मैन्युफैक्चरिंग कसेंट और प्रोपोगेंडा मॉडल को समझने के लिए लोग बेकार ही नोम चोम्स्की और एडवर्ड एस हरमन को पढ़ते हैं. एक हफ्ते तक भारतीट मीडिया में आरक्षण फिल्म को लेकर जो बहस चली, उसे देख लेना काफी है। जाति के प्रश्न पर अपनी जाति दिखाने से भारतीय मीडिया कभी नहीं चूकता। एक बार भी नहीं। -Dilip Mandal
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