिंता "चोरी ओर लुट की "
ऐसे कई उदाहरण है कल जब atm जाये तो हर भारतीय बीस हजार से ज्यादा रूपये लेने हो तो सुटकेश साथ ले जाये
कुल मिलाकर हर भारतीय को हमाल /कुली बना दिया?
पांच सो ओर एक हजार के नोट बंद करने से पहले कम से कम एक बार इस देश के मध्यम ओर गरीब परिवार को तो पुछ लेते
या फिर एक दिन का ट्रायल रखते फिर दूसरे दिन इस देश की आवाज सुनकर सरकार इतना बडाकदम उठाती?
किसी देश की मुद्रा बंद होना कमजोरियां की निशानी है ?
सरकार कालाबाजारी ओर कालधन पर अंकुश लगाना चाहती है या हर भारतीय को परेशान करना चाहती है?
सरकार कालधन लाने या कालाबाजारी व कालाधन रोकने में नाकाम रही तो तुगलकी फरमान पुरे देशवासियों पर थोप देना क्या उचित है?
हर नागरिक कालाबाजारी नहीं है वो एक स्वाभिमानी भारतीय है
👉🏻ये मेरे पांच सो ओर एक हजार के नोट बंद करने पर मेरे निजी विचार है क्योंकि में कालाबाजारी नहीं हूं नहीं मेरे पास कोई कालधन है
में एक भारतीय हूँ ओर मुझे भारतीय होने पर गर्व है ओर इस देश की मुद्रा मेरा गौरव है ना की श्राप
-सुरेश खटनावलिया
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