डाॅ. आंबेडकर जी के इस लेख का हिंदी में अनुवाद पहली बार किया गया है। अनुवादक हैं निखिल सबलानिया जो दस वर्षों से डाॅ. आंबेडकर जी के विचारों को जनमानस तक पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं।
यह एक सरल भाषा का अनुवाद है जो निखिल सबलानिया द्वारा किया गया है।
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मित्रों, ऐसे कार्य करने के लिए शिक्षा, समय, ऊर्जा, लगन और धन की आवश्यकता पड़ती है। शिक्षा है, लगन है, मेहनत करते हैं, पर धन का अभाव ही रहता है। इस कमी को दूर करने के लिए आप दान दे सकते हैं। ऐसे आप डॉ. आंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देंगे, उनके कार्य को आगे बढ़ांएगे, समाज को एक नई दिशा देंगे और हमरी भी मदद करेंगे कि हम भी आपके साथ जुड़ कर डॉ. आंबेडकर जी के विचारों को आगे बढ़ा सकें।
पुस्तक के बारे में -
इस पुस्तक में भारत में ईसाई धर्म के प्रचार से लेकर भारत के ईसाईयों की समस्याओं पर जो बातें लिखी हैं वह न केवल एक ऐतिहासिक तथ्य ही है बल्कि वर्तमान का सत्य भी है। आज भी भारत में ईसाईयों को और विशेषकर अंग्रेजों को बुरी दृष्टि से देखा जाता है। पर यह इतिहास नहीं बताया जाता कि ईसाई मिशनरियों ने भारत के लोगों को कितना फायदा पहुँचाया है। यह लेख केवल भारत के संदर्भ में ही नहीं है बल्कि विश्व इतिहास का भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। इस पुस्तक में सरल शब्दों के साथ-साथ शब्दों के एक से अधिक अर्थों को ब्रैकेट में लिखा है जिससे कि पाठक को यह पुस्तक समझ में आ जाए। एक और बात जो कि पाठकों को ध्यान में रखनी है वह यह है कि इस पुस्तक का अनुवाद करते समय डॉ. आंबेडकर जी के वाक्यों को ज्यों-का-त्यों अनुवाद करने का पूर्ण प्रयत्न्न किया है। हालाँकि इससे कुछ जटिलता आती है पर इससे असली लेख के रूप में बदलाव नहीं आता।
निखिल सबलानिया का जन्म दिल्ली में हुआ। उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक, सिनेमा में डिप्लोमा व एल. एल. बी. किया है। 2009 से वह डॉ. आंबेडकर जी के मिशन से जुड़ गए और बौद्ध धम्म पर अनेक लेख लिखे। उन्होंने बौद्ध शास्त्रों का भी अध्ययन किया और बौद्ध धम्म के विषयों पर कई वीडियो भी बनाएं। वह फिल्म निर्देशक और लेखक भी हैं और फिल्मों के लिए भी लिखते हैं। विगत वर्षों में उन्होंने पुस्तकों, वीडियों और लेखों के माध्यम से डॉ. आंबेडकर जी के विचार और साहित्य को जनमानस तक पहुंचाया। वह कम आयु में ही बाबा साहिब जी के सपने को साकार करने के लिए लग पड़े और डॉ. आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ाने में लग गए।
लेखक के रूप में रचनाएं :
(1) बाबा साहिब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की अमर कथा (डॉ. आंबेडकर जी की संक्षिप्त जीवनी) ; www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(2) डॉ. आंबेडकर और बौद्ध धम्म (डॉ. आंबेडकर जी का धम्म दीक्षा समारोह में दिया 1956 का भाषण, बौद्ध संस्कार व पूजा पद्धतियां और बौद्ध धम्म के महत्त्व पर अनेक लेखों के साथ रंगीन चित्रों में पुस्तक); www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
उन्होंने डॉ. आंबेडकर जी की तीन पुस्तकों का अनुवाद भी किया है :
(1) शूद्र कौन थे ? और वे भारतीय वर्ण व्यवस्था का चौथा वर्ण कैसे बने ?(अप्रकाशित)
(2) अछूत और ईसाई धर्म (Amazon पर उपलब्ध है।) www.nspmart.com पर उपलब्ध है, लॉकडाउन के बादऑर्डर कर सकते हैं।
(3) जाति का संहार (एनिहिलेशन ऑफ कास्ट् और कास्ट्स इन इंडिया ) (अप्रकाशित)
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नोट: यह अप्रकाशित प्रति है जिसमें स्पेलिंग मिस्टेक हो सकती है। बाद में उन्हें सुधार कर पुस्तक प्रकाशित की जाएगी।
*जय भीम नमो बुद्धाय*